पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति – Teaching Aptitude Notes PDF
पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति – Teaching Aptitude Notes PDF :- हैलो दोस्तो पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति विद्यार्थियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह हमें छात्रों की प्रगति को मापने और उन्हें संशोधित केरने का अवसर प्रदान करती है। अभिवृत्ति से छात्रों को सम्मान, प्रोत्साहन और गुणवत्ता के आधार पर बढ़ावा मिलता है। इसके साथ ही, यह उनकी क्षमताओं और कमजोरियों को समझने में मदद करती है और संगठनात्मक क्षमता, समय प्रबंधन, विचारशीलता और समस्या समाधान कौशल का मूल्यांकन करती है। पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति छात्रों को स्वयं के प्रति जागरूक और स्वयंसेवा के महत्व को समझाने में भी मदद करती है।
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- पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे हमारी शिक्षा और विकास में सुधार होता है। प्रत्येक वर्ष, हम नए विषयों को सीखते हैं और नई कौशलों का विकास करते हैं। इसलिए, पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति हमारे शिक्षा कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।
- पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति के द्वारा हमें अपनी प्रगति को मापने का मौका मिलता है। हम अपने द्वारा पढ़े गए विषयों पर परीक्षा देते हैं और अपनी ज्ञान का स्तर जांचते हैं। यह हमें पता चलता है कि कितनी समझ और ज्ञान हमने प्राप्त किया है और किन क्षेत्रों में हमें और मेहनत करनी होगी। पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति हमें स्वयं को स्वीकार करने के लिए भी प्रेरित करती है, जैसे कि हमें अधिक पढ़ाई की आवश्यकता हो सकती है या किसी विषय में अपनी कमजोरी को सुधारने की जरूरत हो सकती है।
- पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति हमें नए और महत्वपूर्ण ज्ञान का अनुभव देती है। हम नए विषयों के बारे में सीखते हैं, नई विचारधारा को समझते हैं और नए कौशलों का अध्ययन करते हैं। यह हमारे मस्तिष्क को स्थायी रूप से विकसित करता है और हमें अपने विचारों और विचारधाराओं को विस्तारित करने की क्षमता प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह हमें सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी विकसित करता है, क्योंकि हम नए और विभिन्न विषयों के माध्यम से दुनिया के विभिन्न मुद्दों को समझते हैं।
- इसके अलावा, पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति हमारे स्वयं स्वास्थ्य के बारे में भी संवेदनशीलता बढ़ाती है। जब हम नए विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हमारा मस्तिष्क सक्रिय रहता है और हमारी सोच तेज होती है। इससे हमारी मेमोरी को भी स्थायी बनाने में मदद मिलती है और हमें अपनी मेहनत के फल को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।
- अंत में, पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति हमें सफलता की अनुभूति प्रदान करती है। जब हम अपने पाठ्यक्रम में उच्चतम ग्रेड प्राप्त करते हैं या नए कौशलों का सफलतापूर्वक अध्ययन करते हैं, तो हमें आत्मविश्वास की भावना मिलती है। हमें यह भी मालूम होता है कि हमने मेहनत से अपने लक्ष्य को प्राप्त किया है और हमारी कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता है।
- इस प्रकार, पाठ्यक्रम के प्रति अभिवृत्ति हमारे शिक्षा और विकास के लिए आवश्यक है। यह हमें स्वयं को मापने, नए ज्ञान का अध्ययन करने, स्वास्थ्य को सुधारने और सफलता के अनुभव को प्राप्त करने में मदद करती है।
1. किसी पाठ्यक्रम की प्रभावोत्पादकता के निर्धारण में निम्नलिखित में से कौन-सा प्रमुख कारक है?
