Consolidated Balance Sheet Of Holding Companies B.Com 3rd Year MCQ

Consolidated Balance Sheet Of Holding Companies B.Com 3rd Year MCQ :- Corporate Accounting Study Material Question Answer Examination Paper Sample Model Practice Notes PDF MCQ (Multiple Choice Questions) available in our site. parultech.com. Topic Wise Chapter wise Notes available. If you agree with us, if You like the notes given by us, then please share it to all your Friends. If you are Confused after Visiting our Site Then Contact us So that We Can Understand You better.



बहुविकल्पीय प्रश्न

(Multiple Choice Questions) 

  1. सूत्रधारी कम्पनी बनने के लिए एक कम्पनी को दूसरी कम्पनी की समता अंश पूँजी में कम से कम ……. अंश प्राप्त करने होंगे-

(अ) 50% 

(ब) 51% 

(स) 60%

(द) 75% 

  1. A कम्पनी B कम्पनी के 55% अंशों की धारक है,A कम्पनी है-

(अ) B कम्पनी की क्रेता

(ब) अवशोषित कम्पनी 

(स) सूत्रधारी कम्पनी

(द) सहायक कम्पनी 

  1. अलिक ने बलि के 80% समता अंश तथा 40% पूर्वाधिकार अंश प्राप्त किए।अलि० की स्थिति क्या होगी? 

(अ) 60% अधिकार के साथ सूत्रधारी कम्पनी 

(ब) 80% अधिकार के साथ सूत्रधारी कम्पनी 

(स) 70% अधिकार के साथ सूत्रधारी कम्पनी

(द) अ लि० सूत्रधारी कम्पनी ही नहीं है 

  1. सूत्रधारी कम्पनी को कम्पनी अधिनियम, 2013 की किस धारा में परिभाषित किया गया है-

(अ) धारा 2(44)

(ब) धारा 2(45) 

(स) धारा 2(46).

(द) धारा 3(46) 

  1. सहायक कम्पनी को कम्पनी अधिनियम, 2013 की किस धारा में परिभाषित किया गया है-

(अ) धारा 2(87)

(ब) धारा 3(87) 

(स) धारा 4(87)

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. सूत्रधारी कम्पनी में पूँजी संचय कहाँ दिखाया जाएगा? 

(अ) सम्पत्ति

(ब) दायित्व 

(स) लाभ-हानि विवरण

(द) इनमें से कोई नहीं

  1. सूत्रधारी कम्पनी वह है-

(अ) जो अन्य कम्पनी के कम से कम 51% अंशों की धारक हो 

(ब) जो अन्य कम्पनी के कम से कम 80% अंशों की धारक हो 

(स) अन्य कम्पनी इसके संचालक मण्डल पर नियन्त्रण रखती हो 

(द) उपर्युक्त सभी 

  1. निम्नलिखित में कौन-सा कथन सत्य है-

(अ) एकीकरण योजना सर्वोत्तम है 

(ब) संविलयन करना सूत्रधारी कम्पनी से बेहतर है।

(स) सूत्रधारी योजना एकीकरण एवं संविलयन से उचित है।

(द) तीनों ही विधियाँ स्वतन्त्र अस्तित्व में बाधक है।

  1. सहायक कम्पनी से आशय है –

(अ) जो अन्य कम्पनी पर नियन्त्रण रखती हो

(ब) अन्य कम्पनी इसके संचालक मण्डल को नियन्त्रित करती हो

(स) अन्य कम्पनी इसके 40 प्रतिशत अंशों की धारक हो

(द) उपर्युक्त में से एक भी नहीं 

  1. सहायक कम्पनी को परिभाषित किया गया है –

(अ) कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(87) में 

(ब) आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2 में 

(स) कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(78) में

(द) परिभाषित किया ही नहीं गया है 

  1. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है

(अ) सूत्रधारी कम्पनी सहायक कम्पनी को अपने में मिला लेती है 

(ब) सहायक कम्पनी का अस्तित्व पृथक् होता है 

(स) सहायक कम्पनी कम से कम 50% अंशों की धारक होती है

(द) उपर्युक्त सभी सत्य हैं 

  1. Aलि० की B लि० सहायक कम्पनी है। C लि• B लि० की सहायक कम्पनी है। Aलिक एवं c का सम्बन्ध है-

(अ) A लि० एवं C लि० में कोई सम्बन्ध नहीं है 

(ब) A लि० C लि. की सूत्रधारी कम्पनी है लेकिन C लि. उसकी सहायक कम्पनी नहीं है 

(स) C लि• A लि० की भी सहायक कम्पनी है

(द) B लि. दोनों की सहायक कम्पनी है। 

  1. सूत्रधारी कम्पनी का उद्देश्य है

(अ) सहायक कम्पनी के लाभों में हिस्सा बंटाना 

(ब) सहायक कम्पनी पर नियन्त्रण करना 

(स) व्यावसायिक प्रतियोगिता समाप्त करके छोटे आकार में कुशल नियन्त्रण एवं आर्थिक लाभार्जन करना 

