B.Com 3rd Year Electronic Business Model & Website Design Notes
B.Com 3rd Year Electronic Business Model & Website Design Notes :- E-Commerce Study Material Question Answer Examination Paper Sample Model Practice Notes PDF MCQ (Multiple Choice Questions) available in our site. parultech.com. Topic Wise Chapter wise Notes available. If you agree with us, if You like the notes given by us, then please share it to all your Friends. If you are Confused after Visiting our Site Then Contact us So that We Can Understand You better.
इलैक्ट्रॉनिक बिजनेस मॉडल
(Electronic Business Models)
ई-कामर्स का क्षेत्र वास्तव में बहुत विस्तृत है और इसमें कई प्रकार के व्यवसाय मॉडल होते हैं। प्रमुख इलैक्ट्रॉनिक बिजनेस मॉडल निम्नलिखित हैं-
(1) बिजनेस टू बिजनेस (B2B) : B2B का अर्थ उस व्यावसायिक क्रिया से है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक व्यवहारों के करने वाले दोनों पक्षकार फर्मे अथवा व्यावसायिक इकाइयाँ होती हैं। उदाहरण के लिए, दोनों फर्मों में से एक उत्पादन करने वाली और दूसरी कच्चा माल सप्लाई करने वाली हो सकती है। माल के बारे में पूछताछ करना, आदेश देना व भुगतान करने का काम इंटरनेट पर ही किया जाता है। उदाहरण के लिए, हम एक निर्माण सामग्री कंपनी के बारे में सोच सकते हैं जो अपने उत्पादों को आर्किटेक्ट और इंटीरियर डिजाइनरों को बेच रही है।
(2) बिजनेस टू कंजयूमर (B2C) : जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है कि इसके अंतर्गत एक पक्षकार फर्म होती है और दूसरा पक्षकार ग्राहक। एक ओर, ग्राहक घर बैठे ही इंटरनेट पर अपनी मनपंसद वस्तुओं की जानकारी प्राप्त कर सकता है, आदेश दे सकता है, कुछ मदों को इंटरनेट पर ही प्राप्त भी कर सकता है और भुगतान कर सकता है। ग्राहक यह काम 24 घंटे कर सकता है। दूसरी ओर, फर्म किसी भी समय सर्वेक्षण कर सकती है कि कौन क्या खरीद रहा है और ग्राहकों का संतुष्टि-स्तर क्या है? आजकल कॉल सेंटर (Call Centres) के माध्यम से हर समय फर्मों के बारे में अनेकानेक जानकारियां उपलब्ध रहती हैं। आज, इंटरनेट पर सभी प्रकार के उपभोक्ता सामान बेचने वाले असंख्य वर्चुअल स्टोर और मॉल हैं। इन साइटों का सबसे प्रमुख उदाहरण अमेजन और फिलपकार्ट है, जो बी 2 सी बाजार पर हावी है।
(3) कंजयूमर टू कंजयूमर (C2C) : इसके अंतर्गत व्यावसायिक क्रिया में सम्मिलित दोनों पक्षकार ग्राहक होते हैं। दोनों पक्षकार ग्राहक होने के कारण ही इसे Consumer to Consumer कहा जाता है। इसकी आवश्यकता उन वस्तुओं के क्रय-विक्रय के लिए होती है जिनके लिए पहले से स्थापित बाजार (established market) नहीं होते। उदाहरण के लिए, पुराने फर्नीचर, पुरानी किताबें व अन्य सामान। इन्हें नकदी के आधार पर बेचा जाता है अथवा वस्तुओं के बदले वस्तुओं के आधार पर। इंटरनेट के माध्यम से विक्रेता को विश्व-स्तर पर क्रेता उपलब्ध हो जाते हैं। इस व्यवस्था में वस्तुओं के भुगतान के लिए प्राय: Paypal की सहायता ली जाती है। क्रेता वस्तुओं के लिये भुगतान की जाने वाली राशि