(a) समुदाय का सहयोग
(b) शिक्षक की प्रभावशीलता
(c) छात्र परिषद् की रुचि
(d) प्रशासनिक नेतृत्व
2. एक छोटे आकार वाले हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में प्रमुखता दी जानी चाहिए-
(a) कॉलेज के लिए छात्रों की तैयारी सम्बन्धी कार्यक्रम को
(b) समुदाय की माँगों की पूर्ति को
(c) छात्रों को अधिकाधिक वैकल्पिक विषयों के चयन की अनुमति
(d) छात्रों को विभिन्न व्यवसायों का प्रशिक्षण
3. निम्नलिखित में से कौन-सा हाईस्कूल स्तर की पाठ्य वस्तु में प्रमुख निर्धारक है?
(a) पाठ्यक्रम निर्माणकर्ता
(b) शिक्षक
(c) छात्र
(d) पाठ्य-पुस्तक लेखक
4. आधुनिक शैक्षिक सिद्धान्त के अनुसार पाठ्यक्रम को होना चाहिए-
(a) किसी विषय में उपलब्ध सर्वोत्तम पाठ्यपुस्तक के अनुरूप पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाए
(b) अनुभवी व्यक्तियों द्वारा सहकारिता के आधार पर नियोजित किया जाए, किन्तु छात्रों के सुझाव भी सम्मिलित किए जाएं
(c) छात्रों द्वारा सामान्य ढंग से नियोजित एवं विस्तृत
(d) सरकारी एजेन्सी द्वारा अधिकृत पाठ्यक्रम को समस्त विद्यालयों में समान रूप से लागू किया जाए
5. अधिकांश विद्यालय प्रशासकों को आजकल यह दृष्टिकोण है-
(a) पाठ्य सहगामी क्रियाओं को विद्यालयी जीवन का अंग न समझा जाए
(b) छात्रों द्वारा प्रारम्भ की जाने वाली क्रियाओं को दैनिक विद्यालयी क्रिया-कलापों का अंग माना जाए
(c) पाठ्य सहगामी क्रियाओं को अन्य शिक्षण क्रियाओं से पृथक् किया जाए
(d) जो छात्र इन क्रियाओं में भाग लेते हैं उन्हें हतोत्साहित किया जाए
6. पाठ्येत्तर क्रियाओं का विकास होना चाहिए-
(a) सामुदायिक आवश्यकताओं के अनुभव के आधार पर
(b) PTA (माता-पिता एवं शिक्षक संगठन) द्वारा तैयार सुदृढ़ योजना के आधार पर
(c) छात्रों द्वारा अभिव्यक्त आवश्यकताओं एवं रुचियों के आधार पर
(d) सभी क्लबों के प्रभावी पर्यवेक्षण के
7. अधिकांश विद्यालयी प्रशासन छात्रों के निम्नलिखित कार्यों का अनुमोदन करने में हिचकिचाते हैं-
(a) छात्र समितियाँ
(b) छात्र सुरक्षा गार्ड
(c) छात्र कोर्ट
(d) छात्रों द्वारा कक्षा के शिक्षण में सहायता
8. यद्यपि विद्यालय समिति एवं छात्र परिषदों में छात्रों का बढ़-चढ़कर भाग लेना एक अच्छी बात है, इसे बावजूद प्रधानाचार्य को निम्नलिखित अधिकार अपने पास सुरक्षित रखना चाहिए-
(a) समस्त छात्र निर्णयों की उपेक्षा करना
(b) छात्रों द्वारा मत अभिव्यक्त करने से पूर्व उस विषय पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करना
(c) छात्र समितियों की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता करना
(d) अन्तिम निर्णय लेने से पूर्व अपनी आकांक्षा से परिचित कराना
9. पाठ्येत्तर क्रियाएं होनी चाहिए-
(a) दैनिक कक्षाओं के क्रियाकलापों के चलते हुए एक अतिरिक्त रुचि के रूप में
(b) शिक्षण-अधिगम परिस्थितियों से पूर्ण पृथक् कर दिया जाए