(द) मितव्ययिताएँ प्राप्त करना 

  1. आंशिक स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी में सूत्रधारी कम्पनी के अलावा कौन भागीदार होता है-

(अ) संचालक

(ब) प्रवर्तक 

(स) अधिकारी

(द) अल्पमत बाह्य अंशधारी 

  1. सूत्रधारी कम्पनी को जनक कम्पनी’ नाम दिया गया है

(अ) सेबी द्वारा 

(ब) कम्पनी कानून बोर्ड द्वारा 

(स) आई०सी०ए०आई० द्वारा निर्गत लेखांकन मानक-21 द्वारा

(द) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 

  1. किस लेखांकन प्रमाप (AS) में वित्तीय विवरणों के समूहीकरण की कार्यविधि स्पष्ट की गई है-

(अ) लेखांकन प्रमाप-3

(ब) लेखांकन प्रमाप-7 

(स) लेखांकन प्रमाप-14

(द) लेखांकन प्रमाप-21 

  1. समूहित वित्तीय विवरण इस सिद्धान्त पर तैयार किये जाते हैं

(अ) रूप में कम्पनियाँ एक सत्ता हैं; वास्तविकता में वे पृथक् हैं 

(ब) रूप में कम्पनियाँ पृथक् हैं; वास्तविकता में वे एक हैं। 

(स) रूप और वास्तविकता में कम्पनियाँ ‘एक सत्ता हैं

(द) रूप और वास्तविकता में कम्पनियाँ पृथक् हैं 

  1. अंशों की प्राप्ति की लागत का समता मूल्य पर आधिक्य कहा जाता है-

(अ) पूँजीगत संचिति

(ब) पूँजीगत लाभ 

(स) नियन्त्रण की लागत

(द) इनमें से कोई नहीं 

19, सहायक कम्पनी की सम्पत्तियों और दायित्वों के पुनर्मूल्यांकन पर लाभ माना जाता है-

(अ) पूँजीगत लाभ

(ब) आयगत लाभ 

(स) ख्याति

(द) इनमें से कोई नहीं

  1. समूहित चिठे में अल्पमत हित की गणना का प्रश्न तब उत्पन्न होता है जब –

(अ) सहायक कम्पनी में कुछ अंश अल्पमत समुदाय के व्यक्तियों द्वारा धारित हैं।

(ब) सहायक कम्पनी में कुछ अंश सूत्रधारी कम्पनी द्वारा धारित हैं। 

(स) सहायक कम्पनी में कुछ अंश सूत्रधारी कम्पनी के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा धारित हैं।

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

  1. सहायक कम्पनी के क्रय के पूर्व के लाभों से प्राप्त लाभांश क्रेडिट किया जाना चाहिये –

(अ) लाभ-हानि विवरण को

(ब) सहायक कम्पनी में विनियोग खाते को 

(स) आधिक्य खाता 

(द) पूँजीगत संचय खाता को

  1. सूत्रधारी कम्पनी द्वारा सहायक कम्पनी के अंशों के क्रय से पूर्व की इसकी हानियों का सूत्रधारी  कम्पनी की पुस्तकों में क्या व्यवहार किया जाता है-

(अ) हानियों के लिये आयोजन करना ।

(ब) सहायक कम्पनी में सम्पत्तियों के शुद्ध मूल्य में समायोजन करना 

(स) अपने लाभ-हानि विवरण में डेबिट करना 

(द) कोई प्रविष्टि नहीं

  1. सूत्रधारी कम्पनी द्वारा सहायक कम्पनी में अंशों के क्रय के पश्चात् यदि सहायक कम्पनी में हानियाँ होती हैं तो इनका सूत्रधारी कम्पनी अपनी पुस्तकों में क्या उपचार करेगी? 

(अ) अपने भाग की सीमा तक हानियों के लिये आयोजन करना 

(ब) सहायक कम्पनी में सम्पत्तियों के शुद्ध मूल्य से घटाना 

(स) अपने लाभ-हानि विवरण के शेष में से घटायेगी

(द) कोई प्रविष्टि नहीं करना 

  1. सूत्रधारी कम्पनी द्वारा खरीदे गए सहायक कम्पनी के अंश या ऋण-पत्रों की बकाया माँग को –

(अ) सूत्रधारी कम्पनी के चालू दायित्वों में जोड़ते हैं 

(ब) सम्पत्ति पक्ष में दिखाते हैं 

(स) संदिग्ध दायित्व में शामिल करते हैं

(द) सूत्रधारी कम्पनी की पुस्तकों में नहीं दिखाते हैं 

  1. सूत्रधारी कम्पनी के लाभ-हानि विवरण में सहायक कम्पनी से सम्बन्धित कौन-सी मद दिखाई जाती है-

(अ) देनदार

(ब) न वसूल हुआ लाभ 

(स) सहायक कम्पनी की हानियों का आयोजन 

(द) बोनस अंश 

  1. सहायक कम्पनी द्वारा प्रस्तावित किए गए लाभांश में सूत्रधारी कम्पनी के भाग को निम्न में से किसके भाग के रूप में दिखाया जाएगा? 

