B.Com 2nd Year Cost Records Long Question Answer Notes
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विस्तृत उत्तरीय प्रश्न –
प्रश्न 1- एकीकृत लेखांकन पद्धति से आप क्या समझते हैं? गैर-एकीकृत लेखांकन पद्धति तथा एकीकृत लेखांकन पद्धति में की जाने वाली रोजनामचा प्रविष्टियाँ समझाइए। एकीकृत लेखांकन पद्धति के लाभ बताइए।
What do you understand by Integral Accounting System. Explain the journal entries which are to be passed in non-integral accounting system and integral accounting system. Describe the advantages of integral accounting system.
अथवा ‘एकीकृत लेखों’ से आप क्या समझते हैं? एकीकृत लेखों के लाभ बताइए।
What do you understand by ‘Integrated Accounts’ ? State the advantages of integrated accounts. –
उत्तर- एकीकृत लेखांकन पद्धति का आशय
(Meaning of Integral Accounting System)
एक निर्माणी संस्था वित्तीय पुस्तकें एवं लागत पुस्तकें पृथक्-पृथक् रखती है और उसके परिणामों का मिलान करने के लिए एक समाधान विवरण (Reconciliation Statement) बनाया जाता है। इस प्रकार गैर-एकीकृत लेखांकन पद्धति में वित्तीय लेखों एवं लागत लेखों की पृथक्-पृथक् खाताबहियाँ रखी जाती हैं और मूल व्यवहारों का दो बार विश्लेषण किया जाता है। दोनों पुस्तकों का एक-दूसरे से सामंजस्य बैठाने के लिए वित्तीय पुस्तकों में सामान्य खाताबही में लागत खाताबही नियन्त्रण खाता (Cost Ledger Control Account) खोला जाता है तथा लागत पुस्तकों में लागत खाताबही समायोजन खाता (Cost Ledger Adjustment Account) खोला जाता है, जिससे एक-दूसरे से सम्बन्ध बना रहे, लेकिन यह पद्धति अधिक जटिल है। वित्तीय विभाग और लागत विभाग की आवश्यकताओं को एक ही प्रकार की पुस्तकों से पूरा करने के लिए एकीकृत अथवा पूर्णकीय लेखांकन पद्धति अपनायी जाती है। एकीकृत लेखांकन पद्धति का आशय उस लेखांकन पद्धति से है, जिसमें वित्तीय एवं लागत व्यवहारों का लेखा एक ही खाताबही, जिसे एकीकृत खाताबही कहते हैं, में किया जाता है और उनके द्वारा प्रत्येक वस्तु, उपकार्य, प्रक्रिया की लागत, विश्लेषण करके व्यवसाय की सामूहिक स्थिति जानने के लिए लाभ-हानि खाता तथा आर्थिक चिट्ठा तैयार किया जाता है।
इन्स्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एण्ड मैनेजमेण्ट एकाउण्टेण्ट्स, इंग्लैण्ड (Institute of Cost and Management Accountants, England) के अनुसार, “एकीकृत लेखांकन पद्धति एक ऐसी पद्धति है, जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी सम्बन्धित व्यय लागत लेखों में अवशोषित कर लिए गए हैं, वित्तीय एवं लागत लेखे अन्तर-संयोजित किए जाते हैं।”
गैर-एकीकृत तथा एकीकृत लेखांकन पद्धतियों में रोजनामचा प्रविष्टियाँ
(Journal Entries in Non-integral and Integral Accounting Systems)
गैर-एकीकृत तथा एकीकृत लेखांकन पद्धतियों के अन्तर्गत की जाने वाली रोजनामचा प्रविष्टियाँ अग्र हैं


एकीकृत लेखांकन पद्धति के लाभ
(Advantages of Integral Accounting System)
एकीकृत लेखांकन पद्धति के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं
1. आसान कार्य (Easy Work)-इस पद्धति में एक ही कार्य दो बार नहीं करना पड़ता और अनेक खाते; जैसे-लागत खाताबही नियन्त्रण खाता, सामान्य खाताबही नियन्त्रण खाता, स्टोर्स खाताबही नियन्त्रण खाता आदि रखने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे लेखांकन कार्य आसान हो जाता है।