(c) समस्त छात्रों के लिए अनिवार्य कर दी
(d) इन्हें उन सभी विधालयों से हटा दिया जाए जो उच्च शैक्षिक क्रियाओं पर बल देते हैं।
10. क्रियात्मक योजनाओं में सर्वोच्च भय बना रहता है-
(a) किसी क्रियात्मक योजना की लकीर को उस समय भी पीटते रहना, जबकि इसकी उपयोगिता समाप्त हो गई है।
(b) शिक्षकों को कार्यभार से दबा देना
(c) कक्षा की सामान्य क्रियाओं में हस्तक्षेप करना
(d) छात्रों को कुप्रबन्धन की ओर उकसाना
11. ‘प्रकार्यात्मक गणित’ (Functional Mathematics) गणित का एक ऐसा प्रकार है, जो सर्वाधिक बल देता है-
(a) ज्यामितीय गणित कार्यों के समाधान पर
(b) दैनिक गणित सम्बन्धी समस्याओं किये समाधान पर
(c) मन्द सीखने वाले छात्रों की आवश्यकता पर
(d) साधारण गणित सम्बन्धी समस्याओं के मानसिक व्यायाम पर
12. एक विद्यालयी पाठ्यक्रम को सर्वोत्तम तरीके से परिभाषित किया जा सकता है-
(a) छात्रों की समस्त क्रियाओं को सक्रिय बनाने वाली सामग्री
(b) शिक्षण के लिए प्रयुक्त समस्त सामग्री एवं विधियाँ
(c) विद्यालय द्वारा संगठित छात्र अनुभव
(d) विद्यालय द्वारा छात्र का विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञानार्जन
13. प्रायः ‘सामान्य-शिक्षा’ के पाठ्यक्रम के सन्दर्भ में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किया जाता है-
(a) छात्र को उसके द्वारा चयनित कार्य क्षेत्र के लिए तैयार किया जाए
(b) छात्र के लिए जो भी आवश्यक ज्ञान है उसे उचित रूप से प्रदान किया जाए
(c) छात्र को नागरिकता एवं सामाजिक कुशलताओं का प्रशिक्षण प्रदान किया जाए
(d) छात्र को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की ओर उन्मुख लिया जाए
14. निम्नलिखित में से कौन-सी विधि ऐसी है जो गणित को प्रभावी रूप से प्रकार्यात्मक रूप में परिणित कर सकती है?
(a) गणित के अनेक स्तर के पाठ्यक्रमों को परस्पर सम्बन्धित कर दिया जाए
(b) जटिल गणितीय सम्प्रत्ययों को आगामी उच्च कक्षाओं के लिए छोड़ दिया जाए
(c) गणित को दैनिक जीवन सम्बन्धी समस्याओं के समाधान से जोड़ दिया जाए
(d) गणित के पाठ्यक्रम को न्यूनतम स्थिति तक निर्धारित किया जाए
15. पाठ्यक्रम में समाहित किया जाता है-
(a) विषय जो विद्यालय के प्रशासकों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।
(b) विषय-वस्तु जिसे विद्यालय में छात्र पढ़ते
(c) विद्यालय कार्यक्रमों के द्वारा छात्र को प्रदान किए जाने वाले सम्पूर्ण अनुभव
(d) पाठ योजनाएँ जिन्हें शिक्षक तैयार करते हैं
16. पाठ्यक्रम का वह भाग जो छोटे बालकों की आवश्यकताओं की पूर्ति के उद्देश्य से निर्मित किया जाता है, उसे कहते हैं-
(a) वैकल्पिक विषय
(b) सामान्य शिक्षा
(c) अध्ययन कार्यक्रम
(d) विशिष्ट शिक्षा
17. हाईस्कूल स्तर के कोर पाठ्यक्रम के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा पद लागू नहीं होता है?