(अ) ख्याति

(ब) सामूहिक पूँजीगत लाभ 

(स) सामूहिक आयगत लाभ

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. सहायक कम्पनी द्वारा अंश अधिग्रहण के पश्चात् के लाभों में से घोषित लाभांश जो सूत्रधारी कम्पनी को प्राप्त हुए हैं एक-

(अ) आय है

(ब) विनियोगों की वसूली है 

(स) दायित्व है

(द) चालू सम्पत्ति है 

  1. ‘सहायक कम्पनी ने बोनस अंश जारी किए। सूत्रधारी कम्पनी की पुस्तकों में प्रविष्टि होगी-

(अ) Cash A/c Dr.

To Bonus A/C

(ब) Bank A/c Dr.

To Investment A/C 

(स) Bonus A/c Dr.

To S. Co.

(द) कोई प्रविष्टि नहीं होगी 

  1. सूत्रधारी कम्पनी सहायक कम्पनी से प्राप्त बोनस अंश का क्या लेखा करेगी-

(अ) लाभ-हानि विवरण में जमा करेगी 

(ब) सहायक कम्पनी में विनियोग खाते में जमा करेगी 

(स) बोनस अंश खाते में जमा करेगी। 

(द) विनियोग खाते में अंशों की संख्या बढ़ा देगा

  1. XCo.ने Y Co. के अंश 1 अप्रैल, 2019 को क्रय किए।YCo. ने सन् 2019-20 में 50000 रू. का लाभ कमाया। x Co. ने 80% अंशों का क्रय किया है। अधिग्रहण से पूर्व के लाभ होंगे –

(अ) 50,000 रू.

(ब) 40,000 रू.

(स) 12,500  रू.

(द) कुछ नहीं 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 30 में यदि अंशों का अधिग्रहण 1 सितम्बर को किया जाता तो अधिग्रहण सेपकर लाभ होंगे-

(अ) 20,833  रू.

(ब) 25,000  रू. 

(स) 40,000 रू.

(द) कुछ नहीं 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 30 में अधिग्रहण के पश्चात् के लाभ हैं-

(अ) 40,000 रू.

(ब) 50,000  रू.

(स) 25,000 रू.

(द) 37,500  रू. 

  1. सहायक कम्पनी को अंश अधिग्रहण के पश्चात् 60,000  रू. की हानि हुई। सहायक कम्पनी में सूत्रधारी कम्पनी का हिस्सा 70% है। सूत्रधारी कम्पनी क्या प्रविष्टि करेगी-

(अ) Subsidiary Co.                                 Dr.                     60,000 

To P&L A/C                                                                      60,000 

(ब) P&L A/C                                           Dr.                      60,000 

To Prov. for Losses in S. Co.                                            60,000 

(स) P& L A/c                                     dr.                   42,000 

To Prov. for Losses in S. Co.                                 42,000 

(द) Prov. for Losses in S. Co.                 Dr.                     42,000 

To S. Co.                                                                          42,000 

  1. सहायक कम्पनी ने अंश अधिग्रहण से पूर्व के लाभों में से लाभांश घोषित किया। सूत्रधारी कम्पनी को 30,000  रू. मिले। प्रविष्टि होगी-

(अ) Bank A/c                                      Dr.                    30,000 

To Investment in shares of S. Co.                                      30,000 

(ब) Bank A/c                                             Dr.                      30,000 

To Dividend A/C                                                                  30,000 

(स) Bank A/C                                            Dr.                      30,000 

To P&L A/C 30,000 

(द) Investment in Shares of S. Co.           Dr.                      30,000 

To Dividend A/C                                                                  30,000 

  1. एक सहायक कम्पनी की पूँजी और संचयों में सूत्रधारी कम्पनी का हिस्सा 3,90,000  रू. है तथा 30,000 सहायक कम्पनी के अंशों में विनियोग 4,20,000  रू. का है यह अन्तर कहलाता है-

(अ) ख्याति 30,000  रू.

(ब) पूँजीगत संचय 30,000  रू.

(स) आयगत लाभ 30,000  रू. 

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 

  1. ‘न वसूल हुये लाभ’ का कौन सा हिस्सा समायोजित किया जाता है

(अ) सूत्रधारी कम्पनी का

(ब) सहायक कम्पनी का 

(स) सम्पूर्ण राशि 

(द) कोई समायोजन नहीं। विवरण बनाना

  1. भारतीय कम्पनी अधिनियम, 2013 के अनुसार मिश्रित चिद्रा और लाभ-हानि खाता/लाभ-हानि विवरण बनाना-

(अ) अनिवार्य है

(ब) अनिवार्य नहीं है 

(स) केवल तभी अनिवार्य जबकि सत्रधारी कम्पनी ने सहायक कम्पनी की समता अंश पूँजी में 80% अधिक अंश लिए हों 