2. लागत में कमी (Reduction in Cost)-इस पद्धति में लेखांकन की लागत कम आती है, लेखांकन कार्य सरल होता है और सभी सूचनाएँ शीघ्र उपलब्ध हो जाती हैं।
3.शुद्धता की जाँच (Test of Accuracy)-इस पद्धति में लागत लेखों में सभी आवश्यक तथा यथार्थ व्यय सम्मिलित किए जाते हैं और लागत आँकड़ों की शुद्धता की जाँच स्वयं हो जाती है। __
4. अनिवार्यता (Compulsory)-यान्त्रिक लेखांकन में इस पद्धति को अपनाना अनिवार्य है।
5. लेखांकन में समन्वय (Co-ordination in Accounting)-इस पद्धति में लेखांकन में समन्वय होने के कारण लेखांकन कार्य शीघ्रता एवं कुशलता से होता है।
6. परिणामों के समाधान करने की आवश्यकता नहीं (No Necessity of Reconciliation of Results)-इस पद्धति में वित्तीय पुस्तकों और लागत पुस्तकों के लाभ-हानि की राशि एक ही होती है, अत: परिणामों के समाधान करने की आवश्यकता नहीं होती।
प्रश्न 2 – अ-एकीकृत लेखांकन प्रणाली क्या है? इस प्रणाली में रखी जाने वाली प्रमुख खाताबहियाँ बताइए।
What is non-integrated accounting system ? Mention the principal ledgers maintained in this system.
अथवा लागत नियन्त्रण लेखांकन पद्धति से आप क्या समझते हैं? लागत नियन्त्रण लेखांकन पद्धति में कौन-कौन से खाते रखे जाते हैं? लागत नियन्त्रण लेखांकन पद्धति के उद्देश्य बताइए।
What do you understand by Cost Control Accounting System ? What accounts are maintained in cost control accounting system ? Explain the objects of cost control accounting system.
उत्तर- लागत नियन्त्रण/अ-एकीकृत लेखांकन
पद्धति का आशय
(Meaning of Cost Control/Non-integrated Accounting System)
लागत नियन्त्रण लेखांकन पद्धति (अ-एकीकृत लेखांकन प्रणाली) से आशय ऐसी पद्धति से है जिसमें लेखा पुस्तकों के दो समूह रखे जाते हैं। पहला, लेखा पस्तकों का समूह वित्तीय लेखों से सम्बन्धित होता है और दूसरा, लेखा पुस्तकों का समूह लागत लेखो स सम्बन्धित होता है।
बी०के० भर (B.K. Bhar) के शब्दों में, “अ-एकीकृत लेखांकन प्रणाली (लागत नियन्त्रण लेखांकन प्रणाली) के अन्तर्गत चूँकि लागत और वित्तीय लेखों के लिए पृथक्-पृथक् खाताबहियाँ रखी जाती हैं, लागत लेखापाल लागत व्यवहारों के अभिलेखन के लिए उत्तरदायी होता है, जबकि वित्तीय लेखापाल वित्तीय अभिलेखों का प्रभारी होता है।”
इस लेखांकन प्रणाली के अन्तर्गत वित्तीय पुस्तकों में व्यक्तिगत, वास्तविक और नाममात्र सभी प्रकार के लेखे रखे जाते हैं, जबकि लागत पुस्तकों में किसी वस्तु या सेवा की लागत से
सम्बन्धित मदों का ही लेखा किया जाता है। दूसरे शब्दों में, यह कहा जा सकता है कि कुछ मदें । तो केवल वित्तीय पुस्तकों में ही लिखी जाती हैं, जबकि कुछ अन्य मदें केवल लागत पुस्तकों में
ही लिखी जाती हैं। इसी कारण वित्तीय पुस्तकों और लागत पुस्तकों के लाभ या हानि में अन्तर पाया जाता है। वित्तीय पुस्तकों एवं लागत पुस्तकों में रखे जाने वाले खातों में अन्तर के कारण वित्तीय पुस्तकों एवं लागत पुस्तकों के मध्य कड़ी के रूप में वित्तीय पुस्तकों में लागत खाताबही नियन्त्रण खाता (Cost Ledger Control Account) और लागत पुस्तकों में सामान्य खाताबही समायोजन खाता (General Ledger Adjustment Account) खोला जाता है। लागत खातांबहियों में यह खाता द्विप्रविष्टियों के लेखांकन के माध्यम से अन्य नियन्त्रण खातों से सम्बन्धित रहता है। इस प्रणाली में खाते स्वतः सन्तुलन पद्धति (Self Balancing System) के आधार पर सन्तुलित रहते हैं।
