B.Com 3rd Year Issue Forfeiture And Re-Issue Of Shares MCQ

B.Com 3rd Year Issue Forfeiture And Re-Issue Of Shares MCQ :- all the Question Corporate Accounting Study Material Question Answer Examination Paper Sample Model Practice Notes PDF MCQ (Multiple Choice Questions) available in our site. parultech.com. Topic Wise Chapter wise Notes available. If you agree with us, if You like the notes given by us, then please share it to all your Friends. If you are Confused after Visiting our Site Then Contact us So that We Can Understand You better.



बहुविकल्पीय प्रश्न

(Multiple Choice Questions) 

  1. पार्षद सीमा-पत्र के पूँजी वाक्य में दिखाई गई पूँजी की राशि होगी-

(अ) अधिकृत पूँजी

(ब) पंजीकृत पूँजी 

(स) नाममात्र की पूँजी

(द) उपर्युक्त सभी

  1. एक कत्रिम वैधानिक व्यक्ति है जिसका एक अविच्छिन्न क्रमबद्धता तथा एक सर्वमान्य मटार साथ कानून द्वारा निर्माण हुआ है-

(अ) कम्पनी।

(ब) साझेदारी फर्म 

(स) एकल स्वामित्व

(द) हिन्दू अविभाजित परिवार 

  1. पूँजी संचय किसके द्वारा बनाया जाता है-

(अ) पूँजीगत लाभ

(ब) आगम लाभ 

(स) पूँजीगत प्राप्तियाँ

(द) आगम प्राप्तियाँ 

  1. जब कोई अंशधारी अपनी इच्छा अनुसार अंशों को कम्पनी को वापस कर देता है ताकि वो निरस्त हो जाए तो इसे कहते हैं-

(अ) अंशों का समर्पण

(ब) अंशों का हरण 

(स) अंशों का निरस्तीकरण

(द) अंशों का वितरण 

  1. प्रतिभूति प्रीमियम उपयोग किया जाता है।

(अ) ख्याति उत्पन्न करने हेतु 

(ब) पूर्वाधिकार अंशों के शोधन पर प्रीमियम हेतु

(स) पूँजीगत हानि के समाप्ति हेतु 

(द) लाभांश देने हेतु 

  1. यदि किसी याचना पर सम्पूर्ण राशि देय है पर कुछ भी राशि वसूल नहीं हुई है तो यह कमी…… में डेबिट की जाती है।

(अ) अग्रिम याचना

(ब) बकाया याचना 

(स) अंश पूँजी

(द) संशय/उचन्त खाता 

  1. अग्रिम याचनाओं को आर्थिक चिट्ठे के किस शीर्षक में दिखाया जाता है –

(अ) अंश पूँजी में जोड़ के ज ,

  (ब) अंश पूँजी के विषय के अन्तर्गत परन्तु अलग से 

(स) चालू दायित्व ।

(द) स्थिर दायित्व 

  1. जब सम्पत्ति की खरीद के लिए अंशों का निर्गमन किया जाए तो कौन-सा खाता क्रेडिट किया जाएगा-

(अ) विक्रेता खाता

(ब) विविध सम्पत्ति खाता 

(स) अंश पूँजी खाता

(द) बैंक खाता 

  1. अंश जब्त किए जा सकते हैं-

(अ) याचना राशि का भुगतान न करने पर, 

(ब) सभाओं में उपस्थित न होने पर

(स) बैंकों को ऋण का भुगतान न करने पर 

(द) प्रतिभूति के रूप में अंशों को गिरवी रखने पर 

  1. संचालकों द्वारा वास्तविक याचना से पूर्व अंशधारियों से प्राप्त अग्रिम राशि –

(अ) अग्रिम याचना खाते में डेबिट की जाती है। 

(ब) अग्रिम याचना खाते में क्रेडिट की जाती है । 

(स) अग्रिम खाते में डेबिट की जाती है

(द) उपर्युक्त में कोई नहीं 

  1. अंशों का अधिमूल्य/प्रीमियम पर निर्गमन है।

(अ) असामान्य लाभ

(ब) पूँजीगत प्राप्ति । 

(स) पूँजीगत हानि 

(द) आयगत प्राप्ति

  1. अंशों का छूट पर निर्गमन है

(अ) पूँजीगत प्राप्ति

(ब) पूँजीगत हानि 

(स) आयगत प्राप्ति 

(द) आयगत हानि जाता है

  1. जब्त किए गए अंशों के पुन:निर्गमन के पश्चात् जब्त अंश खाते का शेष हस्तान्तरित कर दिया।

(अ) सुरक्षित कोष में

(ब) संचित पूँजी में 

(स) पूँजी संचय खाते में ।

(द) निवेश उच्चावचन कोष में 

  1. अंशधारी प्राप्त करते हैं।

(ब) ब्याज

(ब) कमीशन

(स) लाभांश 

(द) दलाली  

  1. अंश पूँजी की वास्तविक राशि है ।

(अ) निर्गमित पूँजी

(ब) प्रार्थित पूँजी

(स) आवेदन-पत्र की राशि

(द) चुकता पूँजी,

  1. अंशों के निर्गमन पर प्राप्त प्रीमियम को आर्थिक चिट्ठा के शीर्षक में दिखाया जाता है।

(अ) अंश पूँजी

(ब) संचय और आधिक्य, 

(स) चालू दायित्व एवं प्रावधान

(द) आकस्मिक दायित्व 

  1. यदि 100 रू. वाला समता अंश 120 रू. पर निर्गमित किया जाता है, तो इसे कहा जाता है : 

(अ) सममूल्य पर निर्गमन

(ब) अधिमूल्य पर निर्गमन ) 

(स) कटौती पर निर्गमन

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. 100 रू. का एक अंश जिस पर 80 रू. माँगे गये लेकिन 50 रू. चुकाए गए, हरण करने पर अंश पूँजी खाता डेबिट होगा

(अ) 80 रू. 

(ब) 100 रू. 

(स) 50 रू.

(द) 30 रू. 

  1. कम्पनी को प्राप्त 1,000 रू. अग्रिम का समायोजन प्रथम माँग में करने की प्रविष्टि होगी-

(अ) Bank A/C                                    Dr.                      1,000 To Calls in Advance A/C –                                                                   1,000 (ब) Calls in Advance A/C –                Dr.                      1,000  To Share First Call A/C                                                                       1,000  (स) Bank Ac                                      Dr.                      1,000  To Share Allotment Alc                                                                        1,000  (द) To Share Allotment A/c               Dr.                      1,000  To Share First Call A/C                                                                        1,000 

  1. अंश हरण के लिये अंशधारी को नोटिस देना होगा-

(अ) 10 दिन का

(ब) 60 दिन का 

(स) 14 दिन का ।

(द) 15 दिन का 

  1. हरण किए गए अंशों के पुनः निर्गमन के बाद अंश हरण खाते के साथ क्या व्यवहार किया जाता है।

(अ) पूँजी खाते में जोड़ा जाता है

  (ब) संचय एवं आधिक्य शीर्षक में दिखाते हैं

(स) पूँजी संचय खाते में हस्तांतरित करते हैं 

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. अंशों को प्रीमियम पर निर्गमित करने पर, प्रीमियम की राशि का उपयोग किया जाता है।

(अ) बोनस अंश निर्गमन में

(ब) लाभांश भुगतान में 

(स) ऋणपत्र शोधन में

(द) उपर्युक्त सभी में 

  1. प्रीमियम पर निर्गमित अंशों पर प्रीमियम की राशि प्राप्त होती हैं।

(अ) आबंटन के साथ

(ब) आवेदन के साथ 

(स) माँग राशियों के साथ

(द) उपर्युक्त सभी। 

  1. पूँजी की राशि जो पूँजी वाक्य में उल्लिखित होती है, जानी जाती हैं।

(अ) अधिकृत पूँजी

(ब) याचित पूँजी 

(स) प्रदत्त पूँजी

(द) उपर्युक्त सभी 

  1. लाभांश दिया जाता है …. 