(द) केवल तभी अनिवार्य जबकि सूत्रधारी कम्पनी का भाग 100% हो 

  1. सहायक कम्पनी द्वारा निर्गमित अधिलाभांश अंश अल्पमत हित को –

(अ) बढ़ायेंगे 

(ब) घटायेंगे 

(स) प्रभावित नहीं करेंगे

(द) कह नहीं सकते

  1. सहायक कम्पनी में अंशों के विक्रय पर हानि को डेबिट किया जाता है –

(अ) लाभ-हानि खाते को

(ब) ख्याति खाते को

(स) पँजी संचय खाते को

(द) पूँजी हानि खाते को 

  1. एक सूत्रधारी कम्पनी द्वारा सहायक कम्पनी में धारण के एक भाग के विक्रय पर लाभ को …… में से घटाया जाता है।

(अ) आधिक्य

(ब) पूँजी संचय

(स) ख्याति 

(द) उपर्युक्त (ब) तथा (स) 

  1. वर्ष 2019-20 में सहायक कम्पनी की पूँजी 2,00,000 रू., सूत्रधारी कम्पनी की पूँजी 5 लाख रुपए, कसानी के लाभ-हानि विवरण का प्रारम्भिक शेष 5,000 रू. तथा अन्तिम शेष 10,000 रू., कम्पनी ने अंशो का क्रय 1 अक्टूबर, 2019 को किया। सहायक कम्पनी की शुद्ध कीमत मानी जाएगी-

(अ) 2,05,000 रू.

(ब) 2,07,500 रू. 

(स) 2,15,000 रू.

(द) 2,10,000 रू. 

  1. ‘न वसूल हुए लाभ’ का समायोजन होगा-

(अ) सत्रधारी कम्पनी के लाभों में से घटाया जाएगा 

(ब) एकीकृत चिट्ठे में स्टॉक में से भी. घटाया जाएगा 

(स) उपर्युक्त दोनों

(द) उपर्युक्त दोनों नहीं 

  1. एच० क एक सूत्रधारी एवं एस० कं० एक सहायक कं० है। एस कं० के स्टॉक में 20,000 रू. का ऐसा माल शामिल है जो एच० कम्पनी ने विक्रय मूल्य पर 10% लाभ उठाकर बेचा था। न वसूल हुआ लाभ होगा-

(अ) 2,000 रू.

(ब) 1,818 रू. 

(स) 2,200 रू. 

(द) 2,222 रू. 

  1. एस लि. के रहतिये में सूत्रधारी कम्पनी द्वारा लागत पर 25% के लाभ पर आपूर्ति किया गया माल 1,00,000 रू. का है। इसकी सूत्रधारी कम्पनी का हित 80% है। मिश्रित चिट्ठे में एस लि. के रहतिये की दिखलाई जाने वाली राशि होनी चाहिये-

(अ) 1,00,000 रू.

(ब) 75,000 रू. 

(स) 80,000 रू.

(द) 84,000 रू.

  1. SLtd. के पास इसकी सूत्रधारी कम्पनी द्वारा लागत पर 20% के लाभ पर आपूर्ति किये माल में से 12,000 रू.का माल स्टॉक में है। इसकी सूत्रधारी कम्पनी का हित 80% है। न वसूल हुए लाभ की राशि है-

(अ) 2,400 रू. 

(ब) 2,000 रू.

(स) 1.600 रू. 

(द) इनमें से कोई नहीं

  1. सूत्रधारी कम्पनी द्वारा देय लाभांश 2,00,000 रू. है और शत-प्रतिशत स्वामित्व वाली सहायक द्धारा 50,000 रू. है।सामहिक आर्थिक चिट्ठे में देय लाभांश के रूप में दिखलायी जानी चाहिये-

(अ) 75,000 रू.

(ब) 2,000 रू.

(स) 2,75,000 रू.

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. अल्पमतधारियों का भाग मिश्रित चिठे में दिखाया जाता है –

(अ) समता एवं दायित्व में 

(ब) सम्पत्ति में

(स) टिप्पणी के रूप में

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 

  1. दिया गया है-सहायक कम्पनी के शेष –

Share Capital                                 रू. 2,00,000

Preliminary Exp.                             रू. 2,000

General Reserve (1-4-2019)          रू. 10,000

Land & Building                              रू. 2,00,000

 

Statement of P & L (1-4-2019)        रू. 5,000

सूत्रधारी कम्पनी ने 80% अश रू. 1,80,000 में खरीदे, भूमि व भवन का मूल्यांकन 2,20,000 रू. पर पादपूर वर्ष के लाभ 20.000 रू. केहों और अंशों का क्रय 1 जुलाई को किया गया हो, तो अधिग्रहण से पूर्व के लाभ क्या होंगे –

(अ) 5,000 रू.

(ब) 20,000 रू. 

(स) 15,000 रू.

(द) 38,000 रू. 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 48 में अधिग्रहण के पश्चात् के लाभ क्या होंगे? 

(अ) 5,000 रू.

(ब) 20,000 रू. 

(स) 15,000 रू.

(द) 25,000 रू. 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 48 में भूमि व भवन के मूल्य में वृद्धि का क्या समायोजन होगा-

(अ) शुद्ध कीमत में वृद्धि होगी

(ब) शुद्ध कीमत में कमी होगी 

(स) केवल चिट्ठे में परिवर्तन होगा 

(द) शुद्ध कीमत व चिट्ठा दोनों प्रभावित होंगे 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 48 में प्रारम्भिक व्यय का क्या लेखा होगा

(अ) शुद्ध कीमत में से घटाया जाएगा 

(ब) एकीकृत चिट्ठे में दिखाया जाएगा

(स) सम्पत्तियों में से घटाया जाएगा 

(द) लाभों में से घटाया जाएगा 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 48 में सहायक कम्पनी की शुद्ध कीमत क्या होगी? 