अ-एकीकृत प्रणाली की प्रमुख खाता पुस्तकें
(Main Books of Accounts of Non-Intergrated System)
इस प्रणाली के अन्तर्गत वित्तीय लेखा विभाग और लागत लेखा विभाग में दो प्रकार की प्रमुख खाता पुस्तकें रखी जाती हैं। …
1. वित्तीय लेखा विभाग की प्रमुख खाता पुस्तकें
(Main Books of Accounts of Financial Accounting Department)
वित्तीय लेखा विभाग में निम्नलिखित प्रमुख खाता पुस्तकें रखी जाती हैं-
1.सामान्य खाताबही (General Ledger)-इसमें व्यापारिक देनदारों तथा लेनदारों के खातों के अतिरिक्त अन्य सभी व्यक्तिगत, वास्तविक एवं नाममात्र के खाते रखे जाते हैं।
2. देनदारों की खाताबही (Debtors Ledger)-इसमें सभी उधार विक्रयों से सम्बन्धित व्यापारिक देनदारों के व्यक्तिगत खाते रखे जाते हैं।
3. लेनदारों की खाताबही (Creditors Ledger)-इसमें सभी उधार क्रयों से सम्बन्धित व्यापारिक लेनदार के व्यक्तिगत खाते रखे जाते हैं।
उपर्यक्त खाताबहियों में खोले गए खातों के आधार पर लेखांकन अवधि के लाभ या – हानि की गणना कर ली जाती है। वित्तीय पुस्तकों से ज्ञात किए गए लाभ या हानि की धनराशि लागत लेखों से ज्ञात किए गए लाभ या हानि की धनराशि से भिन्न हो सकती है।
II. लागत लेखा विभाग की प्रमुख खाता पुस्तकें
(Main Books of Accounts of Cost Accounting Department)
लागत लेखा विभाग पृथक रूप से लागत लेखे रखता है। लागत लेखा विभाग में सामग्री एवं श्रम से सम्बन्धित मूल प्रपत्र; जैसे-बीजक (Invoice), सामग्री मांग पत्रक (Materials
Requisition Card), सामग्री प्राप्ति नोट (Materials Receipt Note), सामग्री वापसी पत्रक (Materials Returned Card), सामग्री हस्तान्तरण पत्रक (Materials Transfer Card), समय का अभिलेख (Record of Time), जॉब कार्ड (Job Card). कार्यानुसार पत्रक (Piece Work Card), मजदूरी पर्ची (Wage Slip), कार्यहीन समय कार्ड (Workless Time Card), पारिश्रमिक सूची (Wage Sheet or Pay Roll) आदि पत्रक सुरक्षित रखे जाते हैं। इन मूल प्रपत्रों की सहायता से विभिन्न संक्षिप्तियाँ (summaries) तैयार की जाती हैं और लागत रोजनामचा प्रविष्टियाँ (Cost Journal Entries) पारित की जाती हैं। इस प्रणाली में लागत लेखा विभाग में निम्नलिखित प्रमुख खाताबहियाँ रखी जाती हैं
1. लागत खाताबही (Cost Ledger)-इसमें आय-व्यय से सम्बन्धित सभी विभिन्न अव्यक्तिगत खातों (Impersonal Accounts) का समावेश होता है। इस खाताबही में खोले जाने वाले प्रमुख खातों में निम्नलिखित खाते खोले जाते हैं
(i) सामान्य खाताबही समायोजन खाता (General Ledger Adjustment Account), (ii) स्टोर्स खाताबही नियन्त्रण खाता (Stores Ledger Control Account), (iii) मजदूरी नियन्त्रण खाता (Wages Control Account), (iv) कारखाना उपरिव्यय नियन्त्रण खाता (Factory Production Overheads Control Account), (v) कार्यालय एवं प्रशासनिक उपरिव्यय नियन्त्रण खाता (Office and Administrative Overheads Control Account), (vi) विक्रय एवं वितरण उपरिव्यय नियन्त्रण खाता (Selling and Distribution Overheads Control Account), (vii) alle for नियन्त्रण खाता (Work-in-Progress Control Account), (viii) निर्मित माल खाताबही नियन्त्रण खाता (Finished Goods Ledger Control Account) आदि।