(अ) निर्गमित मूल्य पर

(ब) बाजार मूल्य पर 

(स) अंकित मूल्य पर

(द) अंश के प्रदत्त मूल्य पर 

  1. जब अंशों का हरण किया जाता है तो उन पर प्राप्त राशि को –

(अ) वापिस किया जाता है

(ब) आयगत लाभ मान लिया जाता है

(स) कम्पनी द्वारा रोक लिया जाता है। 

(द) लाभांश की तरह वितरित किया जाता है –

  1. अवशिष्ट याचना को दिखाया जाता है।

(अ) चालू दायित्व शीर्षक के अन्तर्गत 

(ब) याचित पूंजी की राशि में से घटाकर

(स) चालू सम्पत्ति शीर्षक के अन्तर्गत 

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. यदि पूर्वाधिकार अंशों पर लाभांश घोषित किया जा चुका है किन्तु भुगतान नहीं किया गया है, तो समापन पर लाभांश का भुगतान किया जाता है।

(अ) ऋण के रूप में

(ब) लाभांश की बकाया राशि के रूप में 

(स) पूर्वाधिकार लेनदार के रूप में 

(द) लाभ के रूप में

  1. पूर्वाधिकार अंशधारी हैं।

(अ) कम्पनी के लेनदार

(ब) कम्पनी के स्वामी 

(स) कम्पनी के ग्राहक

(द) कम्पनी के देनदार 

  1. प्रतिभूति प्रब्याजि की राशि का प्रयोग किया जा सकता हैं।

(अ) पूर्ण प्रदत्त बोनस अंशों के लिए 

(ब) अपने ही अंशों को खरीदने के लिए 

(स) प्रारम्भिक व्ययों को अपलिखित करने के लिए

(द) उपरोक्त सभी के लिए। 

  1. स्वीट अंशों का निर्गमन किया जा सकता हैं।

(अ) कम्पनी के अंशधारियों को

(ब) कम्पनी के ऋणपत्रधारियों को 

(स) कम्पनी के कर्मचारियों को 

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. नाममात्र पूँजी निम्न का भाग होती हैं।

(अ) संचित पूँजी

(ब) निर्गमित पूँजी 

(स) प्रार्थित पूँजी

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं । 

  1. कम्पनी में किसको लाभांश निश्चित दर पर दिया जाता हैं।

(अ) समता अंशधारियों को

(ब) पूर्वाधिकार अंशधारियों को । 

(स) ऋणपत्रधारियों को

(द) प्रवर्तकों को 

  1. कम्पनी अधिनियम के अनुसार, न्यूनतम अभिदान की राशि कुल निर्गमन राशि का ……. निर्धारित कर दी गयी हैं।

(अ) 50% 

(ब) 75% 

(स) 90%

(द) 100% 

  1. न्यूनतम अभिदान राशि किस अंश पूँजी से सम्बन्ध रखती हैं।

(अ) अधिकृत पूँजी

(ब) निर्गमित पूँजी । 

(स) प्रदत्त पूँजी

(द) संचित पूँजी 

  1. व्यक्ति जो कम्पनी आरम्भ करते हैं, कहलाते हैं।

(अ) अंशधारी

(ब) प्रवर्तक 

(स) अंकेक्षक

(द) संचालक 

  1. अंशों के अपहरण के कारण कम हो जाती है।

(अ) प्रार्थित पूँजी ।

(ब) अधिकृत पूँजी

(स) आरक्षित पूँजी

(द) स्थायी सम्पत्तियाँ 

  1. अधिकार अंश निर्गमित किए जाते हैंं।

(अ) प्रवर्तकों को उनकी सेवा के लिए 

(ब) विद्यमान अंशधारक को 

(स) ऋणपत्रधारियों को

(द) उपरोक्त सभी को 

  1. अदत्त याचनाएँ।

(अ) पूँजी में जोड़ी जाती हैं

(ब) पूँजी में से घटाई जाती हैं 

(स) लाभ में से घटाई जाती हैं

(द) लाभ में जोड़ी जाती हैं।

  1. एक कम्पनी अपने अंशों को प्रीमियम पर भारतीय कम्पनी अधिनियम, 2013 की निम्न धारा के अन्तर्गत जारी करती है।

(अ) 52  

(ब) 53

(स) 54

(द) 55 

  1. निम्न सूचनाएँ एक्स लि. के सन्दर्भ में दी गई हैं-

(1) समता अंश की याचित पूँजी 5,00,000 रू.  (ii) अवशिष्ट याचना 40,000 रू.  (ii) अग्रिम याचना 25,000 रू.  (iv) प्रस्तावित लाभांश 15% लाभांश के भुगतान की राशि होगी –

(अ) 75,000 रू. 

(ब) 72,750 रू.

(स) 71,250 रू.

(द) 69,000 रू.

  1. Gलि से सम्बन्धित निम्नलिखित सूचनाएँ दी गई हैं

(i) प्रदत्त समता अंश पूँजी 2,85,000 रू. (ii) अग्रिम याचना 10,000 रू.  (iii) अवशिष्ट याचना 15,000 रू. (iv) प्रस्तावित लाभांश 20% लाभांश के भुगतान की राशि होगी

(अ) 57,000 रू.

(ब) 54,000 रू.

(स) 56,000 रू.

(द) 60,000 रू.

  1. प्रदत्त अंश पूँजी ज्ञात करने के लिए अंश पूँजी में से क्या घटाया जाएगा –

(अ) अग्रिम याचनाएँ

(ब) बकाया याचनाएँ 

(स) अंश हरण

(द) अंशों के निर्गमन पर बट्टा 

  1. लाभांश केवल निम्नलिखित में से दिया जाता हैं।

(अ) चालू वर्ष के लाभ से । 

(ब) पूँजी शोधन संचय खाता 

(स) अंश प्रीमियम खाता

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 

45, कोई भी लाभांश नहीं दिया जा सकता-

(अ) अग्रिम याचना पर

(ब) अवशेष याचना पर 

(स) उपरोक्त (अ) व (ब) दोनों पर 

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. भारतीय कम्पनी अधिनियम, 2013 की ………. में कम्पनी की परिभाषा दी गई है

(अ) धारा 2(20) 

(ब) धारा 2 (18) 

(स) धारा 2 (19) 

(द) धारा 2 (21). 

