Teaching Aptitude Notes – छात्रों के व्यवहार के प्रति अभिवृत्ति

Teaching Aptitude Notes – छात्रों के व्यवहार के प्रति अभिवृत्ति
Teaching Aptitude Notes - छात्रों के व्यवहार के प्रति अभिवृत्ति

Teaching Aptitude Notes – छात्रों के व्यवहार के प्रति अभिवृत्ति :-

Teaching Aptitude Notes – छात्रों के व्यवहार के प्रति अभिवृत्ति

छात्रों के व्यवहार के प्रति अभिवृत्ति टिप्पणी: ( Teaching Aptitude Notes) इस नोटिस में, हम छात्रों के व्यवहार की प्रति अभिवृत्ति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे। छात्रों के व्यवहार का महत्व उनके शिक्षा और विकास में होता है। निम्नलिखित परामर्शों को ध्यान में रखकर, हम सभी छात्रों को उनके व्यवहार के संबंध में सकारात्मक और समर्पित बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं: 

सदैव संवेदनशील बनें: छात्रों को अपने साथी छात्रों और अध्यापकों के प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। हमेशा ध्यान दें कि हमारे शब्दों और क्रियाओं का परिणाम हमारे साथी छात्रों पर कैसा प्रभाव डालेगा।

सभ्य रहें: अच्छा आचरण दिखाना छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है। हमेशा अपने आस-पास के लोगों के साथ सभ्यता से व्यवहार करें और उन्हें सम्मान और मान्यता दें।

भागीदारी दिखाएं: छात्रों को ग्रुप एक्टिविटीज़ में सक्रिय भागीदारी दिखानी चाहिए। वे सहयोग और सहकार के माध्यम से अपने समूह के सदस्यों के साथ मिलजुलकर काम कर सकते हैं।

संवाद कौशल विकसित करें: छात्रों को अपने व्यवहार के माध्यम से संवाद कौशल और सुनने की क्षमता को विकसित करना चाहिए। वे दूसरों की सुनें, उनकी समझें और समर्थन करें।

स्वास्थ्य का ध्यान रखें: छात्रों को अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना चाहिए। वे स्वस्थ आहार लें, व्यायाम करें और प्रतिदिन पर्याप्त आराम करें।

इन सुझावों का पालन करके, हम छात्रों के व्यवहार के माध्यम से उनके शैक्षिक सफलता को बढ़ावा दे सकते हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे छात्र इस अभिवृत्ति को गहराई से समझेंगे और इसे अपने जीवन में अमल में लाएंगे।

Teaching Aptitude Notes

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Teaching Aptitude Notes

  1. किसी बालक द्वारा विशेष समय पर जो व्यवहार प्रदर्शित किया जाता है, वह कार्य होता है-

(a) उन आदतों का, जिन पर बालक का नियंत्रण नहीं होता है

(b) उन प्रेरकों का, जो विकास की अवस्था में होते हैं

(c) उन आवश्यकताओं का, जो असन्तुष्ट रह जाती हैं

(d) उस अन्तसूझ का, जोकि उसके व्यवहार के परिणामों में निहित रहती है

  1. किसी व्यक्ति द्वारा सामाजिक मान्यताओं के अनुकूल आवश्यकताओं की पूर्ति प्रदर्शित करती है-

(a) निष्पादन की उच्च उपलब्धि, जहाँ अन्य प्रतियोगी नहीं पहुँच सकते हैं

(b) व्यक्ति की निर्दिष्ट लक्ष्यों में सफलता

(c) व्यक्ति का दूसरों के द्वारा पसन्द एवं स्वीकार किया जाना

(d) व्यक्ति द्वारा समाज के अनुकूल कार्य करने की प्रत्याशा

  1. किसी भी आवश्यकता तथा उसको संचालित करने वाले चालकों (Drives) में मूलभूत अन्तर पाया जाता है-

(a) आवश्यकता से पूर्व चालक उत्पन्न होते हैं

(b) चालक लक्ष्य संक्रिया को अपने में निहित रखते हैं

(c) चालक प्रत्येक प्रजाति में अलग-अलग पाए जाते हैं

(d) चालक मनोशारीरिक तनावों पर आधारित होते हैं

  1. निम्नलिखित में से कौन-सा मनोवैज्ञानिक प्रेरक का गुण नहीं है ?