2. स्टोर्स खाताबही (Stores Ledger)-इसमें प्रत्यक्ष सामग्री एवं अप्रत्यक्ष सामग्री से सम्बन्धित प्रत्येक मद के लिए एक पृथक् खाता खोला जाता है। लागत बहीखाता में स्टोर्स खाताबही नियन्त्रण खाता (Stores Ledger Control Account) स्टोर्स खाताबही के योग को प्रदर्शित करता है। इसमें प्रत्येक सामग्री के खाते में सामग्री की प्राप्ति (Receipt), निर्गमन (Issue) तथा शेष (Balance) का लेखा रखा जाता है।
3. चालू कार्य खाताबही (Work-in-Progress Ledger)-इसमें कारखाने में उत्पादित हो रही विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के लिए चालू उपकार्यों या प्रक्रियाओं के लिए पृथक् खाते खोले जाते हैं। इन खातों में प्रत्येक वस्तु के उपकार्य या प्रक्रिया से सम्बन्धित सामग्री, श्रम तथा उपरिव्ययों का लेखा रखा जाता है। इस खाताबही का योग लागत खाताबहियों में खोले गए चालू कार्य खाताबही नियन्त्रण खाता (Work-in-Progress Ledger Control Account) द्वारा प्रदर्शित होता है।
4. निर्मित माल खाताबही (Finished Goods Ledger)-इसमें बिक्री के लिए तैयार किए गए माल की प्रत्येक मद के लिए पृथक् खाता खोला जाता है। इस खाताबही का योग लागतबही में खोले गए निर्मित माल खाताबही नियन्त्रण खाता (Finished Goods Ledger Control Account) द्वारा प्रदर्शित होता है।5.लागत लाभ, नि खाता (Costing Profit & Loss Account)-इस खात क डेबिट पक्ष में-विक्रय लागत, विभिन्न उपरिव्ययों का न्यून अवशोषण तथा सामग्री एवं श्रम का
असामान्य क्षय दर्शाया जाता है और इस खाते के क्रेडिट पक्ष में बिक्री. विभिन्न उपरिव्ययों अधिक अवशोषण दर्शाया जाता है। इस खाते का शेष शुद्ध लाभ या हानि दर्शाता है, जिसे सामान्य खाताबही समायोजन खाता (General Ledger Adjustment Account) में हस्तान्तरित कर दिया जाता है।
लागत नियन्त्रण/अ-एकीकृत लेखांकन पद्धति के उद्देश्य
(Objectives of Cost Control/Non-Integrated Accounting System)
लागत नियन्त्रण लेखांकन पद्धति के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं
1. सारांश (Summary)-इस पद्धति में खाताबहियों में रखे गए खातों का सारांश एक स्थान पर आसानी से उपलब्ध रहता है।
2. लागत नियन्त्रण सरल (Easy Cost Control)-इस पद्धति में लागत के विश्लेषण एवं वर्गीकरण हेतु सूचनाएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं, जिससे प्रत्येक लागत केन्द्र के लिए लागत-निर्धारण और लागत-नियन्त्रण सरल हो जाता है।
3. नीति-निर्धारण एवं नियोजन में सहायक (Helpful in Policy Determination and Planning)-इस पद्धति से लागत सम्बन्धी विस्तृत सूचनाएँ संस्था की नीति के निर्धारण एवं नियोजन करने में सहायता पहुँचाती हैं।
4. शुद्धता की जाँच (Test of Accuracy)-इस पद्धति में तलपट (Trial Balance) बनाकर खातों की शुद्धता की जांच की जा सकती है क्योंकि यह पद्धति दोहरा लेखा प्रणाली (Double Entry System) पर आधारित है।
5. लाभ-हानि खाता एवं आर्थिक चिट्ठा बनाना आसान (Easy Preparation of Profit & Loss Account and Balance Sheet)-इस पद्धति से हस्तस्थ स्कन्ध एवं चालू कार्य का मूल्यांकन सरलता से हो जाता है। इससे संस्था का लाभ-हानि खाता एवं आर्थिक चिट्ठा बिना किसी विलम्ब के बनाया जा सकता है।
6. परिणामों का मिलान (Reconciliation of Results)-इस पद्धति से वित्तीय खातों एवं लागत लेखों के परिणामों का मिलान सरलता से हो जाता है।
प्रश्न 3 – लागत लेखों और वित्तीय लेखों द्वारा बताए गए लाभ में अन्तर के कारणों को समझाइए। समाधान विवरण का एक नमूना दीजिए।
Explain the causes of difference between Costing Profit and Financial Profit. Give a specimen of reconciliation statement.