(अ) 2,40,000 रू.

(ब) 2,38,000 रू. 

(स) 2,15,000 रू.

(द) 2,35,000 रू. 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 48 में सहायक कम्पनी की शुद्ध कीमत में सूत्रधारी कम्पनी का हिस्सा होगा-

(अ) 2,35,000 रू.

(ब) 2,40,000 रू.

(स) 1,90,400 रू.

(द) 1,92,000 रू. 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 48 में अल्पमत अंशधारियों का हित होगा-

(अ) 2,38,000 रू.

(ब) 50,600 रू. 

(स) 47,000 रू.

(द) 48,000 रू. 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 48 में ख्याति की राशि होगी-

(अ) 10,400 रू.

(ब) 60,000 रू. 

(स) 12,000 रू.

(द) ख्याति नहीं होगी 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 48 की सूचनाओं के अनुसार विनियोगों की लागत एवं शुद्ध कीमत में सूत्रधारी कम्पनी के हिस्से की तुलना क्या प्रकट करेगी-

(अ) ख्याति 12,000 रू.

(ब) पूँजीगत संचय 10,400 रू. 

(स) पूँजीगत संचय 12,000 रू. 

(द) ख्याति 10,400 रू. 

  1. दिया गया है

सूत्रधारी कम्पनी के लाभ-हानि विवरण का प्रारम्भिक शेष (1-4-2019) 30,000 रू.चालू वर्ष में अर्जित लाभ 80,000 रू. 

सहायक कम्पनी के चालू वर्ष के लाभ 30,000 रू. 

सूत्रधारी कम्पनी का विनियोग 80% 

अधिग्रहण किया 1 अक्टूबर, 2019 

एकीकृत लाभ जो एकीकृत चिट्ठे में प्रकट होगा की गणना कीजिए-

(अ) 1,22,000 रू.

(ब) 1,40,000 रू. 

(स) 82,000 रू.

(द) 1,34,000 रू. 

  1. वर्ष 2019-20 हेतु सहायक कम्पनी की निम्नलिखित सूचनाएँ उपलब्ध हैं-लाभ-हानि खाते/विवरण का शेष-प्रारम्भिक 5,000 रू., अन्तिम 50,000 रू., सामान्य संचय-प्रारम्भिक 20,000 रू.,अन्तिम 23,000 रू., प्रदत्त अंश पूँजी 5,00,000 रू.,सत्रधारी कम्पनी ने 1 अगस्त 2017 को सहायक कम्पनी के 70 प्रतिशत अंश खरीदे। सहायक कम्पनी के चालू वर्ष के लाभ हागे-

(अ) 45,000 रू.

(ब) 48,000 रू. 

(स) 53,000 रू. 

(द) 47,000 रू.

  1. उपर्युक्त प्रश्न 58 में अधिग्रहण से पूर्व के लाभ होंगे

(अ) 16,000 रू.

(ब) 24,000 रू. 

(स) 33,000 रू.

(द) 41,000 रू. 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 58 में सहायक कम्पनी की शुद्ध कीमत होगी-

(अ) 5,07,000 रू.

(ब) 5,16,000 रू. 

(स) 5,41,000 रू.

(द) 5,23,000 रू.

  1. उपर्युक्त प्रश्न 58 में सहायक कम्पनी की शुद्ध कीमत में सूत्रधारी कम्पनी का हिस्सा होगा-

(अ) 3,66,000 रू.

(ब) 3,78,700 रू.

(स) 5,00,000 रू. 

(द) 3,92,500 रू.

  1. सहायक कम्पनी द्वारा घोषित अन्तरिम लाभांश में सूत्रधारी कम्पनी के हिस्से के साथ एकीकृत ना बनाते समय क्या व्यवहार किया जाएगा

(अ) चालू वर्ष के लाभ ज्ञात करने हेतु लाभ-हानि खाते के अन्तिम शेष में जोड़ा जाएगा और एकीकृत लाभ में से घटाया जाएगा 

(ब) एकीकृत चिठे में दिखाया जाएगा 

(स) अन्तर्कम्पनी व्यवहार मानकर हटाया जाएगा 

(द) कोई व्यवहार नहीं होगा

  1. दिया गया है – लाभ-हानि खाते/विवरण का शेष-प्रारम्भिक 2,00,000 रू., अन्तिम 2,50,000 रू., पायों में हस्तान्तरण 5,000 रू.,अन्तरिम लाभांश दिया 30,000 रू., सहायक कम्पनी का चालू वर्ष का लाभ ज्ञात कीजिए –

(अ) 50,000 रू.

(ब) 85,000 रू. 

(स) 80,000 रू.

(द) 55,000 रू. 