  1. व्यावसायिक संगठन का वह स्वरूप है, जिसका निर्माण तथा समापन कानून के अन्तर्गत होता है-

(अ) एकाकी व्यापार

(ब) साझेदारी फर्म 

(स) कम्पनी

(द) उपरोक्त सभी 

  1. सार्वजनिक कम्पनी में सदस्यों की न्यूनतम संख्या होती है-

(अ) दो

(ब) साता 

(स) पचास 

(द) बीस 

  1. सार्वजनिक कम्पनी में सदस्यों की अधिकतम संख्या होती हैं।

(अ) पचास

(ब) बीस 

(स) कोई सीमा नहीं

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. कम्पनी अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत निजी कम्पनी में सदस्यों की अधिकतम संख्या होती हैं।

(अ) 200 

(ब) 20 

(स) 50

(द) कोई सीमा नहीं 

  1. अंश हस्तान्तरण पर प्रतिबन्ध लगाती हैं।

(अ) निजी कम्पनी

(ब) सार्वजनिक कम्पनी 

(स) वैधानिक कम्पनी

(द) विदेशी कम्पनी 

  1. एक कम्पनी की अंश पूँजी में होते हैं।

(अ) समता अंश

(ब) पूर्वाधिकारी अंश 

(स) समता और पूर्वाधिकारी अंश 

(द) आस्थगित अंश 

  1. भारतीय कम्पनी अधिनियम, 2013 के अनुसार अंश निर्गमित किये जा सकते हैं।

(अ) कटौती पर

(ब) प्रीमियम पर 

(स) सम मूल्य पर

(द) (ब) तथा (स) दोनों 

  1. एक कम्पनी निर्गमित नहीं कर सकती हैं।

(अ) समता अंश

(ब) अशोध्य पूर्वाधिकारी अंश 

(स) विभेदित मताधिकार वाले समता अंश 

(द) शोध्य पूर्वाधिकारी अंश 

  1. एक कम्पनी निर्गमित नहीं कर सकती हैं।

(अ) शोध्य समता अंश

(ब) शोध्य पूर्वाधिकारी अंश 

(स) शोध्य ऋणपत्र

(द) पूर्ण परिवर्तनीय ऋणपत्र 

  1. अधिकृत पूँजी वाक्य…… में लिखा होता हैं।

(अ) पार्षद सीमा नियम

(ब) पार्षद अन्तर्नियम 

(स) प्रविवरण

(द) स्थानापन्न प्रविवरण 

  1. अंश आवेदन खाता हैं।

(अ) व्यक्तिगत खाता

(ब) अव्यक्तिगत खाता 

(स) वास्तविक खाता

(द) नाम मात्र खाता 

  1. कम्पनी की पंजीकृत (अंकित) पूँजी हैं।

(अ) संचित पूँजी

(ब) प्रदत्त पूँजी 

(स) अधिकृत पूँजी

(द) अयाचित पूँजी 

  1. बकाया याचना राशि को दिखाया जाता हैं।

(अ) प्रदत्त पूँजी में से घटाते हैं

(ब) प्रदत्त पूँजी में से जोड़ते हैं 

(स) चालू सम्पत्ति के रूप में

(द) चालू दायित्व के रूप में

  1. जब तक कम्पनी …..प्राप्त नहीं कर लेती है, तब तक वह अंशों का आबंटन नहीं कर सकती (न्यूनतम अभिदान)

(अ) निर्गमित राशि का 60%

(ब) निर्गमित राशि का 70%  (स)निर्गमित राशि का 80%

(द) निर्गमित राशि का 90% 

  1. निर्गमित पूँजी के अंशों की संख्या और प्रार्थित पूँजी के अंशों की संख्या के बीच अन्तर का कारण हो सकता हैं।

(अ) सुरक्षित पूँजी

(ब) अंशों का अपहरण 

(स) अयाचित पूँजी

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. समता अंशधारियों के पास अधिकार होता हैं।

(अ) मतदान का

(ब) 20% लाभांश पाने का 

(स) शोधन के समय प्राथमिकता का 

(द) उपरोक्त सभी 

  1. समता अंशधारक कम्पनी के…… होते हैं। 

(अ) बैंकर्स

(ब) लेनदार 

(स) देनदार 

(द) स्वामी 

  1. अंशों के निर्गमन पर प्राप्त होने वाले प्रीमियम को आर्थिक चिट्ठे के किस शीर्षक के अन्तर्गत दिखाते हैं।

(अ) संचय एवं आधिक्य

(ब) चालू दायित्व तथा प्रावधान 

(स) अंश पूँजी

(द) संदिग्ध दायित्व 

  1. संचय पूँजी का अर्थ हैं।

(अ) अभिप्रार्थित अयाचित पूँजी का एक हिस्सा 

(ब) संचित लाभ 

(स) पूँजी संचय का हिस्सा

(द) पूँजी शोधन संचय का एक हिस्सा 

  1. कम्पनी अधिनियम के अनुसार केवल ऐसे अधिमान (पूर्वाधिकार) अंशों का निर्गमन किया जा सकता है, जिनका शोधन ……. के भीतर हो रहा हो।

(अ) 24 वर्ष 

(ब) 30 वर्ष . 

(स) 25 वर्ष 

(द) 20 वर्ष 

  1. कम्पनी अधिनियम के अनुसार एक कम्पनी अपने अंशों का आबंटन तब तक नहीं कर सकती जब तक……. न प्राप्त हुआ हो। 

(अ) न्यूनतम अभिदान

(ब) आबंटन राशि 

(स) आवेदन राशि

(द) याचना राशि 

  1. कम्पनी के आर्थिक चिट्ठे में अयाचित लाभांश को….. शीर्षक के अन्तर्गत दिखाया जाता है। 

(अ) संचय और आधिक्य

(ब) चालू दायित्व 

(स) असुरक्षित ऋण

(द) विविध व्यय 

  1. अग्रिम याचना पर देय ब्याज की अधिकतम प्रतिशत तालिका ‘एफ’ के अनुसार-

(अ) 5% प्रति वर्ष

(ब) 12% प्रति वर्ष 

(स) 10% प्रति वर्ष

(द) 4% प्रति वर्ष 

  1. लाभांश सामान्यतः भुगतान किया जाता हैं।

(अ) अधिकृत पूँजी पर

(ब) निर्गमित पूँजी पर 

(स) याचित पूँजी पर

(द) पूर्णदत्त/चुकता/प्रदत्त पूँजी पर 

  1. जब अंशों को प्रवर्तक (प्रोत्साहनी) को जारी किया जाता है तो कौन-सा खाता डेबिट किया जाता हैं।

(अ) अंश पूँजी खाता

(ब) सम्पत्ति खाता 

(स) प्रवर्तक खाता 

(द) ख्याति खाता

  1. अंश आबंटन खाता है एक

(अ) वास्तविक खाता 

(ब) अवास्तविक खाता

(स) व्यक्तिगत खाता 

(द) कम्पनी खाता 

  1. यदि कम्पनी एक नियत समय के अन्तर्गत अंशों पर मिली आधिक्य राशि को वापस नहीं कर पाता तो उसे …… प्रतिशत ब्याज देना पड़ता हैं।

(अ) 15% प्रति वर्ष

(ब) 5% प्रति वर्ष 

(स) 7% प्रति वर्ष

(द) 10% प्रति वर्ष

  1. SEBI के अनुसार पूरे निर्गमन का न्यूनतम अभिदान कितना होना चाहिए-

(अ) 95%

(ब) 90%

(स) 5%  

(द) कोई नहीं 

  1. अधिकार अंश किसको निर्गमित किये जाते हैं।

(अ) प्रवर्तकों को उनकी सेवा के लिए 

(ब) परिवर्तनीय ऋण-पत्र के धारक को 

(स) विद्यमान अंशधारियों को

(द) उपरोक्त सभी को 

  1. प्रतिभूति प्रीमियम खाते का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्य के लिए किया जा सकता हैं।

(अ) बोनस अंशों का निर्गमन 

(ब) प्रारम्भिक व्ययों को अपलिखित करना 

(स) शोध्य पूर्वाधिकार अंशों या ऋणपत्रों के शोधन पर देय प्रीमियम की व्यवस्था करना

(द) उपरोक्त सभी 

  1. संचित अंश पूँजी का अर्थ –

(अ) प्रारम्भ में अधिकृत अंश पूँजी के भाग की याचना करना 

(ब) अयाचित पूँजी के भाग को कम्पनी के समापन पर याचित करना 

(स) पूँजी का अधि अभिदान

(द) पूँजी का अल्प अभियाचना 

  1. संचित पूँजी से क्या आशय है?