अथवा एक व्यवसाय गृह के परिव्यय लेखों द्वारा दिखाए गए शुद्ध लाभ एवं वित्तीय लेखों द्वारा दिखाए गए शुद्ध लाभ में अन्तर है। इस अन्तर के कारणों को समझाइए। एक उदाहरण भी दीजिए।
There is difference between the profit shown by cost accountes and profit shown by the financial accounts of a business concern. Explain the reason for the difference. Give an example also.
अथवा लागत समाधान विवरण से आप क्या समझते हैं? यह क्यों बनाया जाता है? लागत लेखों और वित्तीय लेखों के परिणामों में अन्तर के कारण बताइए। लागत समाधान विवरण को तैयार करने की विधि को समझाइए।
What do you mean by Cost Reconciliation Statement ? Why is prepared ? Explain the reasons for the differences in the results of cost accounts and financial accounts. Describe the procedure for the preparation of cost reconciliation statement.
उत्तर – लागत समाधान विवरण का अर्थ एवं परिभाषाएँ
(Meaning and Definitions of Cost Reconciliation Statement)
लागत लेखे तथा वित्तीय लेखे दोनों ही मूल पत्रों के आधार पर तैयार किए जाते हैं। ल वित्तीय लेखे यदि वास्तविकताएँ हैं तो लागत लेखे अनुमान हैं। इसी कारण वित्तीय लेखों और ल लागत लेखों के परिणामों में अन्तर आता है, अत: यह आवश्यक हो जाता है कि लागत लेखों का वित्तीय लेखों से मिलान किया जाए। इनके मिलान के लिए ही लागत समाधान विवरण तैयार | में किया जाता है।
लागत समाधान विवरण के सम्बन्ध में प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं
(1) एच०जे० व्हेल्डन (H.J. Wheldon) के शब्दों में, “लागत लेखाविधि एक अधूरी | न प्रणाली ही रहती है, जब तक कि वह वित्तीय लेखों से इस प्रकार ग्रन्थित नहीं की जाती कि | लागत लेखों और वित्तीय लेखों द्वारा दर्शाए गए परिणामों का मिलान किया जा सके।’
(2) वाल्टर डब्ल्यू० बिग (Walter W. Bigg) के अनुसार, “यद्यपि बहुत-सी दशाओं में लागत लेखे और वित्तीय लेखे पूर्णतया अलग-अलग रखे जाते हैं, लेकिन यह आवश्यक नहीं कि वे एक-दूसरे के मिलान करने के योग्य बनाए जाएँ। यदि ऐसा करना सम्भव नहीं है तो लागत लेखों की गणना पर बहुत कम विश्वास किया जाएगा।”
लागत समाधान विवरण की उपर्युक्त परिभाषाओं के विश्लेषणात्मक विवेचन के आधार पर निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है-“लागत समाधान विवरण से लागत लेखों एवं वित्तीय लेखों के शुद्ध लाभ अथवा शुद्ध हानि में भिन्नता होने के कारणों की विस्तृत जानकारियाँ प्राप्त हो जाती हैं।”
लागत समाधान विवरण की आवश्यकता
(Necessity of Cost Reconciliation Statement)
लागत लेखों एवं वित्तीय लेखों के परिणामों में भिन्नता होने के विभिन्न कारणों या विचलनों का पता लगाने के लिए लागत समाधान विवरण बनाया जाता है, जिससे यह निर्णय लिया जा सके कि वे कारण या विचलन अनुकूल हैं या प्रतिकूल, तत्पश्चात् इन प्रतिकूल विचलनों को नियन्त्रित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाए जा सकें, जिससे भविष्य में उनकी पुनरावृत्ति न हो सके। वैसे भी जब एक ही उपक्रम में दोनों प्रकार के लेखे रखे जाते हैं और उनके परिणामों में भिन्नता होती है तो उनके परिणामों में भिन्नता होने के लिए कारणों का पता लगाया जाना आवश्यक होता है।