  1. सहायक कम्पनी ने अन्तरिम लाभांश दिया 30,000 रू. रू. सूत्रधारी कम्पनी के लाभ- हानि खाते/विवरण का प्रारम्भिक शेष 4 लाख रू., चालू वर्ष के लाभ 1 लाख र, सहायक कम्पनी के अंश अधिग्रहण पश्चात् के लाभ 20,000 रू.,सूत्रधारी कम्पनी का हिस्सा 60%, स्टॉक में शामिल न वसूल हुआ लाभ 1,200 रू., एकीकृत लाभ (Consolidated Profit) होगा-

(अ) 5,28,800 रू.

(ब) 5,10,800 रू. 

(स) 5,18,800 रू.

(द) 4,90,800 रू. 

  1. X लि, एक सूत्रधारी कम्पनी ने Y लि० एक सहायक कम्पनी के 12,000 अंश 1,80,000 रू. में खरीदे। सहायक कम्पनी की शुद्ध कीमत 2,50,000 रू., ख्याति या पूँजीगत संचय ज्ञात कीजिए, यदि सहायक कम्पनी की निर्गमित पूँजी 2 लाख रू. हो जो 10 रू. वाले अंशों में विभाजित हो-

(अ) 18,000 रू. पूँजीगत संचय 

(ब) 18,000 रू. ख्याति 

(स) 30,000रू. ख्याति

(द) 30,000 रू. पूँजीगत संचय 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 65 में यदि शुद्ध, कीमत 4 लाख रू. हो तो क्या स्थिति होगी-

(अ) 72,000 रू. ख्याति

(ब) 60,000 रू. पूँजीगत संचय 

(स) 72,000 रू. पूँजीगत संचय 

(द) 60,000 रू. ख्याति 

  1. शुद्ध कीमत में हिस्से एवं विनियोगों की तुलना से ख्याति की स्थिति उत्पन्न होगी –

(अ) विनियोग की लागत-शुद्ध कीमत में हिस्सा 

(ब) शुद्ध कीमत में हिस्सा-विनियोग की लागत 

(स) ख्याति का दोनों से कोई सम्बन्ध नहीं

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 

  1. दिया गया है-

विवरण सूत्रधारी कं० सहायक कं०

प्राप्य बिल 45,000 रू. 25,000 रू.

देय बिल 75,000 रू. 55,000 रू. 

सहायक कम्पनी ने समस्त देय बिल सत्रधारी कम्पनी के पक्ष में निर्गमित किए हैं जिनमें से सूत्रधारी कम्पनी ने 15,000 रू. के बिल भना लिए हैं। सूत्रधारी कम्पनी के संदिग्ध दायित्व 40,000 रू. के हैं। एकीकृत चिठे में प्राप्य बिलों की राशि होगी-

(अ) 70,000 रू.

(ब) 45,000 रू.

(स) 30,000 रू.

(द) 55,000 रू. 

  1. उपर्युक्त प्रश्न 68 में देय बिलों की राशि जो एकीकृत चिट्ठे में प्रकट होगी-

(अ) 1,30,000 रू. 

(ब) 90,000 रू. 

(स) 1,15,000 रू.

(द) 1,10,000 रू.

  1. उपर्युक्त प्रश्न 68 में संदिग्ध दायित्वों की राशि होगी-

(अ) 40,000 रू.

(ब) 25,000 रू.

(स) 15,000 रू.

(द) पूर्ण रूप से समाप्त 

  1. सहायक कम्पनी के लाभ-हानि विवरण में ऋणपत्रों पर ब्याज 16,000 रू. दिखाया गया है। ऋणपत्र सूत्रधारी कम्पनी के पास हैं। एकीकृत लाभ-हानि विवरण में ऋणपत्रों का ब्याज दिख जाएगा-

(अ) 16,000 रू. डेबिट

(ब) 8,000 रू. क्रेडिट 

(स) 8,000 रू. डेबिट

(द) 16,000 रू. क्रेडिट 

  1. बी लि० एक सहायक कम्पनी की पुस्तकों में भूमि-भवन का मूल्य वर्ष के प्रारम्भ में 2,00,0003 है। सूत्रधारी कम्पनी एलि० ने अंशों का क्रय वर्ष के प्रारम्भ की तिथि को किया तथा इसी तिथिको मूल्यांकन 3 लाख  किया। ह्रास की दर 10% है। पुनर्मूल्यांकन पर लाभ होगा-

(अ) 1 लाख रू.

(ब) 1.20 लाख रू. 

(स) 1.10 लाख रू.

(द) लाभ नहीं होगा 

  1. सूत्रधारी कम्पनी ने क्रय किए गए सहायक कम्पनी के 3,000 अंशों, जिनकी लागत 48,000 रू. थी में से 1,000 अंश 20 रू. प्रति अंश की दर पर बेचे। विक्रय पर लाभ होगा-

(अ) हानि 4,000 रू.

(ब) 20,000 रू. 

(स) 28,000 रू.

(द) 4,000 रू. 

  1. एस लि० की दत्त अंश पूँजी 1,00,000 रू., अंश अधिग्रहण से पूर्व अवधि का लाभ 10,000 रू., सामान्य संचय 20,000 रू. तो शुद्ध मूल्य होगा-

(अ) 1,10,000 रू.