PayPal के पास जमा करवा देता है। PayPal विक्रेता को यह सूचना देता है कि वस्तुओं का मूल्य उसके पास जमा है जो सुपुर्दगी के तुरंत बाद उसे दे दिया जाएगा। इस प्रकार क्रेता को माल की सुपुर्दगी न मिलने का जोखिम समाप्त हो जाता है। उपभोक्ता-से-उपभोक्ता (C2C) एक प्रकार का ई-कॉमर्स है जिसमें उपभोक्ता ऑनलाइन एक दूसरे के साथ उत्पादों, सेवाओं और सूचनाओं का व्यापार करते हैं। ये लेन-देन आम तौर पर एक तीसरे पक्ष के माध्यम से किया जाता है जो एक ऑनलाइन मंच प्रदान करता है जिस पर लेनदेन किया जाता है। ऑनलाइन नीलामी और वर्गीकृत विज्ञापन C2C प्लेटफार्मों के दो उदाहरण हैं, जिसमें ईबे और क्रेगलिस्ट इन प्लेटफार्मों में से दो सबसे लोकप्रिय हैं।
(4) कंज्यूमर-टू-बिजनेस (C2B) : कंज्यूमर-टू-बिजनेस (C2B) मॉडल तब मौजूद होता है जब कोई ग्राहक/कंज्यमर अपनी वस्तुओं या सेवाओं को किसी बिजनेस या ऑर्गेनाइजेशन को बेचता है (उदाहरण के लिए एक एंफ्रेन्सर अपने ऑनलाइन ऑडियंस के संपर्क में आने के लिए शुल्क, या एक फोटोग्राफर अपनी फोटो एक व्यवसाय को उपयोग करने के लिए लाइसेंस देता है)। यह उन साइटों को संदर्भित करता है जिसमें ग्राहक उत्पादों या सेवाओं को व्यवसायों को बेचते हैं। कंज्यूमर-टू-बिजनेस (C2B) मॉडल एक प्रकार का ई-कॉमर्स है जिसमें उपभोक्ता अपने उत्पादों और सेवाओं को कंपनियों के लिए ऑनलाइन खरीद और बोली लगाने के लिए उपलब्ध कराते हैं। यह बी 2 सी के पारंपरिक वाणिज्य मॉडल के विपरीत है। C2B प्लेटफॉर्म का एक लोकप्रिय उदाहरण एक बाजार है जो रॉयल्टी-मुक्त तस्वीरों, छवियों, मीडिया और डिजाइन तत्वों को बेचता है, जैसे कि iStocki
(5) बिजनेस-ट्र-एडमिनिस्टेशन (B2A): बिजनेस-टू-एडमिनिस्ट्रेशन (बी 2 ए) मॉडल कंपनियों और सार्वजनिक प्रशासन या सरकारी निकायों के बीच ऑनलाइन किए गए लेनदेन को व्यक्त करता है। सरकार की कई शाखाएं ई-सेवाओं या उत्पादों के लिये एक या दूसरे तरीके से निर्भर खासकर जब कानूनी दस्तावेजों, रजिस्टरों सामाजिक सरक्षा. अपराध और रोजगार की बात आती है व्यवसाय इन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तत कर सकते हैं। बी 2 ए सेवाओं में हाल के वर्षों में काफी वृद्धि
(6) Intra-B-Commerce : इसके अंतर्गत व्यावसायिक क्रिया में सम्मिलित दोनों पक्षका ही व्यवसाय के दो व्यक्ति अथवा विभाग होते हैं। उदाहरण के लिए, एक फर्म का विपणन विभाग इंटरनेट के माध्यम से लगातार उत्पादन विभाग के संपर्क में रहता है ताकि ग्राहकों को इच्छानुसार उत्पादन किया जा सके। इसी प्रकार विभिन्न ब्रांचों में स्टॉक की अतिशीघ्र जानकारी प्राप्त की जा सकती है। सीववीय विभाग (Personnel Dept.) द्वारा कर्मचारियों की भर्ती, चयन, प्रशिक्षण आदि का कार्य बड़ी आसानी से किया जा सकता है।
(7) उपभोक्ता-से-प्रशासन (C2A) (Consumer to Administration) : उपभोक्ता-सेप्रशासन (C2A) मॉडल व्यक्तिगत उपभोक्ताओं और सार्वजनिक प्रशासन या सरकारी निकायों के बीच ऑनलाइन किए गए लेनदेन को संदर्भित करता है। इस प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के अलावा, अन्य लोकप्रियय प्रकार हैं जैसे G2C (Govt. to Consumer) (सरकार-से-उपभोक्ता), C2G (Consumer to Government) (उपभोक्ता-से-सरकार) या B2E (बिजनेस-टू-एम्प्लॉया)। हालांकि, ई-कॉमर्स मॉडल के चार मुख्य प्रकार हैं जो उपभोक्ताओं और व्यवसायों के बीच होने वाले लगभग हर लेनदेन का वर्णन कर सकते हैं।