(a) इनमें आत्मप्रत्यय के विकास हेतु व्यक्ति के प्रयास निहित रहते हैं

(b) जब ये एक बार स्थापित हो जाते हैं, तो वे स्वयं अभिप्रेरणा प्रदान करने लगते हैं तथा प्रेरक रूप में कार्य करते हैं

(c) वे सम्पूर्ण सन्तुष्टि प्रदान करने में असमर्थ होते हैं

(d) इनमें कुछ मात्रा सीखने की भी सम्मिलित रहती है

  1. बालकों में स्नेह एवं प्रेम सम्बन्धी आवश्यकताओं को प्रायः निम्नलिखित पद के अन्तर्गत समूहीकृत किया जाता है-

(a) स्वीकृति (Acceptance)

(b) संवेगात्मक सुरक्षा

(c) लोकप्रियता

(d) मान्यता (Recognition)

  1. बालक में वांछनीय अवांछनीय व्यवहार के दर्शन होते हैं-

(a) समायोजन के कारण

(b) उनके सीखने के कारण

(c) परिपक्वता के कारण

(d) यकायक

  1. बाल व्यवहार के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है ?

(a) प्रत्येक व्यवहार का एक कारण होता है

(b) व्यवहार सदैव लक्ष्योन्मुखी होता है

(c) व्यवहार, बालक की आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक है

(d) व्यवहार, उसमें निहित कारणों का सूचक होता है

  1. छात्रों के ग्रेड को प्रेरणा के रूप में प्रयुक्त करने की युक्ति-

(a) छात्रों की ग्रेड के प्रति अधिक सतर्क बना देती है बजाय इसके कि छात्र ने क्या सीखा है

(b) छात्रों को उद्देश्य विहीन बना देती है तथा स्कूलों के प्राथमिक उद्देश्य के विरुद्ध है।

(c) यह अविश्वसनीय प्रभाव छोड़ती है परन्तु छात्रों के सन्दर्भ में निश्चित रूप से प्रभावी है

(d) छात्रों में प्रेरणा सम्बन्धी आदतों के निर्माण में सहायक होती है

  1. आधुनिक कक्षाओं में प्रतिस्पर्धा पर जोर देने के सन्दर्भ में सभी एकमत हैं कि-

(a) इसे जहाँ तक सम्भव हो हतोत्साहित किया जाए, ताकि छात्रों की असफलता की कुण्ठा न हो सके

(b) इसे अधिकाधिक हतोत्साहित करना चाहिए, क्योंकि प्रायः जीत उसकी होती है जो न्यूनतम योग्यता वाला होता है

(c) उपलब्धियों को प्रोन्नत करने के क्रम में इसे संवर्द्धित करना चाहिए

(d) इसे प्रयोग करना चाहिए, किन्तु इसके हानिकारक परिणामों से बचना चाहिए

  1. उत्कृष्ट से निम्न स्तर के क्रम की ओर निम्नलिखित प्रेरणा के प्रकारों को वर्गीकृत कीजिए

(a) प्रशंसा, निन्दा, ध्यान विमुखता

(b) प्रशंसा, ध्यान विमुखता, निन्दा

(c) निन्दा, ध्यान विमुखता, प्रशंसा

(d) ध्यान विकेन्द्रण, प्रशंसा, निन्दा

  1. महत्त्वकांक्षा-स्तर के सन्दर्भ में जो प्रयोग हुए हैं, उनके आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष प्राप्त आ है

(a) महत्वाकांक्षा-स्तर में अधिकतम वृद्धि चाहे कितनी भी असफलताएँ क्यों न प्राप्त हों

(b) सफलता के बाद उनके महत्वाकांक्षा-स्तर को बढ़ा दिया जाए

(c) छात्रों के आत्मप्रत्यय के आधार पर महत्वाकांक्षा-स्तर का निर्माण किया जाए

(d) छात्रों के महत्वाकांक्षा-स्तर को निरन्तर असफलताओं द्वारा न्यून किया जाए

  1. जब प्रतिस्पर्धा को उच्च प्राथमिक कक्षाओं के सन्दर्भ में प्रयुक्त किया जाए, तो यह उत्तम होगा कि-