लागत लेखों तथा वित्तीय लेखों के परिणामों में अन्तर के कारण
(Reasons for the Differences in the Results of Cost Accounts and Financial Accounts)
लागत लेखों और वित्तीय लेखों के परिणामों में अन्तर के कारण अग्रलिखित हैं –
(1) लागत लेखों में बहुत-से व्यय ऐसे होते हैं, जो अनुमानों पर आधारित होते हैं, जबकि वित्तीय लेखों में केवल वास्तविक व्ययों का ही समावेश होता है।
(2) अप्रत्यक्ष व्यय वित्तीय लेखों में तो वास्तविक मूल्य पर लिखे जाते हैं, जबकि लागत लेखों में अप्रत्यक्ष व्यय अनुमानित ढंग से एक निश्चित प्रतिशत के आधार पर लिखे जाते हैं।
(3) कुछ व्यय ऐसे होते हैं, जो वित्तीय लेखों में तो सम्मिलित किए जाते हैं, लेकिन लागत लेखों में उनका लेखा नहीं होता; जैसे-ऋणों पर ब्याज, ऋणपत्रों पर ब्याज, अंशों पर लाभांश, आयकर आदि का भुगतान।
(4) कुछ आय ऐसी होती हैं, जो लागत लेखों में नहीं लिखी जातीं, लेकिन वित्तीय लेखों में सम्मिलित की जाती हैं; जैसे-विनियोगों पर प्राप्त ब्याज एवं लाभांश, बैंक से प्राप्त ब्याज, | प्राप्त किराया, अंशों के हस्तान्तरण पर प्राप्त फीस, पूँजीगत लाभ आदि।
(5) कुछ व्यय ऐसे होते हैं, जो लागत लेखों में लिखे जाते हैं, लेकिन वित्तीय लेखों में नहीं लिखे जाते; जैसे-निजी भवन का किराया, पूँजी पर ब्याज आदि।
(6) वित्तीय लेखों में अन्तिम स्टॉक का मूल्यांकन बाजार मूल्य अथवा लागत मूल्य, दोनों में जो भी कम हो, पर किया जाता है, जबकि लागत लेखों में इनका मूल्यांकन लागत मूल्य पर ही किया जाता है।
(7) कभी-कभी दोनों लेखों में ह्रास निकालने की विधि अलग-अलग अपनायी जाती है।
लागत समाधान विवरण तैयार करने की विधि
(Procedure of Preparing Cost Reconciliation Statement)
लागत समाधान विवरण तैयार करने के लिए लागत लेखों के लाभ को ही आधार मानकर चलना चाहिए। इसके पश्चात् निम्नलिखित कार्य करने चाहिए
(1) यदि लागत लेखों में कोई व्यय वित्तीय लेखों की अपेक्षा अधिक लिखा जाता है तो उसके आधिक्य को लागत लेखों के लाभ में जोड़ देना चाहिए। इसके विपरीत स्थिति में अन्तर को लागत लेखों के लाभ में से घटा देना चाहिए।
(2) यदि लागत लेखों में वित्तीय लेखों की अपेक्षा बिक्री की मद अधिक लिख दी गई है तो उस आधिक्य को लागत लेखों के लाभ में से घटा देना चाहिए। इसके विपरीत स्थिति में अन्तर की राशि को लागत लेखों के लाभ में जोड़ देना चाहिए।
(3) यदि कोई व्यय की मद लागत लेखों में नहीं दर्शायी गई है, लेकिन वित्तीय लेखों में सम्मिलित कर ली गई है तो उसे लागत लेखों के लाभ में से घटा देना चाहिए। इसके विपरीत स्थिति में उसे लागत लेखों के लाभ में जोड़ देना चाहिए।
(4) यदि कोई आय की मद लागत लेखों में नहीं दर्शायी गई है, लेकिन वित्तीय लेखों में सम्मिलित कर ली गई है तो उसे लागत लेखों के लाभ में जोड़ देना चाहिए। इसके विपरीत स्थिति में उसे लागत लेखों के लाभ में से घटा देना चाहिए।