वेबसाइट डिजाइन
(Website Design)
आज इंटरनेट वह सबसे पहला स्थान है, जहाँ लोग किसी नए उत्पाद या सेवा की तलाश करते हैं। ऑनलाइन शोध क्रय प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग बन गया है और व्यवसायों के ऑनलाइन पोर्टल का लुक, फील, साउंड और दक्षता निर्णय लेने को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक बन गए हैं। वेबसाइट व्यापार के लिए उपलब्ध सबसे शक्तिशाली संचार और विपणन उपकरण है। यह 24 घंटे की बिक्री टीम, फ्रंट डेस्क, मार्केटिंग विभाग और विश्व स्तर पर सुलभ स्थान के रूप में कार्य कर सकता है ताकि दुनिया को यह पता चल सके कि फर्म के पास क्या है। निम्नलिखित पांच मुख्य कारण स्पष्ट करते हैं कि वेबसाइट को व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण स्थान क्यों दिया जाना चाहिए- (i) वेबसाइट एक व्यवसाय की छवि का प्रतिबिंब है। (ii) वेबसाइट ऑनलाइन विक्रय का एक तरीका है। (iii) वेबसाइट प्रतियोगिता में बने रहने में मदद कर सकती है। (iv) वेबसाइट एक मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है। (v) वेबसाइट ग्राहकों को व्यवसाय से संपर्क करने की सुविधा देती है।
ई-कॉमर्स के लिए वेबसाइटों की आवश्यक विशेषताएं
(Essential Features of Website For E-Cmmerce)
वेब डिजाइन आजकल के व्यवसाय करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां तक कि छोटी से छोटी वेब डिजाइन की गलती भी ग्राहकों के लिए व्यवसाय के प्रति गलत धारणा को जन्म दे सकती है। ई-कॉमर्स के लिये वेबसाइटों की आवश्यक विशेषताएँ निम्नांकित हैं- (i) उपयोगिता (Usability) (ii) गति (speed) (iii) सौंदर्य (Aesthetics) (iv) सामग्री (Content) (v) संपर्क जानकारी (Contact Into) (vi) वेबसाइट रखरखाव (Website Maintenance) (vii) मोबाइल के अनुकूल (Mobile Friendly)
शुद्ध ऑनलाइन बनाम ब्रिक और मोर्टार व्यापार
(Pure Online Vs. Brick and Mortar Business)
1.बिक और मोर्टार व्यापार (Brick and Mortar Business) ब्रिक और मोर्टार (बी एंड एम) एक इमारत या अन्य किसी संरचना में किसी संगठन या व्यवसाय की भौतिक उपस्थिति को व्यक्त करता है। ब्रिक-और-मोर्टार व्यवसाय शब्द का उपयोग अक्सर ऐसी कंपनी को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जिसके पास अपने संचालन के लिए खुदरा दुकानों, कारखाने को उत्पादन की सुविधाओं या गोदामों के पास या पट्टे पर होती है। अत: ब्रिक एंड मोर्टार व्यवसाय ऐसी कंपनियाँ है जिनकी भौतिक उपस्थिति होती है (जैसे, एक इमारत में एक खुदरा दुकान) और ग्राहकों से आमने-सामने लेन-देन किया जाता है। शुद्ध ऑनलाईन व्यवसाय में पूरी तरह से ऑनलाइन दुकानें होती हैं जिनमें दुकानदारों के लिए किसी व्यक्ति की उपस्थिति, व्यक्ति के साथ बात करना, उत्पादों को छना और संभालना और फर्म से व्यक्तिगत रूप से खरीदना