(a) प्रत्येक छात्र परस्पर समान योग्यता वाले अन्य छात्र के साथ प्रतिस्पर्धा करे

(b) प्रत्येक छात्र सम्पूर्ण कक्षा के छात्रों से प्रतिस्पर्धा करें

(c) प्रत्येक छात्र अपनी पूर्व निष्पत्ति से प्रतिस्पर्धा करे

(d) प्रत्येक समूह के छात्र अन्य समूह के छात्रों से प्रतिस्पर्धा करें

  1. शिक्षण में प्रतिस्पर्धा तथा प्रतिद्वन्द्विता को प्रेरणा शक्ति के रूप में प्रयोग सम्बन्धी अवधारणा है-

(a) छात्रों के पूर्व निष्पादनों में संशोधन करना

(b) छात्रों की प्राथमिक कक्षाओं में उनका न्यूनतम प्रयोग करना तथा उच्चतम कक्षाओं में उनकी वृद्धि करना

(c)       प्रयोग को प्रत्येक स्तर पर न्यून कर दना

(d) स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोन्नत कर देना

  1. सकारात्मक तथा नकारात्मक आलोचना में से कौन-सा छात्रों की अभिवृद्धि को प्रोन्नत करता है ?

(a) दोनों ही समान रूप से प्रभावी होते हैं।

(b) आलोचना अपना दीर्घकालिक प्रभाव छोड़ती हैं

(c) सकारात्मक सुझाव लड़कों के लिए। अधिक लाभप्रद हैं, लड़कियों की अपेक्षा

(d) आलोचना प्रतिभाशाली छात्रों के सन्दर्भ में अधिक प्रभावी होती है, जबकि वे अपनी वास्तविक योग्यताओं से निम्न स्तर पर कार्य करते हैं, यह मन्द बालकों के लिए अनुपयुक्त है।

  1. कक्षा में प्रेरणा जनित करने की कुंजी है-

(a) विषयवस्तु में विद्यमान रुचियाँ

(b) शिक्षक का व्यक्तित्व

(c) विद्यालय का मनोबल

(d) पाठ्यक्रम सम्बन्धी अनुभवों का औचित्य

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  1. मान लीजिए आपके विषय में कक्षा उचित रुचि के गम्भीर अभाव का शिकार हो चुकी है। आपके द्वारा उस स्थिति से उबरने का श्रेष्ठ मार्ग होगा

(a) छात्रों को सरलतम कार्य प्रदान किए जाएं।

(b) छात्रों को कठिन विधि से अंक प्रदान किए जाएं

(c) छात्रों को उक्त विषय का दैनिक जीवन में उपयोग बताएं

(d) छात्रों के सम्मुख उत्तम वैयक्तिक तथा समूह लक्ष्यों को निर्धारित किया जाए

  1. आधुनिक प्रेरणा सम्बन्धी सिद्धान्तों के सन्दर्भ में निम्नलिखित प्रलोभन सम्बन्धी सामान्यीकरणों में से कौन-सा सर्वाधिक स्वीकार्य प्रतीत होता है ?

(a) प्रलोभन का व्यक्ति के प्रेरकों से एक कार्यात्मक सम्बन्ध होता है।

(b) प्रलोभनों को अपेक्षाकृत कम प्रयोग करना चाहिए, ताकि उनकी उपयुक्तता समाप्त न हो सके

(c) आन्तरिक प्रलोभन, बाह्य प्रलोभनों की अपेक्षा शीघ्रता से अपना प्रभाव समाप्त कर देते हैं

(d) यद्यपि प्रलोभन बालकों के अधिगम को कुछ अंशों तक प्रोन्नत हैं, किन्तु वे छात्र के सम्पूर्ण विकास में भी सहायक होते हैं।

  1. बालक सम्बन्धी आवश्यकता, प्रेरक, लक्ष्य तथा प्रलोभन के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से; कौन-सा कथन सर्वश्रेष्ठ है ?