(अ) मुक्त संचयों से बनाई गई पूँजी 

(ब) पूँजीगत लाभों में से बनाया गया संचय 

(स) अंश पूँजी का वह भाग जिसे विघटन की स्थिति के अतिरिक्त कभी भी नहीं माँगा जा सकता

(द) अंशों के पुनः निर्गमन के पश्चात् अंश हरण खाते का शेष 

  1. अभिदत्त पूँजी और याचित पूँजी के बीच का अन्तर हैं।

(अ) बकाया याचना

(ब) अग्रिम याचना 

(स) अयाचित पूँजी

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. अंशों के निर्गमन के पहले किस विवरण पत्र का निर्गमन किया जाता है? 

(अ) प्रविवरण प्रपत्र

(ब) पार्षद सीमानियम 

(स) पार्षद अन्तर्नियम

(द) उपरोक्त सभी 

  1. प्रदत्त अंश पूँजी ज्ञात करने के लिए याचित अंश पूँजी में से क्या घटाया जाएगा।

(अ) अग्रिम याचनाएँ

(ब) बकाया याचनाएँ 

(स) अंश हरण

(द) अंशों के निर्गमन पर बट्टा 

  1. ‘न माँगी गई पूँजी’ के उस भाग को जो भविष्य में केवल कम्पनी के समापन के समय माँगने के लिए सुरक्षित कर दिया गया है, को कहते हैं।

(अ) अधिकृत पूँजी

(ब) निर्गमित पूँजी 

(स) प्रार्थित पूँजी

(द) संचित पूँजी 

  1. अग्रिम भुगतान याचना खाता ….. में पृथक् से दिखलाया जाता हैं।

(अ) लाभ-हानि विवरण

(ब) खातों की टिप्पणी (Notes to Accounts) 

(स) चिट्टे के दायित्व पक्ष

(द) चिट्ठे के सम्पत्ति पक्ष 

  1. तालिका’F’ के अनुसार दो याचनाओं के मध्य कम से कम ….. का समय होना चाहिये। 

(अ) आधा माह 

(ब) एक माह 

(स) दो माह

(द) तीन माह 

  1. तालिका F के अनुसार याचना की राशि अंश के अंकित मूल्य के ….. से अधिक नहीं होनी चाहिये ।

(अ) 10% 

(ब) 15%

(स) 20%

  (द) 25% 

  1. कम्पनी प्रतिभूति प्रीमियम का प्रयोग कर सकते हैं

(अ) सम्पत्ति का पुनर्मूल्यांकन करने में होने वाली हानि को नियमित करने में 

(ब) पूर्ण प्रदत्त बोनस अंशों का निर्गमन करने के लिए 

(स) लाभांश देने के लिए

(द) लेन-देन से व्यापार में होने वाली हानि को नियमित करने में 

  1. अंशों के निर्गमन पर होने वाली हानि को आर्थिक चिठे की किस श्रेणी में दिखाते हैं

(अ) चालू सम्पत्ति 

(ब) सम्पत्ति पक्ष में बिना अपलिखित व्यय के रूप में 

(स) संचय एवं आधिक्य

(द) चालू दायित्व

  1. ‘स्कन्ध के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन गलत है?

(अ) केवल पूर्णदत्त अंशो को ही स्कन्ध में परिवर्तित किया जा सकता है

(ब) स्कन्ध का निर्गमन असमान राशि में भी किया जा सकता है 

(स) स्कन्ध हमेशा पंजीकृत होता है।

(द) स्कन्ध की कोई क्रम संख्या नहीं होती। 

  1. अंशों के आवेदन पर देय राशि कम से कम कितनी होनी चाहिए

(अ) अंश के अंकित मूल्य का 5% 

(ब) अंश के अंकित मूल्य का 50%

(स) अंश के प्रदत्त मूल्य का 25% 

(द) अंश के प्रदत्त मूल्य का 50% 

  1. न्यूनतम अभिदान राशि कितने दिनों में प्राप्त हो जानी चाहिए

(अ) 90 दिन 

(ब) 60 दिन

(स) 30 दिन

(द) 50 दिन 

  1. सेबी के दिशा निर्देशों के अनुसार न्यूनतम आवेदन राशि ……… कम नहीं होगी – 

(अ) 5% से

(ब) 10% से 

(स) 25% से

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. एक नयी कम्पनी अंशों का निर्गमन नहीं कर सकती-

(अ) प्रीमियम पर

(ब) बट्टे पर 

(स) सम मूल्य पर

(द) बट्टे और प्रीमियम दोनों पर 

  1. अंशों के निर्गमन पर दिया गया बट्टा अपलिखित न करने तक हैं।

(अ) कृत्रिम सम्पत्ति

(ब) स्थायी सम्पत्ति 

(स) अमूर्त सम्पत्ति

(द) चालू सम्पत्ति 

  1. सारणी ‘F’ के अनुसार कम्पनी बकाया माँग पर ब्याज वसूल करती हैं।

(अ) 10% 

(ब) 8% 

(स) 5%

(द) 12% 

  1. अंशों पर न माँगी गई पूँजी राशि जो केवल कम्पनी द्वारा समापन पर ही माँगी जाती है कहलाती हैं।

(अ) संचित पूँजी

(ब) अभिदत्त पूँजी

  (स) माँगी गयी पूँजी

(द) प्रदत्त पूँजी 

  1. अंशों के लिए आवेदन को रद्द करने पर अंश आवेदन खाते को किया जाता हैं।

(अ) डेबिट

(ब) क्रेडिट

(स) दोनों

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. अंशों के सम मूल्य से ऊपर प्राप्त आधिक्य राशि को …. में क्रेडिट किया जाता हैं।

(अ) प्रतिभूति प्रीमियम खाता

(ब) अंश पूँजी खाता 

(स) पूँजी संचय खाता

(द) अग्रिम माँग खाता 

  1. अंश के अंकित मूल्य तथाअंकित मूल्य से नीचे निर्गमन मूल्य के अन्तर की राशि को दर्शाते हैं।

(अ) अंश हरण खाते में

(ब) प्रतिभूति प्रीमियम खाते में 

(स) अंश का बट्टे पर निर्गमन खाते में 

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. अंशों के निर्गमन पर प्रीमियम की अधिकतम दर है।

(अ) 10% 

(ब) 5%

(स) 20% 

(द) असीमित 

  1. निम्नलिखित में से किसका हरण नहीं हो सकता है

(अ) साधारण अंश

(ब) पूर्वाधिकार अंश 

(स) ऋणपत्र

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. अंशों के निर्गमन पर प्रीमियम निर्धारित होता है-

(अ) कम्पनी लॉ बोर्ड द्वारा

(ब) सरकार द्वारा 

(स) निर्गमन करने वाली कम्पनी द्वारा 

(द) सेबी द्वारा 

  1. राशि जिससे अधिक एक कम्पनी अंशों के निर्गम द्वारा कोष नहीं जटा सकती है वह है इसकी