सम्मिलित नहीं है। हालांकि, ऐसे ऑनलाइन व्यवसायों में आम तौर पर गैर-सार्वजनिक भौतिक सुविधाएं होती हैं, जिनसे वे या तो व्यवसाय संचालन (जैसे, कंपनी मुख्यालय और बैक ऑफिस सुविधाएं) चलाते हैं, और/या गोदामों को भंडारण और उत्पादों को वितरित करने के लिए प्रयोग करते हैं। फुट ट्रैफिक, शॉप फ्रंट विजिबिलिटी और आकर्षक इंटीरियर डिजाइन जैसी आवश्यकताएँ ऑनलाइन के बजाय ब्रिक-एड-मोर्टार व्यवसायों में होती हैं। एक ऑनलाइन व्यवसाय के लिए केवल एक आकर्षक, अच्छी तरह से डिजाइन की गई वेबसाइट, भुगतान के लिए एक विश्वसनीय ई-कॉमर्स प्रणाली, एक अच्छी डिलीवरी या शिपिंग सेवा और साइट पर वेब ट्रैफिक चलाने के लिए प्रभावी ऑनलाइन मार्केटिंग रणनीति की आवश्यकता होती है।
2.ब्रिक और क्लिक बिजनेस क्या है (What is Brick and Click Business) ब्रिक और क्लिक एक व्यावसायिक मॉडल है जिसमें एक कम्पनी एक ऑनलाइन स्टोर (क्लिक) और एक ऑफलाइन स्टोर (ब्रिक) दोनों को संचालित करती है। इसमें विक्रेता अपने ग्राहकों को खरीदारी करने के लिये ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों चैनल प्रदान करते हैं। ब्रिक और क्लिक एक मॉडल का लाभ यह है कि पूर्व में उनका स्टोर होने से उनकी ख्याति होती है तथा लोग उन्हें जानते हैं। उन्होंने जो ख्याति अपनी भौतिक उपस्थिति से अर्जित की होती है उसका लाभ उन्हें उसी रूप में इन्टरनेट पर भी मिलता है। वे डाट कॉम जिनकी भौतिक लोकेशन नहीं है अर्थात् वे केवल ऑनलाइन कम्पनियाँ है उन्हें वास्तव में अपने ग्राहकों से मिलना चाहिए। ब्रिक और क्लिक व्यापार मॉडल का दूसरा लाभ यह है कि इससे सप्लायर नेटवर्क सुधरता है। इन्टरनेट ऑफर रिटेल स्टोरों के पास सप्लॉयर्स की बहुत बड़ी रेंज होती है, जो बहुत ही प्रतियोगी मूल्य पर अपने उत्पाद उपलब्ध कराते हैं। भौतिक उपस्थिति वाली कम्पनियाँ इसमें लाभ में रहती हैं क्योंकि उनकी भौतिक उपस्थिति (स्टोर) होने के कारण उनका सप्लॉयर्स पर वर्षों का विश्वास जमा रहता है वे उनसे अच्छा डिस्काउन्ट प्राप्त कर पाते हैं। वेबसाइट वैल्यू बेस्ड मैनेजमेंट उतना सक्षम नहीं हो पाता है। अत: परम्परागत व्यापार करने वाले व्यापारी भी ऑनलाइन बिजनेस की ओर आकर्षित हो रहे हैं तथा ब्रिक और क्लिक ऑप्शन उन्हें लुभा रहे हैं। ऑनलाइन बिजनेस अपना सप्लाई नेटवर्क बढ़ा सकता है। यह अपना वितरण बढ़ा सकता है। वे उत्पाद जो स्थानीय जनता को बेचे जाते थे, ऑनलाइन व्यापार के जरिये सम्पूर्ण विश्व में बेचे जा रहे हैं। एक फिजीकल स्टोर को रखने से ग्राहक वहाँ आकर खरीदारी करे या खरीदने से पूर्व अपने माल की जाँच करे; जैसे-वें कपड़ो की करते हैं, इससे काफी लाभ होता है। ब्रिक और क्लिक व्यापार का कमजोर पक्ष यह है कि इसमें उपरिव्यय लागतें (Overhead Costs) प्योर डॉट कॉम और परम्परागत ब्रिक और मोर्टार व्यापारों से अधिक हैं। इसके लिए भौतिक (फिजीकल) स्थल चाहिए और इंटरनेट उपस्थिति भी चाहिए। इंटरनेट कम्पनी को बो का एर लाभ यह है कि इसके लिए कोई स्थल होना अनिवार्य नहीं है जिससे स्थापन (establishment) का खाता बज जाता है।
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