(a) प्रलोभन लक्ष्य में परिवर्तित हो सकता है

(b) प्रलोभन प्रेरक में परिवर्तित हो सकता है।

(c) प्रेरक लक्ष्य में समाहित रहता है

(d) लक्ष्य आवश्यकता में निहित रहता

  1. प्रलोभन, शैक्षिक रूप से हानिकारक एवं अप्रभावी हो सकते हैं-

(a) जबकि वे बालक के सीखे जाने वाले कार्य एवं लक्ष्य से उत्पन्न होते हैं.

(b) जबकि वे साधन की बजाय लक्ष्यका रूप ग्रहण कर लेते हैं

(c) जबकि वे बहिग्रामी होते हैं।

(d) जबकि वे समान रूप से सभी को अप्राप्य होते हैं

  1. निम्नलिखित में रुचि सम्बन्धी कौन-सा कथन न्यूनतम रूप से सत्य है ?

(a) रुचियाँ आदत प्रेरकों के परिवर्तित स्वरूप हैं।

(b) अन्य प्रेरकों की भाँति रुचियों को स्थायी बनाने के लिए निरन्तर पुनर्बलन की आवश्यकता होती है

(c) अन्य प्रेरकों की भाँति रुचियाँ भी सन्तोषप्रद प्रेरकों का परिणाम होती हैं।

(d) रुचियों का जन्म आवश्यकताओं से होता है, किन्तु वे शीघ्र ही उनसे स्वतन्त्र अस्तित्व बना लेते हैं

  1. बालक की अवांछनीय रुचियों को समाप्त करने के लिए निम्नलिखित कार्य किया जाना चाहिए।

(a) उस रुचि सम्बन्धी अभ्यास एवं पुनरावृति के अवसर तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिए जाएं

(b) उन्हें अन्य प्रभावी प्रेरकों द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाए

(c) जब तक बालक परिपक्वता तक पहुँचे, प्रतीक्षा की जाए

(d) अभ्यास को दण्ड के प्रभाव से दबाया जाए

  1. जैसे-जैसे बालक बड़ा होता है, तो उसमें रुचि सम्बन्धी प्रवृत्तियाँ-

(a) अनेक रूपों से विकसित होने लगती हैं

(b) निश्चित रूप से विकसित होने लगती हैं

(c) संख्यात्मक दृष्टि से सीमित हो जाती हैं, किन्तु उनमें गुणात्मक परिवर्तन दृष्टिगोचर होने लगते हैं

(d) संख्यात्मक एवं गुणात्मक रूप से अपरिवर्तित बनी रहती हैं

Teaching Aptitude Notes

  1. विद्यालय में छात्र प्रेरणा की शक्ति निर्भर करती है-

(a) छात्र की आवश्यकताओं सम्बन्धी हताशाओं पर

(b) निहित पुरस्कारों के आकर्षण पर

(c) लक्ष्य सम्प्राप्ति के बाद अपेक्षित प्रेरकों की

  1. व्यवहार प्रेरकों का परिणाम होता है, इस सन्दर्भ में एक शिक्षक का दायित्व है। कि–

(a) वह छात्रों के प्रेरकों में न्यूनतम हस्तक्षेप करे

(b) वह छात्रों को उचित स्वीकार्य प्रेरक प्रदान करे

(c) वह विद्यालय सम्बन्धी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए छात्रों में विद्यमान प्रेरकों का दोहन करे

(d) वह छात्रों के प्रेरकों के अनुरूप विद्यालय पाठ्यक्रम तैयार करे

  1. कक्षा के सन्दर्भ में जो प्रेरणा सम्बन्धी कार्य एक शिक्षक द्वारा सम्पन्न किया जाता है, वह है-

(a) छात्रों की आवश्यकताओं को उत्प्रेरित करना

(b) छात्रों में नवीन रुचियों को विकसित करना

(c) निष्क्रिय छात्रों में शैक्षिक रुचियों का समावेश करना

(d) छात्रों की ऊर्जा को रचनात्मक कार्यों में प्रयुक्त करना

  1. निम्नलिखित में से कौन-सा पद प्रेरकों से सम्बन्धित नहीं है ?

