विद्यालय प्रशासन तथा पर्यवेक्षण के प्रति अभिरुचि
विद्यालय प्रशासन तथा पर्यवेक्षण के प्रति अभिरुचि :-
विद्यालय प्रशासन और पर्यवेक्षण शिक्षा प्रणाली की रीढ़ हैं, जो विद्यालय की प्रभावशीलता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रशासनिक कार्यों में विद्यालय की नीतियों, नियमों और संसाधनों का उचित प्रबंधन शामिल होता है, जो शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी बनाता है। पर्यवेक्षण में शिक्षकों की कार्यप्रणाली, पाठ्यक्रम का कार्यान्वयन और विद्यार्थियों की प्रगति की निगरानी की जाती है, ताकि सुधार की संभावनाओं को पहचाना जा सके और आवश्यक हस्तक्षेप किया जा सके। अभिरुचि का तात्पर्य इन दोनों पहलुओं के प्रति गहरी समझ और समर्पण से है, जो शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायक होती है। एक सक्षम प्रशासन और प्रभावी पर्यवेक्षण से विद्यालय की कार्यक्षमता, शिक्षण की गुणवत्ता और छात्रों की समग्र प्रगति को सुनिश्चित किया जा सकता है। विद्यालय प्रशासन और पर्यवेक्षण शिक्षा प्रणाली के केंद्रीय तत्व हैं, जो एक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रशासनिक कार्यों में विद्यालय की नीतियों, बजट, और संसाधनों का प्रबंधन शामिल होता है, जो शिक्षण और विद्यालय के समग्र संचालन को सुव्यवस्थित करता है। पर्यवेक्षण का कार्य शिक्षकों की कार्यप्रणाली और छात्रों की प्रगति की निरंतर निगरानी करना है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और किसी भी कमी को समय पर दूर किया जा सके। विद्यालय प्रशासन और पर्यवेक्षण के प्रति अभिरुचि से तात्पर्य उन पहलुओं में गहरी समझ और सक्रिय भागीदारी से है, जो शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यालय की कार्यक्षमता को उत्तम बनाते हैं।
- एक उत्तम पर्यवेक्षक निम्नलिखित कार्य नहीं करेगा-
(a) वह अपनी पर्यवेक्षण कुशलताओं के स्वतन्त्र मूल्यांकन के लिए शिक्षकों का सहारा ले
(b) वह यह स्वीकरोक्ति करे कि कुछ शिक्षक उससे अधिक उत्तम शिक्षण कार्य कर सकते हैं
(c) नवीन विधियों के सन्दर्भ में अपने दृष्टिकोण को परिवर्तित कर दे
(d) बह अपने सभी सहयोगी शिक्षकों से किसी एक उत्तम शिक्षण विधि के प्रयोग की प्रत्याशा प्रकट करे
- प्रायः प्रशासक श्रेष्ठ कक्षाध्यापकों को शिक्षण के साथ-साथ विद्यालय निरीक्षण का कार्य सौंप देते हैं। यह प्रक्रिया जिस तथ्य को नकारती है, वह है-
(a) यदि अधिकाधिक श्रेष्ठ शिक्षकों को यह कार्य सौंप देंगे तो कक्षाध्यापन शिथिल हो जाएगा
(b) शिक्षण, पर्यवेक्षण से अधिक महत्वपूर्ण कार्य है
(c) पर्यवेक्षण के लिए पृथक् गुणों की आवश्यकता होती है
(d) पर्यवेक्षण स्वयं एक ऐसी स्थिति हैं जिसमें प्रशिक्षण एवं पूर्व अनुभव लाभ प्रदान नहीं करते हैं
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- निम्नलिखित में से कौन-सा कर्तव्य विद्यालय अधीक्षक का नहीं है?
(a) स्थानीय विद्यालय नीतियों को निश्चित करना
(b) परिषद् के संगठन में सहायता करना
(c) नियमों एवं नियंत्रणों की संस्तुति करना
(d) विद्यालय परिषद् की विभिन्न मीटिगों की अध्यक्षता करना
- एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य की प्रशासन क्षमता पर निम्नलिखित में से किसका प्रभाव पड़ता है?