(ब) 1,20,000 रू.

(स) 1,30,000 रू.

(द) 1,00,000 रू. 

  1. 31 मार्च, 2019 को एस लि. का लाभ-हानि विवरण का शेष रू.10,000; वर्ष 2019-20 में अर्जित लाभ रू. 20,000 था। एस लि. के अंश एच लि. द्वारा 1 अप्रैल 2019 को क्रय किये गए तो अंश अधिग्रहण से पूर्व की अवधि का लाभ होगा-

(अ) रू. 30,000

(ब) रू. 10,000 

(स) रू. 20,000

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. उपरोक्त प्रश्न 75 में यदि अंश 1 अक्टूबर 2019 को क्रय किये गए हों तो अधिग्रहण से पूर्व का लाभ होगा-

(अ) रू. 30,000

(ब) रू. 10,000 

(स) रू. 20,000

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. उपरोक्त प्रश्न 75 में यदि अंश 1 अक्टूबर 2019 को क्रय किये गए तो अंश अधिग्रहण के पश्चात् का लाभ होगा-

(अ) रू. 30,000

(ब) रू. 10,000 

(स) रू. 20,000

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. अंश क्रय करने की तिथि को लाभ-हानि विवरण का डेबिट शेष रू.1,000; वर्ष में सामान्य संचय में हस्तान्तरित राशि रू. 1,000 तथा वर्ष के अन्त में लाभ-हानि विवरण का क्रेडिट शेष रू. 5,000 है तो आयगत लाभ की राशि होगी-

(अ) रू. 5,000 

(ब) रू. 6,000

(स) रू. 7,000

(द) रू. 4,000 

  1. अंश क्रय की तिथि पर लाभ-हानि विवरण का डेबिट शेष रू. 40,000 था तथा वर्ष के अन्त में डेबिट शेष रू. 25,000 था। वर्ष में अर्जित लाभ/हानि होगा-

(अ) रू. 15,000 लाभ 

(स) रू. 25,000 हानि

(ब) रू. 15,000 हानि 

(द) रू. 40,000 

  1. बी० लि के अन्तिम स्कन्ध में रू. 33,000 का ऐसा माल शामिल है जो इसने अपनी सहायक कम्पनी ए लि० से क्रय किया है। बी लि. को ए लि० माल लागत+10% लाभ पर बेचती है। न वसूल लाभ की राशि होगी-

(अ) रू. 3,000 

(ब) रू. 3,300 

(स) रू. 330

(द) रू. 2,000

  1. एक सूत्रधारी कम्पनी के लिए सहायक कम्पनी के समता अंशों का क्रय करना अनिवार्य है –

(अ) कम से कम 50%

(ब) कम से कम 52%

(स) कम से कम 75%

(द) इनमें से कोई नहीं

  1. समामेलित चिट्ठे में नहीं दर्शाया जायेगा –

(अ) रोकड

(ब) स्कन्ध

(स) अल्मत हित

(द) अन्तर्कम्पनी व्यवहार

  1. यदि सूत्रधारी कम्पनी ने सहायक कम्पनी को 27,000 रू. की लागत का माल 36,000 में बेचा हो तथा समामेलित चिट्टा तैयार करने की तिथि पर इस माल में से सहायक कम्पनी के पास 6,000 रू. का माल शेष हो, तो न वसूल हुआ लाभ होगा-

(अ) रू. 500 

(ब) रू. 1,500

(स) रू. 2,000 

(द) रू. 4,500 

  1. सहायक कम्पनी के अल्पमतधारी अधिकारी हैं-

(अ) पूँजीगत लाभ के

(ब) आयगत लाभ के 

(स) पंजीगत तथा आयगत दोनों लाभों के 

(द) उपर्यक्त सभी

  1. पनी द्वारा अधिग्रहीत सम्पत्तियों का मूल्य क्रय प्रतिफल से कम हो तो अन्तर होता है-

(अ) गुप्त संचय

(ब) ख्याति 

(स) पूँजी संचय

(द) सामान्य संचय 

  1. सूत्रधारी कम्पनी के लेनदारों में 12,500 रू. ऐसे माल के हैं जो सहायक कम्पनी से खरीदा गया है किन्त बिका नहीं है। सहायक कम्पनी लागत में 25% जोड़कर माल भेजती है। सूत्रधारी कम्पनी ने 3/4 अंश सहायक कम्पनी के क्रय किए हैं। न वसूल हुए लाभ में सूत्रधारी कम्पनी का हिस्सा होगा-

(अ) रू. 2,500 

(ब) रू. 1,875

(स) रू. 3,125 

(द) रू. 2,344 

  1. सहायक कम्पनी द्वारा बनाए गए कर हेतु प्रावधान को एकीकृत चिट्ठे में दिखाने वाली मद है-