(a) वे व्यवहार को शक्ति प्रदान करते हैं।

(b) वे लक्ष्यों की ओर व्यवहार को निर्देशन करते हैं

(c) वे प्रायः सामाजिक रूप से अवांछनीय व्यवहार को पुनर्बलित करते हैं।

(d) वे बिना किसी पुनर्बलन के उत्पन्न होते हैं।

  1. जैसे भूख का सम्बन्ध आवश्यकता से है, वैसे ही उद्दीपक का सम्बन्ध है-

(a) भोजन से

(b) एक विशेष प्रकार का व्यंजन

(c) धन जिसकी सहायता से भोजन खरीदा जा सकता है

(d) भोजन की खुशबू

  1. जीवन में प्रेरकों के द्वारा निम्नलिखित में से कौन से कार्य पूर्णरूपेण निष्पादित किए जाते हैं?

(a) वे प्राणी को शक्ति प्रदान करते हैं।

(b) वे प्राणी को लक्ष्योन्मुखी बनाते हैं।

(c) वे प्राणी में चिन्ताएँ उत्पन्न करते हैं

(d) वे प्राणी की आवश्यकताओं की सन्तुष्टि करते हैं

  1. निम्नलिखित में से कौन-सा उचित आवश्यकता संतुष्टिपूर्ण व्यवहार को जन्म नहीं देता है ?

(a) उचित तत्परता

(b) बाह्य उद्दीपन

(c) आन्तरिक शक्तियाँ, जो प्राणी को लक्ष्योन्मुखी बनाती हैं

(d) पूर्व अधिगम, जिनके द्वारा आवश्यकताएँ पूर्ण की जाती हैं

  1. छात्रों की असफलता के सन्दर्भ में शिक्षकों को निम्नलिखित परामर्श दिया जा सकता है-

(a) कि वे छात्रों को असफलता के न्यूनतम अवसर प्रदान करें

(b) कि वे छात्रों को अधिकाधिक असफलताओं के अवसर प्रदान करें

(c) कि वे छात्रों को क्रमिक असफलता के अवसर प्रदान करें, ताकि वे अधिक मजबूत बनें

(d) छात्रों को प्रत्येक असफलता से बचाएँ

  1. कक्षा में अधिगम सम्बन्धी सफलता के दृष्टिकोण से निम्नलिखित में से कौन-सा कथन पुरस्कार दण्ड के सन्दर्भ में न्यूनतम उपयोगी है ?

(a) बुद्धिमतापूर्ण ढंग से पुरस्कार एवं दण्ड के मध्य सन्तुलन स्थापित करने के लिए शिक्षक को उत्कृष्ट शिक्षण करना अनिवार्य है

(b) दण्ड के माध्यम से छात्रों के सीखने की गति को उन्नत किया जाता है

(c) कठोर दण्ड छात्रों के सीखने की गति को विशृंखलित कर देता है

(d) सार्थक विषयवस्तु को सीखने में पुरस्कार – दण्ड की न्यूनतम आवश्यकता होती है

  1. दण्ड को एक प्रेरणात्मक युक्ति के रूप में प्रयोग करने सम्बन्धी सर्वाधिक अनुपयुक्त उदाहरण है

(a) यह कभी-कभी चिन्ताजनक परिस्थितियाँ उत्पन्न करते हैं

(b) यह शिक्षक-छात्र सम्बन्धों को नष्ट करते हैं

(c) ये कक्षीय मनोबल को निम्न करते हैं।

(d) ये उद्देश्यपरक व्यवहार को समाप्त करते हैं

33.यदि शिक्षक किसी छात्र के कार्यों का अनुमोदन करते हैं तो यह कार्य करेगा-

(a) एक सकारात्मक नर्बलक की भाँति

(b) एक उदासीन पुनर्बलक की भाँति, किन्तु यह छात्र के पूर्व व्यवहार की पुनरावृत्ति की पुष्टि करेगा

