B.Com 2nd Year Management Of Change Short Notes In Hindi

B.Com 2nd Year Management Of Change Short Notes In Hindi :- Hii friends this site is a very useful for all the student. you will find all the Question Paper Study Material Question Answer Sample Model Practice Notes PDF available in our site. parultech.com



लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1- परिवर्तन की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। 

Explain the concept of change.

उत्तर – परिवर्तन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी संगठन या उसके एक भाग में विद्यमान व्यवस्था या प्रणाली के स्थान पर नवीन व्यवस्था या प्रणाली लागू की जाती है। यद्यपि सामान्यतया एक संगठन तथा उसके कर्मचारी अपने निर्दिष्ट कार्यों को परा करने के लिए स्थिरता चाहते हैं, परन्तु कभी-कभी ऐसे अवसर आते हैं जब परिवर्तन किया जाना आवश्यक हो जाता है। ऐसा न किए जाने पर संगठन या कम्पनी को भारी नुकसान उठाना पड़ जाता है। परिवर्तन मात्र परिवर्तन के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यदि कोई प्रबन्धक अपनी व्यक्तिगत इच्छा की पूर्ति हेतु परिवर्तन करता है तो ऐसा परिवर्तन उसके विभाग द्वारा वांछित परिणाम प्राप्त करने में बाधाएँ खड़ी कर देता है। अतः परिवर्तन करने तथा उसे सफल बनाने के लिए परिस्थितियों का सही विश्लेषण करना चाहिए और आवश्यक होने पर ही परिवर्तन किया जाना चाहिए।

संगठनात्मक परिवर्तन की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

(1) संगठन के किसी भी भाग में परिवर्तन किए जाने पर परा संगठन प्रभावित होता है। 

(2) परिवर्तन संगठन के सभी भागों में किया जा सकता है, परन्तु उसकी गति व प्रभाव में भिन्नता हो सकती है।

(3) परिवर्तन संगठन के बाह्य तथा आन्तरिक वातावरण में व्याप्त परिस्थितियों के दबाव के कारण होता है।

प्रश्न 2 – परिवर्तन प्रतिरोध को कम करने के उपायों पर प्रकाश डालिए। 

Elaborate the measures to overcome the resistance to change. 

उत्तर – परिवर्तन प्रतिरोध को कम करने के उपाय

(Measures to overcome the Resistance to Change) 

यदि संगठनात्मक परिवर्तन सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर दिया जाता है तथा कर्मचारियों द्वारा इस परिवर्तन को स्वीकार कर लिया जाता है, तब यह प्रबन्ध की सफलता मानी जाती है। परिवर्तन प्रतिरोध को कम करने के उपाय निम्नलिखित हैं

1.नेतृत्व (Leadership)-संगठन के नेतृत्व की जितनी प्रतिष्ठा व प्रभाव होगा, वह कर्मचारियों की परिवर्तन से सम्बद्धता उतनी ही अधिक कर पाएगा परिणामस्वरूप परिवर्तन प्रतिरोध उतना ही कम होगा। यदि संगठन में अधिकृत प्रबन्धक के अतिरिक्त कोई और अधिक सशक्त नेतृत्व है, तब वह अपने भावनात्मक प्रभाव से परिवर्तन प्रतिरोध को कम कर सकता है। वह अपने प्रभाव के कारण परिवर्तन प्रतिरोध को पूर्णतः समाप्त भी कर सकता है। उसका प्रभाव कर्मियों पर जितना अधिक होगा उतना ही परिवर्तन प्रतिरोध को न्यून किया जा सकेगा।

2. शिक्षा (Education)-नई टेक्नोलॉजी का समावेश किए जाने पर होने वाला प्रतिरोध, कर्मियों को तत्सम्बन्धित शिक्षा देकर कम किया जा सकता है।