(अ) निर्गमित पूँजी

(ब) संचित पूँजी 

(स) अधिकृत/अंकित पूँजी

(द) प्रार्थित पूँजी 

  1. एक कम्पनी ने समता अंशों की एक निश्चित संख्या के लिये आवेदन आमन्त्रित किये और उस आवेदन राशि के साथ अंशों की अधिक संख्या के लिये आवेदन प्राप्त हए। निम्नलिखित में स कौन से विकल्प स्वीकृत हो सकते हैं –

(i) आधिक्य आवेदनों की धन-वापसी 

(ii) सभी आवेदनों पर आनुपातिक आबंटन और आधिक्य आवेदन राशि की धन-वापसी नहीं (

iii) कुछ आवेदनों पर कोई अंश नहीं आबंटित करना, कुछ आवेदनों पर पूर्ण आबंटन तथा शेष आवेदनों पर आनुपातिक आवेदन

(iv) कुछ आवेदकों को कुछ भी नहीं आबंटित करना और अन्य आवेदकों को आनुपातिक आबंटन 

(अ) केवल (ii)

(ब) (i) और (ii) दोनों 

(स) (ii) और (iv) दोनों

(द) ये सभी 

  1. अधिकार अंशों का प्रस्ताव ……… को दिया जाता है। 

(अ) कम्पनी के प्रबन्धकों

(ब) कम्पनी के प्रवर्तकों 

(स) कम्पनी के मौजूदा अंशधारियों

(द) कम्पनी के बैंकरों 

  1. जब एक विद्यमान कम्पनी अपने विद्यमान अंशधारियों को विक्रय के लिए अपने अंशों का प्रस्ताव देती है तो उसे कहा जाता है-

(अ) निजी आधार पर विक्रय

(ब) अधिलाभांश अंश 

(स) अधिकार अंश

(द) विक्रय के लिये प्रस्ताव 

  1. प्रार्थित पूँजी और प्रदत्त पूँजी का अन्तर कहलाता हैं।

(अ) अदत्त याचनायें

(ब) अग्रिम प्राप्त याचनायें 

(स) अयाचित पूँजी

(द) प्रदत्त पूँजी 

  1. कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 52 के अनुसार प्रतिभूति प्रीमियम की राशि को ….. के उद्देश्य के लिये प्रयोग नहीं किया जा सकता है। 

(अ)पूर्णदत्त अधिलाभांश अंशों के निर्गमन 

(ब) प्रारम्भिक व्ययों के अपलेखन 

(स) कम्पनी की हानियों के अपलेखन

(द) अंशों के निर्गमन पर कमीशन या कटौती के अपलेखन 

  1. स्वैट (Sweat) समता अंश….. को निर्गमित किये जा सकते हैं। 

(अ) कम्पनी के संचालकों

(ब) कम्पनी के कर्मचारियों 

(स) कम्पनी के बैंकर्स

(द) (अ) और (ब) दोनों 

  1. स्वीट (Sweat) समता अंश क्या है?

(अ) ऐसे समता अंश जिनकी सम्पूर्ण राशि आवेदन पर देय है। 

(ब) ऐसे समता अंश जिनकी राशि चार या अधिक किश्तों में देय है।

(स) ऐसे समता अंश जिन्हें नकद के अतिरिक्त किसी अन्य प्रतिफल के बदले निर्गमित किया जाता है।

(द) ऐसे समता अंश जिन्हें हरण करने के पश्चात् पुनर्निर्गमित किया जाता है। 

  1. प्रतिभूति प्रीमियम को …..के अपलेखन के लिये प्रयोग किया जा सकता है। 

(अ) सम्पत्तियों या डूबत ऋण

(ब) प्रारम्भिक व्यय 

(स) अप्राप्य या डूबत ऋण

(द) (ब) और (स) दोनों 

  1. अपने कर्मचारियों या संचालकों को कटौती पर अथवा तकनीकी ज्ञान ( know-how) प्रदान करने या बौद्धिक सम्पदा अधिकारों या मूल्य वृद्धियों की प्रकृति में अधिकार उपलब्ध कराने के लिये नकदी के अतिरिक्त अन्य प्रतिफल के लिये निर्गमित समता अंशों को कहा जाता हैं।

(अ) कर्मचारियों/संचालकों का स्कन्ध विकल्प 

(ब) प्रवर्तक का कोटा 

(स) स्वैट समता अंश

(द) अंशों का अधिकार 

  1. अंशों के आनुपातिक आबंटन का आशय…… अंशों का आबंटन है।

(अ) आवेदकों के बीच बराबर-बराबर 

(ब) संचालकों के विवेक पर 

(स) सभी आवेदकों को आबंटित अंशों के अनुपात में 

(द) केवल कुछ चयनित आवेदकों को 

  1. एक सार्वजनिक कम्पनी के अंशधारियों के दायित्व ….. की सीमा तक स्वीकृत होते हैं।

(अ)अंश के प्रदत्त मूल्य

(ब) अंश के अंकित मूल्य 

(स) अंश के माँगा गये मूल्य

(द) ये सभी

  1. कम्पनी अपनी पूँजी प्राप्त करती हैं।

(अ) जनता से अंश लेकर

(ब) सदस्यों का अंशदान लेकर 

(स) अंशों का निर्गमन करके

(द) बैंकों से अनुदान लेकर 

  1. अधिमान अंशधारी हैं ।

(अ) समता अंशों के समान 

(ब) पूँजी वापसी का पूर्व अधिकार रखने वाले 

(स) पूँजी व लाभांश भुगतान का पूर्वाधिकार रखने वाले

(द) किसी प्रकार का पूर्वाधिकार नहीं 

  1. संचयी अधिमान अंश हैं ।

(अ) अदत्त लाभांश संचित होता है 

(ब) लाभांश व ब्याज दोनों संचित होते हैं

(स) लाभांश व पूँजी दोनों का अधिकार है

 (द) उपरोक्त कोई नहीं 

  1. अधिमान अंशधारकों को अधिकार नहीं होता –

(अ) लाभांश पाने का

(ब) अंश पूँजी प्राप्ति का 

(स) मत देने का

(द) उपरोक्त सभी 

  1. अधिमान अंशधारी प्राप्त करते हैं।

(अ) निश्चित दर से लाभांश

(ब) स्थिर दर से ब्याज 

(स) (अ) और  (ब) दोनों

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

119.31.3.2020 को अंश पूँजी=रू.3,50,000; 31.3.2021 को अंश पूँजी =रू. 4,35,000; वर्ष में बोनस अंशो का निर्गमन =रू. 50,000; वर्ष में स्कन्ध लाभांश (Share Dividend) दिया गया =रू.35,000, रोकड़ में निर्गमित अंशों की राशि क्या होगी?

(अ) रू. 85,000 

(ब) रू. 50,000 

(स) रू. 35,000 

(द) Ni

  1. शोधनीय अधिमान अंशों का शोधन कितने वर्षों में अनिवार्य है ।

(अ) 5 वर्ष

(ब) 10 वर्ष 

(स) 15 वर्ष 

(द) 20 वर्ष 

  1. ऐसे अधिमान अंशधारी जिनका यह अधिकार होता है कि वह समता अंशधारकों को लाभांश देने के बाद बचे हुए लाभों में हिस्सा ले सके, उन्हें कहते हैं।

(अ) परिवर्तनीय अधिमान अंश 

(ब) संचयी अधिमान अंश 

(स) भागयुक्त/अतिरिक्त लाभ सहित अधिमान अंश

(द) उपर्युक्त सभी 

  1. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा कथन केवल पूर्वाधिकारी अंशधारियों पर लागू होता है

(अ) अंशधारी विनियोग की हानि की जोखिम उठाते हैं 

(ब) हानियों के वर्ष में अंशधारी लाभांश नहीं की जोखिम उठाते हैं 

(स) अंशधारियों को सामान्यत: मताधिकार प्राप्त होता है।

(द) प्रत्येक वित्तीय वर्ष में लाभांश की सामान्यत: एक निश्चित राशि होती है 

  1. जब तक अन्यथा न कहा गया हो, एक पूर्वाधिकारी अंश सदैव ही माना जाता है

(अ) असंचयी, अपरिवर्तनीय और असहभागी 

(ब) संचयी, अपरिवर्तनीय और असहभागी 

(स) संचयी, परिवर्तनीय और सहभागी

(द) संचयी, अपरिवर्तनीय और सहभागी 

  1. निम्नलिखित में से किसके लिए जर्नल लेखा करने की आवश्यकता नहीं होती?