(a) इसे शिक्षक छात्र सम्पर्कों में अधिकाधिक वृद्धि करनी चाहिए
(b) इसके अन्तर्गत केवल दो या दो से अधिक पाठ्यक्रमों को एकीकृत किया जाना चाहिए
(c) इसे विषय वस्तु पर अतिरिक्त बल देना चाहिए
(d) इसे छात्रों की व्यक्तिगत विभिन्नताओं के अनुरूप होना चाहिए
18. शिक्षा प्रशासक प्रायः ऐसा अनुभव करते हैं। कि-
(a) पाठ्यक्रम निर्माण की वास्तविक योजना केवल पाठ्यक्रम निर्माण विशेषज्ञों के हाथ मैं होनी चाहिए
(b) छात्रों, माता-पिताओं, शिक्षकों एवं प्रशासकों को सम्मिलित रूप से पाठ्यक्रम निर्धारण में सहभागिता करनी चाहिए
(c) प्रशासनिक नेताओं द्वारा पाठ्यक्रम योजनाओं का निर्माण किया जाना चाहिए. क्योंकि वे जनता की शिक्षा के प्रति Goeरदायी हैं
(d) समस्त छात्रों के लिए समरूपीय पाठ्यक्रम व्यवस्था की जानी चाहिए
19. कोर पाठ्यक्रम के अन्तर्गत-
(a) विभिन्न विषय-वस्तुओं के मध्य प्रकार्यात्मक सहसम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास किया जाता है
(b) समस्त वर्ग के छात्रों को एकसमान प्रारम्भिक अनुभव प्रदान किए जाते हैं।
(c) एक कोर्स के द्वारा अनेक सम्बन्धित कोर्सों (Courses) को प्रतिस्थापित किया जाता है
(d) पाठ्यक्रम का निर्माण छात्रों की रुचियों,
20. प्राय: शिक्षाशास्त्री इस तथ्य से सहमत प्रतीत होते हैं कि पाठ्यक्रम का निर्माण एवं पुनर्निरीक्षण किया जाना चाहिए-
(a) शिक्षकों एवं छात्रों के द्वारा
(b) शिक्षकों एवं प्रशासकों के द्वारा
(c) शैक्षिक व्यवसाय से सम्बन्धित सभी व्यक्तियों द्वारा
(d) उपर्युक्त सभी के पारस्परिक सहयोग के द्वारा
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21. पाठ्यक्रम की योजना निम्नलिखित में से किसके द्वारा बनायी जानी चाहिए?
(a) कक्षा के शिक्षकों द्वारा जिन्हें पाठ्यक्रम को प्रत्यक्ष रूप से प्रयोग करने के व्यापक अनुभव हो
(b) राष्ट्रीय पाठ्यक्रम निर्माणकारी समिति का पुनर्गठन
(c) शिक्षाविदों एवं सामान्य व्यक्तियों की एक समिति
(d) पाठ्यक्रम निर्माणकारी समिति द्वारा, जिसमें सभी प्रशासकों तथा पर्यवेक्षकों को सम्मिलित किया जाना चाहिए
22. एक प्राथमिक स्कूल की प्रथम कक्षा में केन्द्रीय शिक्षण कार्य होना चाहिए-
(a) पढ़ना (रीडिंग)
(b) अंकगणित
(c) शब्द-संरचना
(d) लिखना
23. अनुभव आधारित पाठ्यक्रम में-
(a) छात्रों के ड्रिल विधि द्वारा अध्ययन पर सर्वाधिक बल दिया जाता है
(b) समस्त छात्रों को प्रारम्भ में एकसमान अनुभव प्रदान किए जाते हैं
(c) शिक्षक अनुभवों के द्वारा विषय-वस्तु का निर्धारण किया जाता है।
(d) शिक्षक एवं छात्र दोनों सहभागिता के आधार पर व्यक्तिगत रुचियों के अनुरूप: पाठ्यक्रम का निर्माण करते हैं।
24. हाईस्कूल स्तर पर कार्यानुभव योजना के क्रियान्वयन से जो प्राथमिक लाभ प्राप्त हुआ है, वह है-
(a) प्रबन्ध समितियों के लिए सस्ते मजदूर- जुटाना
(b) मजदूर समस्या को दूर करना
(c) छात्रों को धनोपार्जन हेतु उन्मुख करना
(d) छात्रों में व्यावसायिक चयन की प्रक्रिया को सुदृढ़ करना
25. निम्नलिखित में से किस शिक्षा स्तर पर पाठ्यक्रम निर्माण में वैज्ञानिक विधियों को सर्वाधिक रूप से प्रयुक्त किया जाता है?
