Valuation Of Goodwill B.Com 3rd Year Corporate Accounting – Hindi Notes
Valuation Of Goodwill B.Com 3rd Year Corporate Accounting – Hindi Notes :- all the Question Corporate Accounting Study Material Question Answer Examination Paper Sample Model Practice Notes PDF MCQ (Multiple Choice Questions) available in our site. parultech.com. Topic Wise Chapter wise Notes available. If you agree with us, if You like the notes given by us, then please share it to all your Friends. If you are Confused after Visiting our Site Then Contact us So that We Can Understand You better.
ख्याति का मूल्यांकन
(Valuation of Goodwill)
संस्था द्वारा अधिक लाभ कमाने की क्षमता ख्याति कहलाती है। ख्याति की विभिन्न परिभाषाएँ दी गयी हैं। इनमें से निम्नांकित प्रमुख हैं – डिक्सी के अनुसार, “जब एक व्यक्ति ख्याति के लिए कुछ राशि देता है तो वह राशि इसलिए देता है ऐसा करने से वह इतनी अधिक आय प्राप्त करेगा जितनी कि वह बिना इसके प्राप्त नहीं कर सकता।
” मोरिसे के अनुसार, ख्याति एक फर्म के अनुमानित अधिक उपार्जन का वर्तमान मूल्य है।
” आर० विक्सन के अनुसार, “ख्याति एक व्यावसायिक उपक्रम से सम्बन्धित सभी अनुकूल गुणों का मूल्य है।” ख्याति के लक्षण-(1) ख्याति अदृश्य सम्पत्ति है, (2) स्थापित व्यवसाय को बेचने पर ही ख्याति का बाजार मूल्य प्राप्त होता है।, (3) ख्याति की सही लागत ज्ञात करना कठिन है, (4) ख्याति का निष्पक्ष मूल्यांकन सम्भव नहीं है, (5) व्यवसाय में ख्याति क्रय की गई हो सकती है, (6) अधिलाभ की मात्रा ख्याति के मूल्य को प्रभावित करती है। –
ख्याति के उपार्जन के कारण – (1) व्यापार-गृह की लाभदायक स्थिति, (2) ग्राहकों की मनोवैज्ञानिक अभिरुचि, (3) स्वामी का अच्छा व्यक्तित्व, (4) माल की गुणवत्ता, (5) एकाधिकार की स्थिति, (6) राजनैतिक स्थिति। ख्याति की अवधारणाएँ – (1) लेखांकन अवधारणा, (2) आर्थिक अवधारणा, (3) कानूनी अवधारणा। ख्याति का स्वभाव अथवा प्रकृति – (1)बिल्ली के स्वभाव की, (2) कुत्ते के स्वभाव की, (3) चूहे के स्वभाव की, (4) खरगोश के स्वभाव की। बिल्ली के स्वभाव की ख्याति का मूल्य सबसे अधिक तथा कुत्ते के स्वभाव की ख्याति का मूल्य सबसे कम होता है। ख्याति के मूल्य को प्रभावित करने वाले घटक
(अ) व्यापारिक घटक – (1) व्यवसाय के भवन का स्थान, (2) व्यवसाय की अवधि, (3) जोखिम, (4) उत्पाद की गुणवत्ता, (5) लाभार्जन क्षमता, (6) अनुकूल प्रसंविदे, (7) उचित मूल्य, (8) ग्राहकों से अच्छे सम्बन्ध।
(ब) प्रबन्धकीय घटक – (1) प्रबन्धकों की व्यक्तिगत छवि, (2) श्रेष्ठ विक्रय प्रबन्धन, (3) संसाधनों की निरन्तर खोज।
(स) औद्योगिक घटक – (1) औद्योगिक शान्ति, (2) उत्पादन का वैकल्पिक उपयोग, (3) व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा।
(द) वित्तीय घटक – (1) पूँजी की मात्रा, (2) वित्तीय संस्थाओं का रुख, (3) विनियोक्ताओं का रुख, (4) मुद्रा बाजार का अनुकूल रुख।
(य) राजनैतिक घटक – (1) राजनैतिक दलों का रुख, (2) आयात-निर्यात नीति, (3) कर नीति, (4) सरकारी संरक्षण, (5) राजनैतिक स्थिरता।
(र) सामाजिक घटक – (1) उत्पाद के प्रति जनता का लगाव, (2) सामाजिक तथा आर्थिक कार्य। ख्याति के मूल्यांकन की आवश्यकता अथवा मूल्यांकन की दशाएँ
(अ) एकल व्यापार की दशा में (1) व्यवसाय को बेचने पर, (2) साझेदारी फर्म में बदलने पर, (3) अनिवार्य अधिग्रहण की दशा में।
(ब) साझेदारी फर्म की दशा में – (1) नये साझेदार के प्रवेश पर, (2) साझेदार के अवकाश ग्रहण तथा मृत्यु की दशा में, (3) फर्म को कम्पनी में बदलने पर, (4) एकीकरण की दशा में, (5) साझेदारों के हानि अनुपात में परिवर्तन होने पर, (6) साझेदारी व्यवसाय की बिक्री पर।
(स) कम्पनी की दशा में – (1) एकीकरण की दशा में, (2) कम्पनी पर नियन्त्रण करने के लिए उसके मश क्रय करने पर, (3) अंशों के मूल्यांकन की दशा में।
ख्याति के सम्बन्ध में लेखांकन मानकों के सम्बन्धित प्रावधान
(Relevant Provisions of the Accounting Standards on Goodwill)