3. प्रोत्साहन (Persuasion)-कर्मचारियों की विभिन्न शंकाओं का सही निवारण करके भी परिवर्तन के प्रति उनके दृष्टिकोण को सुधारा जा सकता है, तब वे स्वत: परिवर्तन को स्वीकारने को प्रोत्साहित होते हैं।

4.सम्प्रेषण (Communication)-सूचना के अभाव में अथवा सूचना के पूर्ण न होने की अवस्था में भी परिवर्तन प्रतिरोध बल पकड़ने लगता है, परन्तु द्विमार्गी कुशल सम्प्रेषण व्यवस्था परिवर्तन प्रतिरोध को काफी सीमा तक घटा देती है।

5. कर्मचारी सहभागिता तथा सम्बद्धता (Employees Participation and Involvement)-परिवर्तन की प्रक्रिया के समय कर्मियों को आंशिक या पूर्ण भागीदारी देकर उनके प्रतिरोध को काफी कम किया जा सकता है। सहभागिता, परिवर्तन को क्रियान्वित करने के लिए कर्मचारियों की वचनबद्धता का कार्य करती है तथा परिवर्तन के कारण कर्मचारियों को मिलने वाले प्रोत्साहनों को स्पष्ट करती है।

प्रश्न 3 – नियोजित परिवर्तनका अर्थ एवं विशेषताएँ बताइए। 

State the meaning and characteristics of ‘Planned Change’.

नियोजित परिवर्तन का अर्थ

(Meaning of Planned Change) 

नियोजित परिवर्तन शब्द दो शब्दों के योग से बना है जिसमें प्रथम शब्द ‘नियोजित’ एवं द्वितीय शब्द ‘परिवर्तन’ है। नियोजित शब्द से आशय कम्पनियों/उद्योगों या निगमों के विभागों तथा उपविभागों में प्रत्येक चार-पाँच वर्ष के बाद एक बार संगठनात्मक परिवर्तनों को सोच-समझकर उसके अनुसार उद्देश्यों, नीतियों एवं कार्यक्रमों को तैयार करने से है। परिवर्तन

शब्द से आशय सम्पूर्ण कार्य-वातावरण में उत्पन्न हए ऐसे परिवर्तन से है जो कि संगठन में ढाचे से सम्बन्धित हो। अतः संयोजित रूप में नियोजित परिवर्तन का अर्थ संस्था के कि भाग या उपविभाग में वर्ष में एक बार एवं प्रत्येक चार-पाँच वर्ष के पश्चात् हुए ऐसे परिवर्त, से है जो कि संगठनात्मक ढाँचे से सम्बन्धित हो।

नियोजित परिवर्तन की विशेषताएँ (Characteristics) निम्नलिखित हैं

(1) इसमें केवल कभी-कभी हुए या कभी-कभी होने वाले परिवर्तनों को शामिल किया। जाता है।

(2) यह संगठनात्मक अस्तित्व के लिए एक चुनौती है।

(3) यह परिवर्तन के अनुसार ही संस्था के उद्देश्य, नीतियाँ एवं कार्यक्रमों को तैयार करता है।

(4) इसमें संगठनात्मक ढाँचे से सम्बन्धित परिवर्तन ही शामिल किए जाते है।

(5) ऐसे परिवर्तन के लिए प्रबन्धक की दूरदर्शिता एवं सहभागिता का होना नितान्त आवश्यक है। 

(6) यह पुराने का स्थान नवीनता को प्रदान करता है।


Follow Me

Facebook

B.Com Ist Year Foreign Trade And Economic Growth Question Answer Notes

[PDF] B.Com 1st Year All Subject Notes Study Material PDF Download In English

B.Com 2nd Year Books Notes & PDF Download For Free English To Hindi

B.Com 1st Year Notes Books & PDF Free Download Hindi To English

B.Com 1st 2nd 3rd Year Notes Books English To Hindi Download Free PDF

B.Com Ist Year Unemployment Short Study Notes Question Answer

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*