(a) प्राथमिक शिक्षा में
(b) उच्च माध्यमिक स्तर पर
(c) जूनियर हाईस्कूल में
(d) महाविद्यालय स्तर पर
26. ‘कार्यानुभव योजना’ का प्रमुख कार्य है–
(a) छात्रों को धनोपार्जन हेतु तैयार करना ।
(b) छात्रों को क्रियात्मक अनुभव प्रदान करना
(c) व्यवसायों एवं उद्योगों के लिए उत्तम व्यक्तियों का निर्माण करना
(d) छात्रों को उचित व्यावसायिक निर्देशन प्रदान करना
27. हाईस्कूल स्तर पर पाठ्यक्रम के निर्धारण के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा कारक सर्वोच्च महत्व का है?
(a) छात्रों के प्रवेश के लिए अर्हताएँ
(b) मान्यता प्रदान करने वाली एजेन्सी मापदण्ड
(c) पारम्परिक विधियाँ
(d) स्थानीय सीमाएँ
28. माध्यमिक स्तर के पाठ्यक्रम को वृहद आकार प्रदान करने के दृष्टिकोण से निम्नलिखित में से कौन-सी तकनीक पाठ्यक्रम निर्माण के लिए पूर्व में प्रयुक्त की जाती रही है?
(a) अनेक नवीन विषयों तथा विभिन्न क्रियाओं का समावेश उन्हें
(b) विषयों के विभक्तीकरण के स्थान पर कोर योजना के रूप में विकसित करना
(c) पाठ्यक्रम के विभिन्न विषयों में अनेक आधुनिक प्रत्ययों का संयोजन
(d) ‘कार्य अनुभवों’ जैसे पाठ्यक्रमों की व्यवस्था करना
29. ‘इन्टीग्रेशन’ से तात्पर्य है-
(a) विद्यालय में पाठ्य सहगामी क्रियाओं का संयोजन करना
(b) अनेक विषयों को एक दीर्घ अवधि वाले कालांश में व्यवस्थित कर देना
(c) प्रत्येक छात्र को स्वगति से उन्नति करने का अवसर प्रदान करना
(d) एक ‘प्रकरण’ को पढ़ाने हेतु विभिन्नविषयों की सहायता लेना
30. निम्नलिखित में से कौनसी प्रविधि पाठ्यक्रम निर्माण की ‘सर्वोत्कृष्ट विधि’ के रूप में ! स्वीकार की जाती है?
(a) प्रक्षेपी परीक्षण
(b) ‘सोशियोग्राम’ (समाज आलेख)
(c) समस्या-परख सूची
(d) छात्र अभिलेख
31. आधुनिक पाठ्यक्रमों में सम्भावित परिवर्तनों को निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प निर्दिष्ट नहीं करता है?
(a) 3R’s के शिक्षण की ओर वापसी
(b) माध्यमिक स्तर पर विषयों में अतिरिक्त वृद्धि
(c) विद्यालय का वास्तविक जीवन की परिस्थितियों से संयोजन
(d) संयोजित विषयों को प्राथमिकता
32. सभी शिक्षाविद् इस बात से सहमत हैं कि पाठ्य सहगामी क्रियाओं में छात्र सहभागिता होनी चाहिए-
(a) अंक पद्धति के आधार पर सीमित किया जाना चाहिए, ताकि कोई एक छात्र अनावश्यक रूप से इनमें अधिक सहभागिता न करे
(b) केवल स्वीकृत शैक्षिक उपलब्धि के सन्दर्भ में छात्र सहभागिता को नियंत्रित करना चाहिए
(c) अंक पद्धति के आधार पर केवल विभिन्न पदों पर छात्रों की नियुक्ति को सीमित किया जाना चाहिए, ताकि सभी छात्रों को उनका उचित प्रशिक्षण प्राप्त हो सके
(d) अन्य छात्रों को भी सहभागिता के अवसर प्राप्त हों, इस अनुक्रम में छात्र सहभागिता पर अंकुश लगाना चाहिए
33. पाठ्यक्रम पुनर्निरीक्षण के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सर्वाधिक स्वीकृत है?