(अ) आयगत आय 

(ब) अल्पमत हित 

(स) चल दायित्व 

(द) चल सम्पत्ति 

  1. सहायक कम्पनी द्वारा पूँजीगत लाभों में से बोनस अंश निर्गमित करने पर-

(अ) नियन्त्रण की लागत घट जायेगी 

(ब) नियन्त्रण की लागत बढ़ जायेगी

(स) नियन्त्रण की लागत अप्रभावित रहेगी 

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. एक सहायक कम्पनी के चिठे में निम्नलिखित शेष है-

अंश पूँजी 50,000 रू., सामान्य संचय : प्रारम्भिक शेष 2,000 रू. , अन्तिम शेष 3,000 रू., ऋणपत्रों पर बट्टा 1,000 रू. रू. सहायक कम्पनी की शुद्ध कीमत होगी-

(अ) रू. 50,000 

(ब) रू. 52,000 

(स) रू. 51,000 

(द) रू. 53,000 

  1. दिया गया है-अंश पूँजी: सूत्रधारी कम्पनी 10 लाख रू., सहायक कम्पनी 5,00,000 रू., सूत्रधारी कम्पनी ने सहायक कम्पनी की भूमि व भवन का मूल्यांकन 20,000 रू. अधिक तथा मशीनरी का मूल्यांकन 40,000 रू. कम पर किया। सूत्रधारी कम्पनी ने 4 लाख रू. की पूँजी में विनियोग किया है। सहायक कम्पनी की शुद्ध कीमत होगी-

(अ) रू. 5,00,000

(ब) रू. 5,20,000

(स) रू. 4,80,000 

(द) रू. 4,60,000 

  1. अल्पमतधारियों के हित की गणना की जाती है

(अ) समेकित आर्थिक चिठे की तिथि पर 

(ब) सहायक कम्पनी का नियन्त्रण लेते समय 

(स) लेखा वर्ष के अन्त में

(द) वित्तीय वर्ष के अन्त पर 

  1. एलि. एक सूत्रधारी कम्पनी ने अपनी सहायक कम्पनी बी लि. को 5,000 रू. की सेवाएं प्रदान की। एकीकृत चिट्ठा बनाते समय क्या लेखा होगा-

(अ) रू. 5,000 अधिग्रहण से पर्व के लाभों में घटाए जायेंगे

(ब) रू. 5,000 सहायक कम्पनी के लाभों में घटाए जायेंगे 

(स) 25,000 सहायक कम्पनी के लाभों से घटाकर एकीकृत लाभों में जोड़े जायेंगे 

(द) उपरोक्त ‘स’ की विपरीत स्थिति

  1. दिया गया है-

सूत्रधारी कम्पनी के लाभ-हानि विवरण का प्रारम्भिक शेष (1 अप्रैल, 2020 को) 20,000 रू., चालू वर्ष का अर्जित लाभ 70.000१.सत्रधारी कम्पनी का विनियोग 80%, सहायक कम्पनी का चालू वर्ष का लाभ 30,000 रू.,अंशों को क्रय किया गया 1 अक्टूबर, 2020 को। एकीकृत लाभ जोकि एकीकत चिटठे में दर्शाएँ जायेंगे, होंगे –

(अ) रू. 90,000

(ब) रू. 1,20,000 

(स) रू. 1,02,000 

(द) रू. 1,16,000

  1. दिया गया है-

स्थायी सम्पत्ति 3,00,000 रू., चालू सम्पत्ति 1,50,000 रू., चालू दायित्व 50,000 रू.. 1,50,000 रू., संचय 20,000 रू.

शुद्ध सम्पत्ति है-

(अ) रू. 4,00,000

(ब) रू. 2,50,000 

(स) रू. 3,00,000

(द) रू. 2,30,000 

  1. सूत्रधारी कम्पनी तथा सहायक कम्पनी का एकीकृत चिट्ठा बनाया जाता है, के अनुसार

(अ) AS-10 

(ब) AS-11 

(स) AS-21 

(द) AS-22 

  1. एक सहायक कम्पनी की पूँजी और संचयों में सूत्रधारी कम्पनी का हिस्सा 4,00,000 रू. है तथा

सहायक कम्पनी के अंशों में विनियोग 4,30,000 रू. का है। यह अन्तर कहलाता है-

(अ) ख्याति 30,000 रू.

(ब) पूँजीगत संचय 30,000 रू. 

(स) आयगत लाभ 30,000 रू.

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. सहायक कम्पनी में क्रय के पूर्व के लाभ को माना जाता है-

(अ) आयगत लाभ

(ब) पूँजीगत लाभ 

(स) ख्याति

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. 1.4.2019 को एस लि. की पुस्तकों में भूमि का मूल्य 2,00,000 रू. दर्शाया गया। 1 जनवरी, 2020

को एच लि० ने इससे 80% अंश क्रय किए तथा इस तिथि पर इस भवन को 3,00,000 रू. पर पुनर्मूल्यांकित किया गया। ह्रास की दर 10% बार्षिक है। पुनर्मूल्यांकन पर लाभ तथा अतिरिक्त ह्रास प्रभार होगा-

(अ) रू. 1,00,000, रू. 10,000 

(ब) रू. 1,80,000, रू. 2,000 

(स) रू. 10,50,000, रू. 15,000 

(द) रू. 1,15,000, रू. 2,500


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