(a) बाल-मनोविज्ञान सम्बन्धी विधियों का ज्ञान
(b) शिक्षण विधियों सम्बन्धी ज्ञान
(c) विद्यालय प्रशासन सम्बन्धी मूलभूत सिद्धान्तों का ज्ञान
(d) कार्मिक मनोविज्ञान का उचित ज्ञान
- निम्नलिखित में से प्रभावी पर्यवेक्षण की प्रामाणिक स्थिति को कौन-सा कथन प्रकट करता है?
(a) वह सीमा जहाँ तक पर्यवेक्षक शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करता है
(b) शिक्षक की जिस सीमा तक उन्नति सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती है
(c) शिक्षक एवं पर्यवेक्षक के मध्य स्थापित मधुर सम्बन्ध
(d) वह स्थिति जिसके अन्तर्गत पर्यवेक्षक समस्याओं की पहचान करते हैं तथा उनका उपचार करते हैं
- छात्रों के योग्यता समूहों के निर्माण के सम्बन्ध में उचित मत प्रतीत होता है-
(a) यह व्यक्तिगत नेतृत्व तथा कार्य करने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करता है
(b) यह व्यक्तिगत विभेद की समस्या का समाधान करता है
(c) यह छात्रों को अधिकाधिक क्षमताओं के प्रयोग के अवसर प्रदान करता है
(d) यह विद्यालय में एक प्रकार का वर्ग-विभेद उत्पन्न करता है
- विद्यालय संगठन की उत्कृष्ट पहचान का चिह्न है-
(a) शिक्षण हेतु शिक्षकों की तैयारी
(b) विद्यालय तंत्र का आकार
(c) समुदाय का आकार
(d) विद्यालय में प्रयोग की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों की संख्या
- प्रधानाचार्य का प्रमुख उत्तरदायित्व है-
(a) माता-पिता की आलोचना को सुनना
(b) शिक्षण योजना को नेतृत्व प्रदान करना
(c) निर्देशन योजना का प्रशासन एवं संगठन करना
(d) विद्यालय अभिलेखों को तैयार करना
- प्राथमिक शिक्षा का सर्वाधिक हित-लाभ निम्नलिखित में से किसमें निहित है?
(a) शिक्षक सुधार
(b) प्राथमिक पाठ्यक्रम की पुनरावृत्ति
(c) छात्र सुधार
(d) समाजोपयोगी शिक्षा
- पर्यवेक्षक एवं शिक्षक के मध्य मीटिंग का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए-
(a) विद्यालय की प्रगति के सन्दर्भ में उपयोगी विचारों का आदान-प्रदान करने में सफल हो सकें
(b) विद्यालय धन का उसके विकास कार्यों पर समुचित प्रयोग करना
(c) विद्यालय सम्बन्धी कठिनाइयों के उपचार की व्यवस्था करना
(d) विद्यालय भवन एवं खेल के मैदानों के उचित प्रयोग सम्बन्धी व्यवस्था करना
- शिक्षकों के पर्यवेक्षण के आधार पर जो प्रमुख उद्देश्य प्राप्त किया जाता है, वह है-
(a) निर्धारित पाठ्यक्रम से शिक्षकों को बलपूर्वक जोड़ना
(b) विद्यालय कर्मिकों का भरपूर उपयोग
(c) छात्रों की उत्तरोत्तर प्रगति पर ध्यान रखना
(d) अधिगम प्रक्रियाओं को उन्नत बनाना
- शिक्षण-पर्यवेक्षण का प्रमुख कार्य है–
(a) छात्रों के कल्याण की प्रोन्नति
(b) शिक्षण कार्य दिवसों का संगठन
(c) पाठ्यक्रम का उत्तम क्रियान्वयन
(d) विद्यालय व्यवस्थाओं का उत्तम प्रयोग
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