(c) नकारात्मक पुनर्बलक

(d) यह व्यक्ति विशेष के सन्दर्भ में निर्भर करता है कि वह कैसे कार्य करेगा

  1. प्रायः कक्षा में छात्रों में प्रतिस्पर्धा के प्रति शिक्षकों की धारणा है कि-

(a) प्रतिस्पर्धा की अलोचनाएं मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि दार्शनिक रूप से की जाती हैं

(b) प्रतिस्पर्धा सभी छात्रों के व्यक्तित्व विकास में बाधक सिद्ध होती है

(c) प्रतिस्पर्धा से यद्यपि कुछ हानियाँ हैं फिर भी इसके शैक्षिक लाभ अपेक्षाकृत अधिक है

(d) प्रतिस्पर्धा के प्रति शिक्षकों का आलोचनात्मक रवैया नहीं है, किन्तु प्रतिस्पर्धा को देने की विधि क्या है, इसको सोचना अनिवार्य है

  1. शिक्षक द्वारा दण्ड का प्रयोग निम्नलिखित में । से किस परिस्थिति में सर्वाधिक उपयोगी माना जाएगा ?

(a) यह उत्तम छात्र अनुशासन उत्पन्न करने में सहायक हो

(b) यह प्रेरणात्मक युक्तियों के रूप में अत्यधिक प्रभावी हो

(c) इसका अधिकतम प्रयोग करके छात्र को पढ़ने में कम तथा दण्ड के प्रति तीव्र चिन्तायुक्त बना दिया गया हो

(d) यह छात्रों में शिक्षक प्रभुत्व के प्रति सम्मान की भावना तथा अन्य वांछनीय अभिवृत्तियों के विकास में सहायक हो

Teaching Aptitude Notes

36, ऐसी दशाएँ, जो प्रेरकों को सन्तुष्टि प्रदान करने की क्षमता रखती हैं, जिसके फलस्वरूप वे लक्ष्य का रूप ग्रहण कर लेती हैं, जिसकी ओर सम्पूर्ण व्यवहार उन्मुख हो जाता है, उसे कहते हैं

(a) लक्ष्य

(b) प्रलोभन

(c) रुचि

(d) प्रेरक

37.किसी कार्य के सम्पादन में अधिकाधिक प्रसन्नता प्राप्त हो सकती है, जबकि

(a) वह कार्य चुनौतीपूर्ण न होकर केवल मनोरंजन जैसा हल्का-फुल्का हो

(b) वह कार्य बालक के लिए अपेक्षाकृत सरल हो, जिससे बालक को असफलता का भय न रह सके

(c) वह कार्य ऐसा हो जिससे कि बालक को उसकी क्षमताओं से थोड़ा-सा अधिक ही चुनौतीपूर्ण स्थिति में रखा जा सके

(d) वह कार्य ऐसा हो कि बालक में वांछनीय चुनौतियों तथा योग्यताओं में सम्बन्ध स्थापित कर सके

  1. रुचि सम्बन्धी विकास के सन्दर्भ में जो अनुसंधान हुए हैं, उनसे प्राप्त निष्कर्ष है-

(a) रुचियाँ जन्मजात एवं मूलप्रवृत्यात्मक होती हैं

(b) रुचियों की उत्पत्ति वातावरण में उपस्थित अवसरों पर निर्भर करती है

(c) रुचियों विशेष आयु वर्ग एवं एक लिंग के बालकों में लगभग समरूप होती हैं।

(d) रूचियाँ व्यक्तित्व की अतिरिक्त वृद्धि के रूप में होती हैं

  1. हाईस्कूल पाठ्यक्रम में छात्रों की अधिकांश असफलता का कारण है-

(a) छात्रों में सामान्य योग्यताओं का अभाव

(b) छात्रों में प्रेरणाओं का अभाव

(c) छात्रों में पूर्व ज्ञान एवं कौशलों का अभाव

(d) छात्रों की निम्नस्तरीय अध्ययन आदतें

  1. बालकों में जो रुचियों सम्बन्धी वैयक्तिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं, वे परिणाम होती हैं-

(a) आयु के

(b) लैंगिक विभेदकता के

(c) आनुभविक पृष्ठभूमि के

(d) प्रदत्त अवसरों के


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