(अ) अनिर्गमित अंशों को रद्द करना 

(ब) अंश पूँजी का समाहरण

(स) अंश पूँजी का उप-विभाजन 

(द) अंशों का स्टॉक में परिवर्तन 

  1. कम्पनी की अधिकृत पूँजी का आशय है

(अ) सरकार द्वारा अधिकार सम्पन्न 

(ब) पार्षद सीमानियम में उल्लिखित पूँजी की अधिकतम सीमा 

(स) पार्षद अन्तर्नियम द्वारा निर्धारित सीमा 

(द) कम्पनी लॉ बोर्ड द्वारा निर्धारित सीमा

  1. अभिदत्त पूँजी (Subscribed capital) है-

(अ) संचालकों द्वारा दी गई पूँजी

(ब) अंशधारियों द्वारा चुकाई गई पूँजी 

(स)अंशधारियों द्वारा मांगी गयी पूंजी 

(द) कम्पनी द्वारा आबंटित पँजी 

  1. माँगी गयी पूँजी का आशय है-

(अ) कम्पनी द्वारा निर्गमित अंशों के सम्बन्ध में माँग ली गई पुँजी

(ब)अधिकत पूँजी का वह भाग जो आबंटित कर दिया गया है 

(स) अंशधारियों द्वारा चुका दी गई राशि

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. संचित पूँजी के निर्धारण हेतु आवश्यक है

(अ) कम्पनी द्वारा साधारण प्रस्ताव पारित करना 

(ब) अंशधारियों का सहमति पत्र लेना 

(स) सरकार से अनुमोदन पत्र लेना

(द) कम्पनी का विशेष प्रस्ताव पारित करना 

  1. माँग राशि का भुगतान करने हेतु अंशधारी को कम से कम समय मिलना चाहिए

(अ) 14 दिन 

(ब) 21 दिन 

(स) 30 दिन 

(द) असीमित 

  1. दो माँग राशियों के बीच अन्तर होना चाहिए-

(अ) 15 दिन कम-से-कम

(ब) 21 दिन कम-से-कम 

(स) 1 माह कम-से-कम

(द) 3 माह कम-से-कम 

  1. प्रारम्भिक व्ययों का सम्बन्ध होता है-

(अ) कम्पनी के समापन से

(ब) कम्पनियों के एकीकरण से 

(स) कम्पनी के संविलयन से

(द) कम्पनी के निर्माण से 

  1. अंशों का हरण करने का अधिकार किसका होता है

(अ) कम्पनी के प्रवर्तकों का 

(ब) संचालकों द्वारा कम्पनी के अन्तर्नियम के अनुसार 

(स) वार्षिक सामान्य बैठक में अंशधारियों द्वारा

(द) सरकार द्वारा 

  1. जब अंशों का हरण किया जाता है तो अंश पूँजी खाता किससे डेबिट किया जाएगा

(अ) अंशों के अंकित मूल्य से 

(ब) अंशों की प्रदत्त राशि से 

(स) अंशों की याचित राशि से

(द) हरण की गई राशि से 

  1. अंश हरण खाते का शेष आर्थिक चिट्ठे में कहाँ दिखाया जाता है?

(अ) अंश पूँजी शीर्षक में

(ब) संचय एवं आधिक्य में 

(स) चालू दायित्व में

(द) प्रावधान के अन्तर्गत 

  1. हरण किये गये अंशों के पुनर्निर्गमन पर बट्टे की राशि से डेबिट किया जाता हैं।

(अ) बट्टा खता

(ब) अंश हरण खाता 

(स) अंशों के निर्गमन पर बट्टा खाता 

(द) लाभ-हानि खाता 

  1. हरण किये गये अंशों के पुनर्निर्गमन पर बट्टा दिया जा सकता है___

(अ) हरण की गयी राशि से अधिक 

(ब) हरण की गयी राशि से कम 

(स) हरण की गयी राशि तक

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 

  1. अशा के हरण से पूर्व दोषी अंशधारी को लिखित रजिस्टर्ड डाक द्वारा नोटिस दिया जाना आवश्यक है-

(अ) 7 दिन पूर्व

(ब) 14 दिन पूर्व 

(स) 21 दिन पूर्व

(द) 30 दिन पूर्व

  1. हरण किये अंशों को पुनः निर्गमित करने पर छूट की राशि….. अधिक नहीं होनी चाहिए। 

(अ) 50% अंकित मूल्य की राशि से 

(ब) अंकित मूल्य की राशि से 

(स) 50% हरण खाते की राशि से

(द) हरण खाते की राशि से

  1. अपहृत अंशों के पुनर्निर्गमन पर लाभ हस्तान्तरित कर दिया जाता है-

(अ) सामान्य संचिति को

(ब) पूँजीगत संचिति को 

(स) लाभ-हानि खाते को

(द) अंश पूँजी को 

  1. अंशों के हरण पर अंश पूँजी की प्राप्त राशि से …… को क्रेडिट किया जाता है-

(अ) लाभ-हानि खाता

(ब) अंश हरण खाता 

(स) पूँजी संचय खाता

(द) प्रतिभूति प्रीमियम खाता 

  1. जब अंशों का हरण किया जाता है तो अंश हरण खाते को …….. से क्रेडिट किया जाता है-

(अ) अपहरित अंशों पर माँग गई पूँजी 

(ब) अपहृत अंशों की अवशिष्ट याचनाओं

(स) अपहृत अंशों पर प्राप्त राशि 

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 

  1. निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है-

(अ) अंशों के पुनर्निर्गमन पर हानि उन अंशों के हरण पर लाभ से अधिक नहीं हो सकती है

(ब) जब सभी अपहृत अंशों का पुनर्निर्गमन नहीं किया गया है तो, अंश हरण खाता अभी तक नहीं निर्गमित किये अंशों पर लाभ के बराबर क्रेडिट शेष दर्शायेगा 

(स) जब अंशों का हरण किया जाता है तो जहाँ प्रीमियम नहीं प्राप्त हुआ है, अंश पूँजी के साथ-साथ – प्रीमियम भी डेबिट किया जाता है ।

(द) जहाँ अपहृत अंशों को प्रीमियम पर निर्गमित किया जाता है तो ऐसा प्रीमियम पूँजी संचय खाते को __क्रेडिट किया जाता है. 