(a) यह छात्रों के अधिगम स्थायित्व में वृद्धि करने के दृष्टिकोण से कभी-कभी परिवर्तित होना चाहिए
(b) यह सदैव पुनर्निरीक्षण एवं पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया से सम्बन्धित होना चाहिए
(c) यह सदैव विकास की प्रक्रिया के साथ सम्बद्ध होना चाहिए
(d) व्यापक भौगोलिक क्षेत्र में पाठ्यक्रम समरूपीय बनाया जाना चाहिए को
34. आधुनिक समय में पाठ्यक्रम निर्माण में निम्नलिखित तथ्य पर सर्वाधिक बल प्रदान किया गया है-
(a) विषय-वस्तु के संगठन में तार्किकता
(b) विषय-वस्तु एवं विधियों में शिथिलता
(c) छात्रों के सार्थक अनुभव
(d) ‘a’ एवं ‘b’ दोनों ही
35. विद्यालय पाठ्यक्रम को नियोजित करने के लिए निम्नलिखित तथ्य पर ध्यान देना अनिवार्य है–
(a) छात्रों का लक्ष्य, उद्देश्य एवं रुचियाँ
(b) शिक्षकों का प्रशिक्षण एवं रुचियाँ
(c) विभिन्न विषयों की उपलब्ध पाठ्य- पुस्तकें
(d) कॉलेज में प्रवेश की पात्रता
36. वर्तमान समय में ‘सोशल स्टडीज’ (Social Studies) शब्द का तात्पर्य है-
(a) ‘सोशल एजूकेशन’ एवं ‘सोशल लिविंग’ से मिलता-जुलता शब्द है
(b) एक ऐसा विषय जिसका सम्बन्ध मानव एवं उसके पारस्परिक सम्बन्धों से है
(c) सोशल साइंसेज (Social Sciences) का पर्यायवाची
(d) ‘सोशल लिविंग’ का समानार्थी शब्द है
37. आधुनिक प्राथमिक कक्षाओं में अंकगणित पढ़ाने का उद्देश्य है-
(a) छात्रों द्वारा व्यावहारिक समस्याओं का समाधान
(b) छात्रों को वर्गमूल एवं लघुतम-महत्तम का ज्ञान प्रदान करना
(c) छात्रों को विभिन्न सूत्रों एवं सिद्धान्तों का ज्ञान प्रदान करना
(d) छात्रों को सामान्य गणित के नियम तथा पहाड़ों की जानकारी प्रदान करना
38. एक पाठ्यक्रम निर्माता जोकि प्रकार्यात्मक पाठ्यक्रम के निर्माण में रुचि ले रहा है, उसे अन्तसूझ होनी चाहिए–
(a) समाज एवं समाज के नियमों की
(b) शैक्षिक दर्शन की
(c) मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों की
(d) उपर्युक्त सभी की
39. प्राथमिक स्तर के पाठ्यक्रमों का झुकाव होना चाहिए-
(a) सम्पूर्ण विषयों पर साधिकार चेष्टा की ओर
(b) विषय-वस्तु की ओर
(c) सामाजिक विकास की ओर
(d) बाल अभिवृद्धि के समस्त पक्षों की ओर
40- वस्तु के सम्बन्ध में अधिकांश 40. विषय-व शिक्षाविद् एकमत हैं कि-
(a) छात्रों को केवल विषय-वस्तु का शिक्षण पर्याप्त नहीं है
(b) विषय-वस्तु मात्र अध्ययन पाठ्यक्रम तक ही सीमित हो
(c) पाठ्यक्रम के सभी पक्ष विषय- – वस्तु अन्तर्गत आते हैं के
(d) यदि विषय-वस्तु को तार्किक आधार पर चुना गया है, तो ‘अध्ययन पाठ्यक्रम’ एक संकीर्ण विचार है
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