(5) यदि लागत लेखों में प्रारम्भिक स्कन्ध का मूल्य वित्तीय लेखों की अपेक्षा अधिक है तो अन्तर की राशि को लागत लेखों के लाभ में जोड़ देना चाहिए। इसके विपरीत स्थिति में अन्तर की राशि को लागत लेखों के लाभ में से घटा देना चाहिए।
(6) यदि लागत लेखों में अन्तिम स्कन्ध का मूल्य वित्तीय लेखों की अपेक्षा अधिक के अन्तर की राशि को लागत लेखों के लाभ में से घटा देना चाहिए। इसके विपरीत स्थिति में अब की राशि को लागत लेखों के लाभ में जोड़ देना चाहिए।
लागत समाधान विवरण-पत्र का नमूना
(Specimen of Cost Reconciliation Statement)

प्रश्न 4 – अजय लि० की लागत पुस्तकें रू. 24,000 का लाभ दिखाती हैं। वित्तीय पुस्तकों के अनुसार शुद्ध लाभ रू. 16,400 है। निम्नलिखित सूचना के आधार पर दोनों लाभों के समाधान के लिए एक विवरण-पत्र तैयार कीजिए
The cost books of Ajay Ltd. shows a profit of रू. 24,000 whereas the net profit as per financial books is रू. 16,400. On the basis of the following information prepare a statement reconciling the two profits:
लागत पुस्तकें (Cost Books) वित्तीय पुस्तकें (Financial Books)
कारखाना व्यय (Works Expenses) 9,000 9,600
कार्यालय व्यय (Office Expenses) 7,500 7,100
विक्रय एवं वितरण व्यय 4,900 4,750
(Selling and Distribution Expenses) 2,000
प्राप्त लाभांश (Dividend Received) 1,050
फर्नीचर की बिक्री पर हानि
(Loss on Sale of Furniture)
आयकर (Income Tax) 8,500
हल (Solution) Reconciliation Statement

प्रश्न 5 – निम्नलिखित विवरण से तैयार कीजिएFrom the following particulars prepare :
(a) लागत लेखों द्वारा लाभ का विवरण
(Statement of Profit as per Cost Accounts)
(b) लाभ-हानि खाता (Profit & Loss Account)
(c) एक समाधान विवरण-पत्र (A Reconciliation Statement)
प्रयुक्त सामग्री (Raw Materials consumed) 14,600
मजदूरी (Wages) 23,200
कारखाना व्यय (Factory Expenses) 22,840
कार्यालय व्यय (Office Expenses) 12.420
बिक्री (Sales) 88,400
कारखाना अप्रत्यक्ष व्यय मजदूरी के 100% हैं और कार्यालय के अप्रत्यक्ष व्यय कारखाना लागत के 20% हैं।
Works indirect expenses are 100% of wages and office indirect expenses are 20% of works cost.

प्रश्न 6 – निम्नांकित व्यवहारों की जर्नल प्रविष्टियाँ दीजिए, यह मानते हुए कि लागत तथा वित्तीय खाते एकीकृत हैं
Journalise the following transactions assuming that cost and financial transactions are integrated :
Raw Materials purchased (20% Credit) 2,50,000
Carriage inwards 10,000
Direct Materials issued to production 2,00,000
Wages paid (20% indirect) 1,50,000
Wages charged to production 1,20,000
Materials used in factory reparis 3,000
Works oncost incurred 40,000
Works oncost charged to production 30,000
Office overheads incurred 20,000
Office overheads allocated 22,000
Payment to creditors 20,000
हल (Solution) :

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