  1. अपहृत अंश खाते का शेष है-

(अ) एक आगम संचय

(ब) एक पूँजीगत संचय 

(स) अंश पूँजी का एक भाग

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है –

(अ) अंश आवेदन खाता एक व्यक्तिगत खाता है 

(ब) अपहृत अंशों के पुनर्निर्गमन पर कटौती कम्पनी अधिनियम की धारा 53 में निर्दिष्ट 10% से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

(स) अधिकार निर्गम अथवा अधिकार अंशों का आशय विद्यमान अंशधारियों को प्रस्तावित किये गये अंशों से है। 

(द) कम्पनी के संचालकों को अंशों के हरण को रद्द करने का अधिकार होता है। 

  1. यदि अपहृत अंश (जो मूल रूप से कटौती पर निर्गमित किये गये थे) प्रीमियम पर पुनर्निगमित किये जाते हैं तो ऐसे प्रीमियम की राशि ……में क्रेडिट की जायेगी।

(अ) अंश हरण खाता

(ब) प्रतिभूति प्रीमियम खाता 

(स) पूँजी संचय खाता

(द) अंशों के निर्गम पर कटौती खाता 

  1. निम्नलिखित में से कौन सा कथन असत्य है?

(अ) अपहृत अंशों को प्रीमियम पर निर्गमित नहीं किया जाना चाहिए। 

(ब) अंशों के हरण पर प्रतिभूति प्रीमियम खाता प्राप्त प्रीमियम की राशि से डेबिट नहीं किया जाता है।

  (स) जब तक कुछ शर्त पूरी नहीं की जाती अंशों को कटौती पर निर्गमित नहीं किया जा सकता है।

(द) प्रतिभूति प्रीमियम को पूँजी संचय में नहीं हस्तान्तरित किया जा सकता है। 

  1. यदि अंशों को प्रीमियम पर निर्गमित किया गया है और प्रीमियम की राशि प्राप्त हो गई हतार अंशों के हरण पर

(अ) प्रतिभूति प्रीमियम खाता डेबिट किया जाना चाहिये। 

(ब) प्रतिभूति प्रीमियम खाता क्रेडिट किया जाना चाहिये। 

(स) प्रतिभूति प्रीमियम खाता न तो डेबिट किया जाना चाहिये और न क्रेडिट

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. यदि 10 रू. की दर के अंशों का हरण कर लिया गया हो जिनमें 8 रू. प्रदत्त हों तो ऐसे अंशो की निर्गमन न्यूनतम कितने मूल्य पर होना चाहिए-

(अ) 10 रू. प्रति अंश 

(ब) 8 रू. प्रति अंश 

(स) 5 रू. प्रति अंश

(द) 2 रू. प्रति अंश

  1. मिस्टर X जो कि 10 रू. प्रति अंश की दर के 10,000 अंश धारण किये हैं उसने आवेदन के 3 रू. और आबंटन के 3 रू. का भगतान कर दिया है। उसने 2 रू. की प्रथम याचना का भुगतान नहीं किया है। प्रथम याचना के बाद अंश हरण करने पर अंश पूँजी खाता डेबिट किया जायेगा –

(अ) रू. 5000 से 

(ब) रू. 1,00,000 से 

(स) रू. 80,000 से 

(द) रू. 60.000 से 

150.10 रू. प्रति अंश की दर के 10,000 समता अंश जनता को 2 रू. प्रति अंश के प्रीमियम पर निर्गमित किये 12,000 अंशों के लिए आवेदन आया। प्रतिभूति प्रीमियम खाते में क्रेडिट की जाने वाली राशि होगी? 

(अ) रू. 20000 

(ब) रू.  24,000 

(स) रू. 4,000

(द) रू. 1600 

  1. यदि विक्रेता को रू. 1,20,000 की शुद्ध सम्पत्ति के बदले में रू.  1,00,000 के अंश निर्गमित किये तो रू.  20,000 की शेष राशि क्रेडिट की जाएगी। 

(अ) ख्याति खाते में

(ब) पूँजी संचय खाते में 

(स) विक्रेता खाते में

(द) लाभ-हानि खाते में 

  1. यदि विक्रेताओं को 60,000 रू.  की शुद्ध सम्पत्ति के प्रतिफल में 80,000 रू.  के पूर्ण दत्त अंश निर्गमित किये जाते हैं तो शेष 20,000 रू. से

(अ) लाभ-हानि खाते को डेबिट किया जायेगा 

(ब) ख्याति खाते को डेबिट किया जायेगा 

(स) पूँजी संचय खाते को क्रेडिट किया जायेगा

(द) प्रतिभूति प्रीमियम खाते को क्रेडिट किया जायेगा 

  1. यदि 10 रू.  के एक अंश, जिस पर 8 रू. याचित और 6 रू.  प्रदत्त हैं, का हरण किया जाता है तो अंश पूँजी खाते को डेबिट किया जाना चाहिये-

(अ) 10 रू. से 

(ब) 8 रू. से 

(स) 6 रू. से

(द) 4 रू. से 

  1. यदि 2 रू.  प्रीमियम पर निर्गमित 10 रू.  के एक अंश जिस पर पूरी राशि माँगी जा चुकी है और प्रीमियम सहित 8 रू.  भुगतान हुआ है, अपह्नत किया जाता है तो अंश पूँजी खाते को डेबिट करना चाहिये

(अ) 12 रू. से 

(ब) 10 रू.  से 

(स) 8 रू.  से 

(द) 4 रू. से

  1. टी लि. ने 100 रू.  प्रति के 10,000 समता अंश 20% प्रीमियम पर निर्गम का प्रस्ताव किया। प्रति अंश माँगी जाने वाली न्यूनतम आवेदन धन-राशि होगी?

(अ) 5.00 रू.  

(ब) 6.00 रू. 

(स) 12.00 रू.  

(द) 8.40 रू.  

  1. एक कम्पनी ने 10 रू.  प्रति के 400 अंश अपहृत किये। एक अंशधारी ने इन अंशों पर 3 रू.  प्रति अंश भुगतान किया है और 7 रू.  प्रति अंश प्राप्त नहीं हुआ है। कम्पनी इन अंशों को…….. की अधिकतम कटौती पर पुनर्निर्गमित कर सकती है। 

(अ) 2 रू. 

(ब) 3 रू. 

(स) 4 रू. 

(द) 7 रू. 

  1. यदि 10 रू. का अंश जिस पर 6 रू. का भुगतान हो चुका है का हरण कर दिया गया तो उसे न्यूनतम मूल्य …….. पर पुन: निर्गमित किया जा सकता है।

(अ) 6 रू. प्रति . 

(ब) 4 रू. प्रति 

(स) 10 रू. प्रति

  (द) 8 रू. प्रति 

  1. स्वाति लि० ने रू. 10 पर निर्गमित 4,000 अंशों का हरण रू. 4 आबंटन राशि न चुकाने पर किया। जिन पर रू.9 प्रति अंश याचित था। हरण पर अंश पूँजी खाता डेबिट किया जायेगा

(अ) रू. 20,000 

(ब) रू. 36,000 

(स) रू. 16.000 

(द) रू. 4,000. 