- लेखांकन मानक – 10(AS-10) के अनुसार ख्याति का लेखांकन लेखा पुस्तकों में नहीं हो इस लेखा मानक के अनुसार ख्याति को लेखा पुस्तकों में उसी स्थिति में प्रदर्शित करना चाहिए जब उसके । भुगतान किया गया हो।
- लेखांकन मानक –14(AS-14) के अनुसार क्रय पद्धति के आधार पर एकीकर (Amalgamation) की दशा में हस्तान्तरी कम्पनी द्वारा हस्तान्तरक कम्पनी की क्रय की गई शद्ध सम्पनि मूल्य से अधिक प्रतिफल होने पर आधिक्य को हस्तान्तरी कम्पनी के वित्तीय विवरणों में एकीकरण से ख्याति के रूप में दर्शाना चाहिए। इस लेखा मानक के अनुसार ख्याति की राशि को अधिकतम 5 वर अपलिखित किया जाना चाहिए, जब तक कि इससे अधिक लम्बी अवधि को उपयुक्त न ठहराया जाये
- लेखांकन मानक – 21(AS-21) के अनुसार सूत्रधारी कम्पनी की दशा में यदि विनियोग की पर सहायक कम्पनी में सूत्रधारी कम्पनी के विनियोग की लागत सहायक कम्पनी में सूत्रधारी कम्पनी के म के भाग से अधिक होती हैं तो इस आधिक्य को ख्याति कहा जाता है और समेकित वित्तीय विवरण में इसे सम्पत्ति के रूप में दर्शाया जाता है, परन्तु आन्तरिक सृजित ख्याति को एक सम्पत्ति के रूप में मान्य नहीं किया जायेगा।
- लेखांकन मानक – 26(AS-26) के अनुसार क्रय की गई ख्याति को लेखा पुस्तकों में सम्पत्ति के रूप में मान्यता दी जाती है।
ख्याति के मूल्यांकन की विधियाँ ___
(1) औसत लाभ विधि – इस विधि के अनुसार पिछले कुछ वर्षों के लाभों को जोड़कर इस जोड़ में वर्षों की संख्या से भाग देने पर जो राशि आती है उसे औसत लाभ कहा जाता है। इस औसत लाभ में कुछ वर्षों (अधिकतर दो या तीन) का गुणा करने पर जो राशि आती है, वह ख्याति की राशि कहलाती है।
(1) औसत लाभ की गणना = गत वर्षों के लाभ का योग / वर्षों की संख्या = औसत लाभ
(2) ख्याति की गणना – औसत लाभ x क्रय वर्षों की संख्या
(3) औसत लाभ की गणना करते समय सावधानियाँ – (1) असामान्य लाभ को घटा देना चाहिए तथा असामान्य हानि को जोड़ देना चाहिए, (2) आवर्ती असमायोजित आय व्यय का समायोजन, (3) भविष्य के आय व्यय का समायोजन, (4) पूँजीगत आय व्यय का समायोजन, (5) प्रबन्धकीय पारिश्रमिक का यदि पुस्तकों में लेखा नहीं किया गया है तो उसे लाभों में से घटाया जाएगा।
Illustration 1. एक कम्पनी की निम्नलिखित सूचनाओं से पिछले 4 वर्षों के औसत शुद्ध लाभ के 3 वर्ष के क्रय मूल्य के आधार पर ख्याति का मूल्य ज्ञात कीजिए। कम्पनी के लाभ/हानि इस प्रकार हैं – प्रथम वर्ष : लाभ – रू. 1,00,000; द्वितीय वर्ष : लाभ – रू. 1,40,000; तृतीय वर्ष : लाभ – रू. 1,30,000; चतुर्थ वर्ष : हानि -रू. 10,000
Solution : Total Profit of Last 4 years = रू. 1,00,000 + 1,40,000 + 1,30,000 – 10,000 (Loss) = रू. 3,60,000 Average profit of last 4 years = रू. 3,60,000 / 4 = रू. 90,000 Goodwill = रू. 90,000 x 3 years = रू. 2,70,000
Illustration 2. सूर्या लि. के व्यवसाय के सम्बन्ध में निम्नांकित सूचनाएँ उपलब्ध हैं – (i) लाभ = 2017 में रू. 40,000; 2018 में रू. 50,000; 2019 में रू. 60,0001 (ii) 2018 के बार-बार न होने वाली रू. 4,000 की आय शामिल है। (iii) 2017 के लाभ में रू. 6,000 कम हो गया माल आग से नष्ट हो गया था। (iv) माल का बीमा नहीं कराया गया है. परन्त भविष्य में इसके बीमा विचार है और बीमा प्रीमियम रू. 400 प्रतिवर्ष का अनुमान है। (v) व्यवसाय के स्वामी का उचित पारिश 6,000 प्रतिवर्ष है जिसे उपर्युक्त लाभ निकालने के लिए प्रयोग नहीं किया गया है। (vi) 2019 के लाभ में रू.
Follow Me
B.Com Ist Year Foreign Trade And Economic Growth Question Answer Notes
[PDF] B.Com 1st Year All Subject Notes Study Material PDF Download In English
B.Com 2nd Year Books Notes & PDF Download For Free English To Hindi
B.Com 1st Year Notes Books & PDF Free Download Hindi To English
B.Com 1st 2nd 3rd Year Notes Books English To Hindi Download Free PDF
B.Com Ist Year Unemployment Short Study Notes Question Answer
Leave a Reply