  1. जे० लिमिटेड ने 10 प्रति अंश वाले 2,000 अंश पुनर्निर्गमित किये जिन पर अंश हरण खाते में रू. 3,000 की राशि जमा थी। इन अंशों को रू. 9 प्रति अंश पर पुनर्निर्गमित किया गया। पूँजी संचय खाते में अन्तरित की जाने वाली राशि होगी-

(अ) रू. 3,000 

(ब) रू. 2,000 

(स) रू. 1,000

(द) शून्य 

  1. जी लि० ने एच लि० का अधिग्रहीत किया जिसकी शद सम्पत्ति रू. 75,000 थी जिसके भगतान में वाले अंश रू. 5 प्रीमियम पर निर्गमित किये। क्रय प्रतिफल के भुगतान में जी० लि० को निर्गमित अंश होंगे –

(अ) 6,000 अंश

(ब) 7,500 अंश

(स) 9,375 अंश

(द) 5,000 अंश

  1. एक कम्पनी ने 5,000 अंशों के आवेदन पत्र माँगे। 6,000 अंशों के लिए आवेदन पत्र प्राप्त अंशों का आबंटन यथानुपात किया गया। यदि श्याम ने 180 अंशों के लिए आवेदन किया दर आबंटित अंशों की संख्या होगी-

(अ) 180 

(ब) 200 

(स) 150

(द) 175 

  1. एक्स लि० ने प्रत्येक रू. 10 वाले रू. 200 अंशों का हरण किया, जिन पर रू. 6 प्रति अंश का भगतान किया गया था। कम्पनी ने इन अंशों को रू. 9 प्रति अंश की दर पर पूर्णदत्त रूप में पुनर्निर्गमित किया निम्न में से कौन-सी राशि पूँजी आरक्षित निधि (Capital Reserve) खाते में हस्तान्तरित की जायेगी?

(अ) रू. 1,200 

(ब) रू. 1,000 

(स) रू. 1,800 

(द) रू. 2,000 

  1. एलि० ने 10 रू. प्रति के 20 अंश अपह्नत किये जिन पर 6 रू. प्रति अंश का भुगतान हुआ था। इनमें से 8 अंश 5.50 रू. प्रति अंश पर पूर्णदत्त निर्गमित किये।अंश हरणखाते में डेबिट की जाने वाली राशि हैं।

(अ) 44 रू.

(ब) 36 रू. 

(स) 48 रू.

(द) 80 रू.

  1. एक कम्पनी ने 10% प्रीमियम पर निर्गमित 100 रू. वाले 1,000 समता अंश 30 रू. प्रति अंश की अन्तिम याचना के भुगतान न करने पर अपहृत किये। बाद में ये अंश 10 रू. प्रति अंश कटौती पर पुनर्निर्गमित किये गये। पुनर्निर्गमन पर पूँजीगत संचिति को हस्तान्तरित होने वाला शुद्ध लाभ है

(अ) रू. 80,000 

(ब) रू. 70,000 

(स) रू. 60,000  (द) इनमें से कोई नहीं 

  1. A लि. ने रू. 10 वाले 10% बट्टे पर निर्गमित 1,000 अंशों का हरण रू. 2 प्रथम माँग व रू. 3 द्वितीय माँग राशि का भुगतान न करने पर किया। अपहरण के समय बकाया माँग राशि क्रेडिट की जायेगी

(अ) रू. 4,000 

(ब) रू. 6,000 

(स) रू. 5,000 

(द) इनमें से कोई नहीं 

  1. यदि निर्गमन का आकार रू. 500 करोड़ तक हो तो निर्गमित अंश आबंटन की तिथि से कितनी अवधि में पूर्ण प्रदत्त हो जाने चाहिए-

(अ) 6 माह 

(ब) 10 माह 

(स) 12 माह

(द) 18 माह 

  1. X ने रू. 10 वाले रू. 1 प्रीमियम पर 100 अंशों का निर्गमन किया। जिन पर आवेदन तथा आबंटन पर कुल राशि रू. 5(प्रीमियम के अलावा) भुगतान की गयी थी। शेष राशि रू. 5 माँग पर भुगतान करने में असमर्थ रहा। अंश के पुनर्निर्गमन के समय बट्टे की अधिकतम राशि होगी

(अ) रू. 4 प्रति अंश 

(ब) रू. 5 प्रति अंश 

(स) रू.  2 प्रति अंश 

(द) रू. 6 प्रति अंश 

  1. एक कम्पनी ने रू. 100 वाले 20,000 अधिमान अंश 5% प्रीमियम पर तथा 2,00,000 इक्विटी अश रू. 10 वाले 10% प्रीमियम पर निर्गमित किये। प्रतिभूति प्रीमियम की राशि होगी –

(अ) रू. 1,00,000 

(ब) रू. 2,00,000 

(स) रू. 2,40,000 

(द) रू. 3,00,000 

  1. एक्स कम्पनी ने अके चालू व्यवसाय को रू. 60,000 में खरीदा। क्रय प्रतिफल का भुगतान रू. 10 वाले समता अंश 20% प्रीमियम पर निर्गमित करके किया। निर्गमित अंशों की संख्या होगी-

(अ) 5,000 

(ब) 7,500 

(स) 5,000

(द) 8,000. 

  1. एक कम्पनी ने 10 प्रति अंश की दर से 2000 अंश जो कि सम मूल्य पर निर्गमित किए गए थे उनका जब्त कर लिया गया, क्योंकि अने उस पर 4 रू. की आबंटन राशि नहीं दी थी। प्रति अंश कायाचित मूल्य 9 था। अंशों को जब्त करने के समय अंश पूँजी में कितनी राशि डेबिट की जायेगी

(अ) 10,000 

(ब) 8,000 

(स) 2,000 

(द) 18,000. 

  1. एलि० ने एच लि० की सम्पत्ति को 15,00,000 में क्रय किया और इसके बदले में 100 रू. की दर के अंश 25 प्रतिशत प्रीमियम पर निर्गमित किए। क्रय प्रतिफल के निपटान हेतु ऐसे कितने अशा निर्गमन करना पड़ेगा-

(अ) 12,000 अंश 

(स) 18,750 अंश

(ब) 15,000 अंश 

(द) 11,250 अंश

  1. मिस्टर रमेश जो कि 100 रू. प्रति अंश कीदरसे 5,000 अंश धारण किए हैं उसने आवेदन के 30 रू. एंव आबंटन के 40 रू. का भुगतान कर दिया है। उसने 20 रू. की प्रथम याचना का भुगतान नहीं। प्रथम याचना के पश्चात अंश हरण करने पर अंश पँजी खाता डेबिट किया जायेगा –

(अ) 5,00,000 

(ब) 2,00,000 

(स) 450.000 

(द) 6,00,0

  1. वाई लिमिटेड ने रवि के 10 रू. वाले 200 अंशों का हरण किया जिन पर 8 रू.माँगा गया था, इन पर रवि ने प्रार्थना पत्र एवं आबंटन का 3 रू. प्रति अंशदे दिया था। इनमें से 120 अंशो का 8 रू. प्रति अंश

पूर्णदत्त अंशो के रूप में पुन: निर्गमित कर दिया गया। पूंजी संचय खाते में हस्तान्तरित होने वाली राशि होगी-

(अ) 420 रू. 

(ब) 600 रू. 

(स) 360 रू. 

(द) 120 रू. 

  1. 100 रू.  वाले 200 समता अंश 30 रू.  की अन्तिम याचना का भुगतान न करने के कारण जब्त कर लिए गए। इन्हें 10 र प्रति अंश प्रीमियम पर पुनर्निर्गमित कर दिया गया। पूँजी संचय में अन्तरित राशि है –

(अ) 10.000 रू. 

(ब) 12,000 रू. 

(स) 14,000 रू. 

(द) 16,000 रू.  

  1. एक कम्पनी ने 10 रू.  वाले पूर्ण याचित 1,000 अंश जिन पर 6,000 रू.  का भुगतान किया गया है अपहत किये। इनमें से 800 अंश 6,600 रू.  के भुगतान पर पुनर्निगमित कर दिए गए। पूँजीगत संचय में कितनी राशि अन्तरित की जायेगी-

(अ) 4,800 रू. 

(ब) 5,000 रू.  

(स) 4,500 रू.  

(द) 3,400 रू.


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